भोपाल। कोरोना का कहर लगातार जारी है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में 15 मई तक लॉकडाउन की घोषणा भी कर दी है. संक्रमण को रोकने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी इससे अभी कोई राहत देखने को नहीं मिल रही है. हालांकि उम्मीद है कि लॉकडाउन से कुछ राहत मिलें. एक ओर जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या रूकने का नाम ही नहीं ले रही है, वहीं दूसरी ओर इससे मरने वालों के भी तादाद कुछ कम नहीं हैं. राजधानी के बिलखिरिया थाना में पदस्थ एक 32 वर्षीय सिपाही की मौत की खबर सामने आई है. वे कोरोना से उबर चुके थे, लेकिन लागातार बिगड़ती उनकी स्वास्थ्य हालात ने उन्हें जिंदगी की जंग में हरा दिया.
कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव के बावजूद भी बिगड़ते गए हालात
बिलखिरिया थाना में पदस्थ सिपाही की बीते रात इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. सिपाही सुरेश विश्वकर्मा 32 वर्ष के थे और 2 महीने से उनका इलाज चल रहा था. पहले वो कोरोना पॉजिटिव आए फिर बाद में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव भी हो गई थी. इस बीच उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई. इसे देख फिर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोमवार रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
बेचमेट साथियों ने की थी मदद
बता दें कि सिपाही की शादी 3 वर्ष पहले हुई थी. उनका एक दो साल का बच्चा भी है. जानकारी के मुताबिक सिपाही की तबीयत बिगड़ने पर उनके बेचमेट साथियों ने मदद की हाथ बढ़ाई थी. लगभग 1 लाख रुपए का चेक उनके परिजनों को सौंपा. इतनी मदद के बावजूद भी सिपाही की तबीयत में कोई सुधार नहीं आया. आखिरकार देर रात सोमवार को वह सिपाही मौत से जिंदगी का जंग हार गया.
#Vaccination In Vehicle: टीका लगवाने के लिए लोग पहुंचे रहे होटल लेक व्यू अशोका
डीआईजी समेत पुलिस कर्मियों ने दी नम आंखों से विदाई
चुना भट्टी क्षेत्र में डीआईजी समेत पुलिस कर्मियों ने नम आंखों से सुरेश विश्वकर्मा को अंतिम विदाई दी. वहीं बताया जा रहा है कि सुरेश की 24 अप्रैल को तबीयत बिगड़ी थी. उसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां हंड्रेड परसेंट ऑक्सीजन वेंटिलेटर पर उन्हें रखा गया था, लेकिन सिपाही की तबीयत में कोई सुधार नहीं देखने को मिला. सोमवात देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सिपाही के पिता भी पुलिस विभाग में है और राजधानी भोपाल के एमपी नगर थाने में पदस्थ हैं.