भोपाल। 65 साल के बिशन सिंह लगभग 2 वर्षां से एक विचित्र बीमारी से ग्रसित थे. उनके चेहरे में दाहिनी तरफ बेहद तेज दर्द होता था, जोकि बिजली के झटके जैसा होता था. इस दर्द के कारण न तो वह दांत साफ कर सकता था, न ही खाना खा पाता था. यहां तक कि चेहरे पर हवा लगने से भी वह तीव्र दर्द होता था. इस परेशानी के चलते वह हर संभव जगह पर इलाज कराने पर भी पूरी तरह से राहत नहीं मिली. दर्द कम करने वाली दवाइयों की वजह से उसके लीवर पर भी दुष्प्रभाव दिखने लगा था. (patient treatment suffering trigeminal neuralgia)
भोपाल एम्स में ट्राईजेमिनल न्यूराल्जिया का इलाज संभव: बिशन सिंह के बेटे को उसके एक परिजन से भोपाल एम्स में चल रहे पेन क्लीनिक के बारे में पता चला. एम्स भोपाल के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा संचालित टीम द्वारा परीक्षण करने पर डाक्टर्स की टीम द्वारा बताया गया कि इस बीमारी का नाम ट्राईजेमिनल न्यूराल्जिया है. जिसका सफलतापूर्वक इलाज एम्स भोपाल में संभव है. डॉ. जेपी शर्मा प्राध्यापक एवं प्रभारी विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया विभाग द्वारा बताया गया कि, ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक अत्यंत पीड़ादायक बीमारी है और इसे सुसाइड डिसीज (Suicide disease) भी कहा जाता है. इससे मरीज वेदना के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
सीमित संख्या में हैं प्रशिक्षित डॉक्टर: पेन क्लीनिक में दर्द की बीमारियों का इलाज: डॉ. अनुज जैन ने बताया कि, उन्होंने बिशन सिंह का इलाज परक्यूटेनियस बैलून कम्प्रेशन नामक तकनीक से किया गया है. इस इलाज में कोई चीरा या टांका नहीं लगाया जाता. मरीज के आपरेशन में लगभग एक घंटे का समय लगा. अब बिशन सिंह अपने दर्द से पूरी तरह मुक्त हो चुका है और इसके लिए मरीज ने डॉक्टर्स की टीम का आभार व्यक्त किया. डॉ. अनुज जैन ने बताया कि, पेन क्लीनिक में असाध्य दर्दों जैसे कैंसर का दर्द, कमर दर्द, कंधे, पैरों के दर्द इत्यादि बीमारियों का इलाज किया जाता है. डॉ. अनुज जैन ने बताया कि, पूरे भारत में दर्द प्रबंधन के कुछ ही प्रशिक्षित डॉक्टर हैं. मरीजों की संख्या को देखते हुए और अधिक विषेशज्ञों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है जिसके जिए एम्स भोपाल कटिबद्ध है. (pain diseases treatment in pain clinic bhopal AIIMS)