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भोपाल: 7 सांसदो के नहीं मिला टिकट, विरोध के बावजूद कई सांसद को मिला दोबारा मौका

मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपने 7 सांसदों के टिकट काटे दिए तो वहीं अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करने वाले राजगढ़ सांसद रोडमल नागर को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है.

राजो मालवीय, बीजेपी प्रवक्ता
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Published : Mar 29, 2019, 9:40 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी 7 सांसदों के टिकट काटे गए हैं तो वहीं अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करने वाले नेताओं को टिकट मिल गए हैं. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय जो फार्मूला इस्तेमाल किया था, वहीं लोकसभा चुनाव के समय भी कर रही है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि उम्मीदवार को लेकर कई स्तर की बैठकें की जा रही है और उसके बाद ही उम्मीदवार की घोषणा की जा रही है. इसके बाद भी नेता असंतोष नजर आ रहे हैं.

राजो मालवीय, बीजेपी प्रवक्ता

बीजेपी ने आज 3 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की हैं. इनमे सबसे चौकाने वाला राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का है, जिनका बीजेपी चुनाव समिति की बैठक के दौरान भारी विरोध हुआ था. बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रत्याशी बदलने की मांग की थी और नागर तेरी खैर नहीं जैसे नारे लगाए थे. इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है. हालांकि पार्टी नागर की 2014 में हुई जीत के आंकड़े को भी नजर अंदाज नहीं कर सकती. पिछले चुनाव में नागर की ढाई लाख वोटों से जीत हुई थी.

वहीं बालाघाट सीट से सांसद बोध सिंह और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के बीच का विवाद भी जग जाहिर है. यही वजह है कि इस बार बिसेन बालाघाट से अपनी बेटी मौसम के लिए तो बोध सिंह अपने लिए टिकट की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए और नेताओं के बीच के मनमुटाव को देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ढाल सिंह विसेन को उम्मीदवार घोषित किया है. हालांकि पिछले कुछ समय से वे सक्रिय राजनीति से दूर नजर आ रहे थे.

बात करें खरगोन लोकसभा सीट की तो यहां के मौजूदा सांसद सुभाष पटेल के टिकट कटने पर उनकी जगह पार्टी ने गजेंद्र पटेल को टिकट दिया है. सुभाष पटेल के खिलाफ भी क्षेत्र में जबरदस्त विरोध था. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए भी कार्यकर्ताओं ने पटेल पर आरोप लगाया था. सुभाष 2014 में 257879 वोटों से जीते थे लेकिन उन पर गुटबाजी और क्षेत्र में उनके न रहने के आरोप हमेशा लगते रहे. गजेंद्र वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी 7 सांसदों के टिकट काटे गए हैं तो वहीं अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करने वाले नेताओं को टिकट मिल गए हैं. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय जो फार्मूला इस्तेमाल किया था, वहीं लोकसभा चुनाव के समय भी कर रही है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि उम्मीदवार को लेकर कई स्तर की बैठकें की जा रही है और उसके बाद ही उम्मीदवार की घोषणा की जा रही है. इसके बाद भी नेता असंतोष नजर आ रहे हैं.

राजो मालवीय, बीजेपी प्रवक्ता

बीजेपी ने आज 3 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की हैं. इनमे सबसे चौकाने वाला राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का है, जिनका बीजेपी चुनाव समिति की बैठक के दौरान भारी विरोध हुआ था. बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रत्याशी बदलने की मांग की थी और नागर तेरी खैर नहीं जैसे नारे लगाए थे. इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है. हालांकि पार्टी नागर की 2014 में हुई जीत के आंकड़े को भी नजर अंदाज नहीं कर सकती. पिछले चुनाव में नागर की ढाई लाख वोटों से जीत हुई थी.

वहीं बालाघाट सीट से सांसद बोध सिंह और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के बीच का विवाद भी जग जाहिर है. यही वजह है कि इस बार बिसेन बालाघाट से अपनी बेटी मौसम के लिए तो बोध सिंह अपने लिए टिकट की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए और नेताओं के बीच के मनमुटाव को देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ढाल सिंह विसेन को उम्मीदवार घोषित किया है. हालांकि पिछले कुछ समय से वे सक्रिय राजनीति से दूर नजर आ रहे थे.

बात करें खरगोन लोकसभा सीट की तो यहां के मौजूदा सांसद सुभाष पटेल के टिकट कटने पर उनकी जगह पार्टी ने गजेंद्र पटेल को टिकट दिया है. सुभाष पटेल के खिलाफ भी क्षेत्र में जबरदस्त विरोध था. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए भी कार्यकर्ताओं ने पटेल पर आरोप लगाया था. सुभाष 2014 में 257879 वोटों से जीते थे लेकिन उन पर गुटबाजी और क्षेत्र में उनके न रहने के आरोप हमेशा लगते रहे. गजेंद्र वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं.

Intro:मध्यप्रदेश में मोजूदा 18 सीटों पर 7 सांसदों के टिकिट काटे ग गए है...... तो वही अपने ही छेत्र में विरोध का सामना करने वाले नेतायों ने टिकिट पा ली है..... bjp ने जो फार्मूला विधानसभा चुनाव के समय टिकिट बटवारे के समय इस्तेमाल किया था,लगता वही लोकसभा चुनाव में किया जा रहा है ।हालांकि bjp का कहना है कि उम्मीदवार को लेकर कई स्तर की बैठकें की जा रही है । उसके बाद ही उम्मीदवार की घोषणा की जा रही है, और यदि ऐसा है तो आखिर क्यों इतने असन्तोष नेता नजर आ रहे है । जिन पर कांग्रेस की नजर है। और कुछ नेता तो उनके सम्पर्क में भी है


Body:bjp ने हाल ही में 3 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है... इनमे सबसे चौकाने वाला राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का है, जिनका bjp चुनाव समिति की बैठक के दौरान bjp प्रदेश कार्यालय में भारी विरोध हुआ था। बड़ी संख्या में कार्यकर्तायो ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान , केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रत्याशी बदलने की मांग की थी...और नागर तेरी खेर नही जैसे नारे लगाए थे.... लेकिन पार्टी ने उन्हें आज दोबारा टिकिट दे दिया.... हालांकि पार्टी नागर की 2014 में हुई जीत के आंकड़े को भी नजर अंदाज नही कर सकती। पिछले चुनाव में नागर को 5 लाख 96 हज़ार 727 वोट मिले थे और कांग्रेस नारायण सिंह को 3 लाख 64 हजार 290 वोट यानी नागर की जीत , ढाई लाख वोटों से हुई थी।

अब बात करे बालाघाट सीट की.... तो सांसद बोध सिंह और , पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बीच का विवाद भी जग जाहिर है । और यही वजह है कि इस बार बिसेन बालाघाट से अपनी बेटी मौसम के लिए टिकिट की मांग कर रहे ,और बोध सिंह अपने । और पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए । पूर्व केंद्रीय मंत्री ढाल सिंह विसेन को उम्मीदवार घोषित किया। हालांकि पिछले कुछ समय से वे सक्रिय राजनीति से दूर नजर आ रहे थे. और पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें या विधानसभा चुनाव की, बिसेन ने ने इन चुनावों में कोई दिलचस्पी नही थी। लेकिन इस बार bjp ने इन दोनों नेतायों के बीच चल रहे तनाव को ध्यान में रखते हुए ,नया रास्ता निकाला और ढाल सिंह बिसेन न फाइनल किया।मतलब साफ है कि bjp किसी भी तरह से नेतायों के मनमुटाव से होने वाले डेमेज को कंट्रोल करने की कोशिश में लगी है


Conclusion:अब बात करते हैं लोकसभा सीट खरगोन की, यहाँ के मौजूदा सांसद सुभाष पटेल के टिकट कटने पर उनकी जगह पार्टी ने गजेंद्र पटेल को टिकट दिया है। सुभाष पटेल के खिलाफ भी क्षेत्र में जबरदस्त विरोध था यही नहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए भी कार्यकर्ताओं ने पटेल पर आरोप लगाया था। सुभाष 2014 में 257879 वोटों से जीते थे लेकिन उन पर गुटबाजी और क्षेत्र में उनकी रहने के आरोप हमेशा लगते रहे। शायद यही वजह है कि इस पार्टी नही चाहती थी कि, विधानसभा चुनाव की तरह एक बार कार्यकर्ता और नेता जी के बीच की नाराजगी ,लोकसभा चुनाव की हार में बदले। और पार्टी ने ने पूर्व शिक्षा मंत्री उमराव सिंह पटेल के बेटे गजेंद्र पटेल को टिकट दिया है ,गजेंद्र वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्षहै
अब देखना ये है कि जिन सांसदों के टिकिट काटे गए है या जो दावेदार नाराज है ,पार्टी उन्हें कैसे मनाने में सफल होती है।हालांकि इसके लिए खुद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और प्रदेश अध्यक्ष राकेस सिंह बात कर रहे है
byte राजो मालवीय ,प्रवक्ता bjp
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