भोपाल। बीजेपी के मंत्रियों की तैयारी ये है कि चुनावी साल के पहले की इस दिवाली को यादगार कैसे बनाएं. संकट ये कि दिवाली के एन बाद इन मंत्रियों की परफर्रामेंस परखी जानी है और तैयार होना है रिपोर्ट कार्ड. जाहिर है उसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर कौन कमजोर और कौन मजबूत ये भी तय होगा. असल में मंत्री भी जानते हैं कि, आने वाले साल की दीपावली आने तक तो चुनावी माहौल पूरी तरह शबाब पर आ जाएगा. मुमकिन है कि, चुनाव की तारीखों का भी एलान हो चुका हो. अब कौन जानता है कि, सत्ता वाली दिवाली मनाने का मौका फिर किसे मिल पाता हैं, लेकिन परर्फारमेंस की तलवार है कि उन्हें चैन से रूतबे वाली दिवाली मनाने नहीं दे रही.(Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips) (Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers).
तजुर्बे पर या चेहरे पर वोट: इधर जो दूसरे उम्मीदवार पीसीसी मुख्यालय पहुंचे उनके आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संभालना मुश्किल हो रहा था. वो इसलिए क्योंकि, कांग्रेस में दर्शनीय कैटेगरी में रखे जाने वाले शशि थरुर वो नेता हैं, जिनके बयान से ज्यादा तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती हैं. लिहाजा उनके साथ सैल्फी के ख्वाहिशमंदों की भी लंबी कतार थी. अब चर्चा ये चल रही है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के तजुर्बे पर वोट पड़ते हैं या शशि थरुर के चेहरे पर.
MP Political Gossips: एमपी में बड़े बदलाव की संभावना, इस बार के चुनाव में संकट मोचक इनका हरेंगे संकट
बताओ तो कितने आदमी थे: शोले का वो डायलॉग याद है ना..बताओ कितने आदमी थे. ग्वालियर चंबल में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद मुमकिन है कि, ये सवाल सिंधिया समर्थक बीजेपी के उन नेताओं से पूछा जाए जिन्हें शाह के कार्यक्रम के दौरान भीड़ जुटाने की जवाबदारी सौंपी गई. असल में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे के दौरान सिंधिया की साख दांव पर लगी रही और सिंधिया समर्थक नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाकायदा भीड़ जुटाने का टारगेट भी दिया गया. अब चूंकि चुनाव के पहले का साल है लिहाजा विधायकों की चिंता भी जायज है कि, अगर कहीं परफार्मेंस जरा सी भी बिगड़ी तो सीधे उनकी उम्मीदवारी पर असर दे जाएगी. सुना तो ये भी है कि, गृह मंत्री के जाने के बाद बाकायदा क्लास भी लगेगी और एक एक जिम्मेदार से पूछा जाएगा बताओ किसके कितने आदमी थे. (Andar Ki Laye Hain) (MP Political Gossips) (Bhopal bureaucracy gossips) (Mp politicians bureaucrats whispers).
वैधानिक चेतावनी: इस सेग्मेंट में किसी भी नेता और अधिकारी के निजी जीवन से कोई लेना देना नहीं है, यह आर्टिकल मध्य प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं की गॉसिप्स है.