भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के छापे ने मध्यप्रदेश की राजनीति में तूफान ला दिया है. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हुई इस कार्रवाई ने राजनीतिक दंगल में अब बदले की सियासत दंभ भर रही है. इसी के चलते कांग्रेस अब बीजेपी के कार्यकाल में हुये घोटालों की पोल खोल काउंटर अटैक करने की तैयारी में नजर आ रही है.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि पूरा भारत इस बात का गवाह है कि जिस तरह से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, यूपी और पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्यप्रदेश में प्रतिपक्ष दलों को चुन चुनकर बदनाम करने की नियत से उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. पहली बार भारत में ऐसा हो रहा है कि संवैधानिक संस्थाएं किसी दल विशेष के लिए औजार के रूप में काम कर रही हैं.
वहीं इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि सीएम कमलनाथ को राजनीति और संवैधानिक मान्यताओं का लंबा अनुभव है. उनको इस बात पर चिंता करना चाहिए कि जब कोई विभाग कार्रवाई कर रहा है, तो पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास क्यों किया, क्या इसमें कमलनाथ की भी सहमति थी या उनके उथले हुए लोग उनकी नजदीकी पाने के लिए इस तरह का कदम उठा रहे थे. वहीं कमलनाथ के करीबियों पर हुई कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताने के सवाल पर उनका कहना है कि देशभर में आचार संहिता लगी हुई है. ऐसे में सरकारें बिल्कुल निष्प्रभावी हो जाती हैं. यह एक बड़ी केंद्रीय एजेंसी आयकर विभाग की कार्रवाई है.
क्या अब बीजेपी की बारी..?
सियासी हलकों में इस चर्चा में तेजी से जोर पकड़ा है कि पूर्व सरकार के घोटालों पर अब तक चुप्पी साधे रही, कमलनाथ सरकार बदले की भावना से मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं को निशाना बना सकती है. खासकर भ्रष्टाचार के उन मुद्दों को लेकर कमलनाथ सरकार कार्रवाई कर सकती है, जिसे कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जोर- शोर से उठाया था. जिसमें शिवराज सिंह से लेकर उनके परिवार और भाजपा के कई नेताओं सहित भाजपा राज के समय के नौकरशाहों पर कई गंभीर आरोप लगे थे. इन घोटालों में व्यापमं घोटाला, ई-टेंडर घोटाला,पोषण आहार घोटाला और विज्ञापन घोटाले जैसी कई घोटाले हैं. शिवराज सिंह के परिवार को नर्मदा उत्खनन मामले में भी निशाने पर लिया जा सकता है.
लोकसभा चुनाव के बाद हो सकती है कार्रवाई
प्रशासनिक हलकों में तो यहां तक चर्चा है, कि मध्यप्रदेश की सरकार के EOW और लोकायुक्त जैसे विभागों ने इन घोटालों को लेकर अपनी जांच तेज कर दी है. संभावना तो यह भी है कि लोकसभा चुनाव के बीच कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है. इन मामलों पर कार्रवाई को लेकर कांग्रेस भी इनकार नहीं कर रही है और कांग्रेस का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. वहीं भाजपा का कहना है कि अगर किसी ने जनता के हक के पैसे में भ्रष्टाचार किया है, तो कार्रवाई जरूर होना चाहिए, लेकिन राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए.