भोपाल। मध्य प्रदेश के 1,301 सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षण सत्र 2021-22 (academic session 2021-22) में अब तक 6 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है (6 lakh students took Admission). इसमें 75 प्रतिशत एडमिशन सरकारी कॉलेजों में हुए हैं. पिछले शैक्षणिक सत्र- 2020-21 में 5.64 लाख छात्र छात्राओं ने एडमिशन लिया था. इस वर्ष यूजी एवं पीजी में 7.78 लाख विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया था. अभी तक 7.10 लाख विद्यार्थियों का सत्यापन हुआ है.
वेटिंग लिस्ट में 1 लाख विद्यार्थी
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में जीईआर बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. यह प्रसन्नता का विषय है कि इस वर्ष रिकॉर्ड 6 लाख विद्यार्थियों का एडमिशन हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी लगभग 1 लाख विद्यार्थी वेटिंग लिस्ट (1 lakh students in waiting list) में हैं. विभाग ने फीस जमा करने की तिथि को 10 अक्टूबर से बढ़ाकर 14 अक्टूबर कर दिया है.
मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि हर विद्यार्थी को अपनी पसंद के विषय अनुसार प्रवेश मिले, सभी को एडमिशन दिए जाएंगे. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में विद्यार्थी अपने रुझान के अनुरूप विषयों का चुनाव कर सकेंगे.
प्रदेश के इन जिलों में सबसे ज्यादा आई कमी
प्रदेश में कक्षा पहली से आठवीं तक पिछले साल की तुलना में इस साल मंदसौर में सबसे कम 63.6 फीसदी एडमिशन हुए हैं, मंदसौर में पिछले साल बच्चों की दर्ज संख्या 2.12 लाख थी, जबकि इस साल यह घटकर 1.35 लाख ही रह गई है
सरकारी से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में घटे एडमिशन
मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के बाद से प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई है, प्राइवेट स्कूलों में साल 2019-20 में कक्षा 1 से लेकर 8 वीं तक 42.14 लाख बच्चों का एडमिशन हुआ था, वहीं 2020-21 में प्राइवेट स्कूलों में 39.59 लाख बच्चों का ही एडमिशन कराया गया.
इसी तरह इस साल यानी 2021-22 में पहली से 8 वीं तक के 30.16 लाख बच्चों के ही एडमिशन प्राइवेट स्कूलों में हुए हैं, इस तरह बीते दो सालों में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के एडमिशन की संख्या में करीब 28.43 फीसदी कमी आई है.
इसी तरह सरकारी स्कूलों में साल 2019-20 में पहली से आठवीं क्लास तक के 64.97 फीसदी बच्चों के एडमिशन हुए थे, साल 2020-21 में एडमिषन के आंकड़ा घटकर 62.80 लाख पर आ गया। वहीं इस साल यानी साल 2021-22 में पहली से आठवीं तक के बच्चों का सरकारी स्कूलों में 57.80 लाख एडमिशन हुए हैं, इस तरह बीते दो सालों में करीब 11 फीसदी बच्चों के दाखिलों में गिरावट आई है.
पीजी में पिछले साल की तुलना 10 प्रतिशत अधिक एडमिशन हुए हैं
साल 2020 में हुए एडमिशन की अगर बात करें तो प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में पीजी में पिछले साल की तुलना 10 प्रतिशत अधिक एडमिशन हुए है, जबकि यूजी में यह ग्राफ गिरा है.
- इस वर्ष यूजी पीजी के कोर्स में पांचवे चरण की काउंसलिंग तक पांच लाख 49 हजार 461 प्रवेश हुए हैं.
- प्राइवेट कॉलेजों में इस साल यूजी पीजी में पिछले वर्ष की तुलना 30 प्रतिशत कम प्रवेश हुए है.
- हालांकि सरकारी कॉलेजों के साथ ही प्राइवेट कॉलेजों ने भी एडमिशन की डेट बढ़ा दी है.
इन कोर्स में हुए अधिक प्रवेश
- मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग की 41 ब्रांच से पढ़ाई कराई जाती है. जिसके लिए 56, 362 सीटें हैं. साल 2019 में इसमें 23,629 छात्रों ने प्रवेश लिया था. जबकि 35 हजार सीटें खाली रह गई थी.
- इस वर्ष भी इंजीनियरिंग की 30 हजार से ज्यादा सीटें खाली है. केवल 40 प्रतिशत छात्रों ने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया है.
- इसमें सरकारी कॉलेजों में एडमिशन की संख्या ज्यादा है. जबकि प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन की संख्या तेजी से गिरी है.
- इस वर्ष एडमिशन की अगर हम बात करें तो सबसे ज्यादा प्रवेश कला संकाय में हुए है. जिसकी संख्या 91 हजार है. जबकि सबसे कम दाखिले इंजीनियरिंग में हुए है.