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दो गुटों में बंटा आशा उषा कार्यकर्ता संगठन, एक ने खत्म की हड़ताल तो दूसरे ने दी पदयात्रा की धमकी

आशा उषा कार्यकर्ताओं का संगठन अब दो गुट में बंट चुका है. पहले गुट ने मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी, तो वहीं दूसरे गुट ने अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर पद यात्रा की धमकी दी है.

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Published : Jun 27, 2021, 8:11 PM IST

Updated : Jun 27, 2021, 8:19 PM IST

Asha Usha Workers Strike
आशा उषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल

भोपाल। प्रदेश में आशा उषा कार्यकर्ताओं (Asha Usha Workers) का संगठन दो गुट में बंट गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के आश्वासन के बाद एक गुट ने जहां अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है, वहीं दूसरा गुट अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़ा हुआ है. नाराज गुट ने 29 जून (मंगलवार) को प्रदेश भर में पद यात्रा की चेतावनी दी है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आश्वासन मिलने के बाद आशा उषा कार्यकर्ताओं के एक संगठन ने हड़ताल समाप्त कर दी, तो दूसरा संगठन अभी भी मैदान में है. इनका कहना है कि अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन दिया है, जब तक लिखित में कोई भी आदेश पारित नहीं होता तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

आशा उषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल

संगठन के नाराज गुट ने दी चेतावनी

आशा उषा कार्यकर्ता संगठन के नाराज गुट ने कहा कि प्रदेश में 80 हजार से अधिक आशा उषा कार्यकर्ता हैं, जो दिन रात मेहनत कर सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाती हैं. ऐसे में 28 तारीख तक अगर इनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 29 तारीख को सुबह प्रदेश भर में पद यात्रा शुरू करेंगे और राजधानी में आकर समापन करेंगी. इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की होगी.

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वापस ली थी हड़ताल

आशा उषा कार्यकर्ताओं के एक संगठन ने पिछले दिनों अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर 20 जून को आशा उषा सहयोगिनी संगठन ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. 22 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव और भोपाल की जिला अध्यक्ष कविता सैनी और संगठन के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर उनसे बात की थी.

मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं और मांगों को सुनने के बाद आश्वासन दिया था कि जल्द ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर आशा उषा और सहयोगिनी के हितों को लेकर चर्चा की जाएगी.

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संगठन के पदाधिकारियों ने की थी अपील

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आश्वासन मिलने के बाद संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने सभी आशा कार्यकर्ताओं से कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने काम पर लौटने का आग्रह किया था. आशा उषा सहयोगिनी संगठन की जिला अध्यक्ष कविता सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात होने के बाद संगठन की सभी आशा उषा कार्यकर्ता अपने अपने काम पर लौट गई हैं और टीकाकरण में बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे हैं.

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क्या थी मांगें

  • आशा सहयोगी को 30 दिन का पूरा भुगतान प्रदान किया जाए.
  • आशा सहयोगी का पेट्रोल भत्ता बढ़ाया जाए, क्योंकि एक कार्यकर्ता पर 15 से 16 गांव की जिम्मेदारी रहती है.
  • आशा कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी की मान्यता मिले.
  • आशा कार्यकर्ताओं को प्रत्येक गांव के आरोग्य केंद्र से पृथक किया जाए.
  • आशा कार्यकर्ताओं जो कि नौ माह तक गर्भवती माताओं का ध्यान रखकर उनकी डिलीवरी करवाती हैं, उसका पारितोषिक 600 रुपये के स्थान पर 1200 रुपये किया जाए.
  • आशा सहयोगी को 15000 रुपये और उषा कार्यकर्ता को 10,000 रुपये प्रति माह फिक्स मानदेय दिया जाए.
  • शहरी आशा कार्यकर्ता व ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को सामान वेतन दिया जाए.

भोपाल। प्रदेश में आशा उषा कार्यकर्ताओं (Asha Usha Workers) का संगठन दो गुट में बंट गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के आश्वासन के बाद एक गुट ने जहां अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है, वहीं दूसरा गुट अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़ा हुआ है. नाराज गुट ने 29 जून (मंगलवार) को प्रदेश भर में पद यात्रा की चेतावनी दी है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आश्वासन मिलने के बाद आशा उषा कार्यकर्ताओं के एक संगठन ने हड़ताल समाप्त कर दी, तो दूसरा संगठन अभी भी मैदान में है. इनका कहना है कि अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन दिया है, जब तक लिखित में कोई भी आदेश पारित नहीं होता तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

आशा उषा कार्यकर्ताओं की हड़ताल

संगठन के नाराज गुट ने दी चेतावनी

आशा उषा कार्यकर्ता संगठन के नाराज गुट ने कहा कि प्रदेश में 80 हजार से अधिक आशा उषा कार्यकर्ता हैं, जो दिन रात मेहनत कर सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाती हैं. ऐसे में 28 तारीख तक अगर इनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 29 तारीख को सुबह प्रदेश भर में पद यात्रा शुरू करेंगे और राजधानी में आकर समापन करेंगी. इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की होगी.

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वापस ली थी हड़ताल

आशा उषा कार्यकर्ताओं के एक संगठन ने पिछले दिनों अपनी हड़ताल वापस ले ली थी. अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर 20 जून को आशा उषा सहयोगिनी संगठन ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. 22 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव और भोपाल की जिला अध्यक्ष कविता सैनी और संगठन के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर उनसे बात की थी.

मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं और मांगों को सुनने के बाद आश्वासन दिया था कि जल्द ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर आशा उषा और सहयोगिनी के हितों को लेकर चर्चा की जाएगी.

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संगठन के पदाधिकारियों ने की थी अपील

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आश्वासन मिलने के बाद संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने सभी आशा कार्यकर्ताओं से कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने काम पर लौटने का आग्रह किया था. आशा उषा सहयोगिनी संगठन की जिला अध्यक्ष कविता सैनी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात होने के बाद संगठन की सभी आशा उषा कार्यकर्ता अपने अपने काम पर लौट गई हैं और टीकाकरण में बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे हैं.

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क्या थी मांगें

  • आशा सहयोगी को 30 दिन का पूरा भुगतान प्रदान किया जाए.
  • आशा सहयोगी का पेट्रोल भत्ता बढ़ाया जाए, क्योंकि एक कार्यकर्ता पर 15 से 16 गांव की जिम्मेदारी रहती है.
  • आशा कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी की मान्यता मिले.
  • आशा कार्यकर्ताओं को प्रत्येक गांव के आरोग्य केंद्र से पृथक किया जाए.
  • आशा कार्यकर्ताओं जो कि नौ माह तक गर्भवती माताओं का ध्यान रखकर उनकी डिलीवरी करवाती हैं, उसका पारितोषिक 600 रुपये के स्थान पर 1200 रुपये किया जाए.
  • आशा सहयोगी को 15000 रुपये और उषा कार्यकर्ता को 10,000 रुपये प्रति माह फिक्स मानदेय दिया जाए.
  • शहरी आशा कार्यकर्ता व ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को सामान वेतन दिया जाए.
Last Updated : Jun 27, 2021, 8:19 PM IST
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