भोपाल। आप कतार में हैं...कृपया प्रतीक्षा करें. प्रदेश कांग्रेस संगठन में लंबे समय से अपनी बारी की बाट जोह रहे कांग्रेस के यूथ ब्रिग्रेड को लगता है अभी और इंतजार करना पड़ेगा. चुनाव के पहले कांग्रेस में हुए फेरबदल के बाद ये सियासी अटकलें तेज हुई हैं. वजह ये है कि, मुकुल वासनिक की जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल को एमपी का प्रभारी बनाया गया है. सुनते हैं कि बुजुर्ग कांग्रेसियों को जोड़ने में इनका विशेष योगदान है. यह वे प्रयोग दिल्ली में भी कर चुके हैं. अब एमपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि, पीसीसी मुख्यालय में बुजुर्ग कांग्रेसियों का सितारा तो हमेशा बुलंद रहना है. नौजवानों की बारी जाने कब आएगी. (Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips)
पोषण आहार घोटाले में किसको मिला सियासी निवाला: एमपी के पोषण आहार घोटाला बीजेपी के लिए संकट हो सकता है, लेकिन आम आदमी पार्टी तो इसके जरिए एमपी में अपनी सियासी सेहत सुधारने मे जुट गई है. यूं भी निकाय चुनाव से आम आदमी पार्टी की एमपी में हुई ठीक ठाक एंट्री के बाद फिलहाल (AAP) के हौसले बुलंद हैं. एक महापौर और 42 पार्षद हैं. जो इस चुनाव में जीते हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) को पूरा यकीन है कि, ये कारवां 2023 के विधानसभा चुनाव में और रफ्तार से आगे बढ़ेगा. यही वजह है कि, पार्टी लंबे समय से ऐसे मुद्दों को लपकने की जुगत में थी. जिसके जरिए जनता से सीधा कनेक्ट बनाए जा सके. इस बीच एमपी में पोषण आहार घोटाला सामने आना आम आदमी पार्टी के लिए तो जैसे मूंह मांगी मुराद पूरी हो जाने जैसा हो गया. कांग्रेस तो केवल ट्विटर पर घेरती रही लेकिन आप ने सड़क पर आकर बता दिया कि, चुनावी साल लगने से पहले ही चुनावी दंगल शुरु कर हो चुका है.
MP Political Gossips: एमपी में बड़े बदलाव की संभावना, इस बार के चुनाव में संकट मोचक इनका हरेंगे संकट
नेताजी जी अपनी दीदी को क्यों भूले: बीजेपी (BJP) की राजनीति में इन दिनों एक नेता के जन्मदिन के शक्ति प्रदर्शन और बैनर होर्डिंग को लेकर बड़े किस्से हैं. किस्से इस बात पर नहीं कि जिस पार्टी में दिग्गज बार बार कहते हैं कि बैनर होर्डिंग से नेता कार्यकर्ता बाज आएं. वहां ये नेता हैं कि मानते नहीं. वजह बैनर होर्डिंग पर लगी तस्वीरे हैं. राजनीति में अगर आपको समझना हो कि कौन किसकी छत्रछाया में है तो होर्डिंग बैनर उसका सबसे बेहतर प्रमाण होता है, लेकिन इन नेताजी का मामला दूसरा है. इनका होर्डिंग एक दिग्गज नेत्री से किनारा कर लेने की कहानी बयां कर रहा है. कभी मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं नेत्री के आर्शीवाद से इन नेताजी का पार्टी में पद कद और रुतबा बढ़ा, लेकिन उनके तिलक चंदन किया जाता है. सियासत में बेशक जो हाशिए पर हो उसे नहीं मिलते कहार. जिसने जमीन आसमान दिया हो उस नेता से किनारा कर जाना भी तो कायदे की बात नहीं है.(Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers)
वैधानिक चेतावनी: कृपया ध्यान दें...इस सेग्मेंट में किसी भी नेता और अधिकारी के निजी जीवन से जुड़ी बातों का कोई लेना देना नहीं है, यह आर्टिकल मध्य प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं की गॉसिप्स है.