भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी 7 सांसदों के टिकट काटे गए हैं तो वहीं अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करने वाले नेताओं को टिकट मिल गए हैं. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय जो फार्मूला इस्तेमाल किया था, वहीं लोकसभा चुनाव के समय भी कर रही है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि उम्मीदवार को लेकर कई स्तर की बैठकें की जा रही है और उसके बाद ही उम्मीदवार की घोषणा की जा रही है. इसके बाद भी नेता असंतोष नजर आ रहे हैं.
बीजेपी ने आज 3 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की हैं. इनमे सबसे चौकाने वाला राजगढ़ सांसद रोडमल नागर का है, जिनका बीजेपी चुनाव समिति की बैठक के दौरान भारी विरोध हुआ था. बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रत्याशी बदलने की मांग की थी और नागर तेरी खैर नहीं जैसे नारे लगाए थे. इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है. हालांकि पार्टी नागर की 2014 में हुई जीत के आंकड़े को भी नजर अंदाज नहीं कर सकती. पिछले चुनाव में नागर की ढाई लाख वोटों से जीत हुई थी.
वहीं बालाघाट सीट से सांसद बोध सिंह और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के बीच का विवाद भी जग जाहिर है. यही वजह है कि इस बार बिसेन बालाघाट से अपनी बेटी मौसम के लिए तो बोध सिंह अपने लिए टिकट की मांग कर रहे थे. जिसके बाद पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए और नेताओं के बीच के मनमुटाव को देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ढाल सिंह विसेन को उम्मीदवार घोषित किया है. हालांकि पिछले कुछ समय से वे सक्रिय राजनीति से दूर नजर आ रहे थे.
बात करें खरगोन लोकसभा सीट की तो यहां के मौजूदा सांसद सुभाष पटेल के टिकट कटने पर उनकी जगह पार्टी ने गजेंद्र पटेल को टिकट दिया है. सुभाष पटेल के खिलाफ भी क्षेत्र में जबरदस्त विरोध था. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए भी कार्यकर्ताओं ने पटेल पर आरोप लगाया था. सुभाष 2014 में 257879 वोटों से जीते थे लेकिन उन पर गुटबाजी और क्षेत्र में उनके न रहने के आरोप हमेशा लगते रहे. गजेंद्र वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं.