भोपाल। आप 30 बरस के हैं और एक मंजिल चढ़ने में ही आपकी सांस फूल जाती है तो तय मानिए कि आप अलार्मिंग कंडीशन में हैं. अगर हल्की एक्सरसाईज़ में भी धड़कन बढ़ने लगें तो जान लीजिए कि शरीर में सबकुछ ठीक नहीं है. अब 30 की उम्र इस बेफिक्री की नहीं कि दिल का दौरा तो पचास पार करने के बाद ही आएगा. जैसे फैशन में ट्रेंड्स बदलते हैं. ऐसी की दिल के दगा दे जाने की उम्र भी बदल गई है. अब अस्पतालों में पहुंचने वाले हार्ट अटैक के मामले में पचास फीसदी के लगभग 30 पार के नौजवान हैं. कोरोना के बाद ये मामले बेशक तेज़ी से बढ़ें हैं, लेकिन कोविड वैक्सीन की एडवर्स इवेंट मॉनिटरिंग टीम का हिस्सा रहे सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अजय शर्मा के मुताबिक अचानक नौजवानों में बढ़े इन हार्ट अटैक के पीछे वैक्सीन कतई नहीं है. बिगड़ी लाईफ स्टाईल में वो कौन से संकेत हैं जिनकी अनदेखी जानलेवा हो सकती है. सेलिब्रिटी से लेकर आस पास में हुई जवान मौतों तक क्या शरीर के संदेश को अनसुना करने से जान पर बन आई. 30 year old peoples died due to heart attack, heart attack symptom, smoking increasing risk of heart attack
आपका दिल ये बर्दाश्त नहीं कर पाएगा: भोपाल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट अजय शर्मा कहते हैं अब जिस तरह से हार्ट अटैक कम उम्र में बढ रहे हैं. उसके बाद जरुरी है कि हार्ट का जो ख्याल आप पचास के पार रखते थे, उसे तीस की उम्र में संभाल लें. डॉ शर्मा कहते हैं अब पचास फीसदी केसेस हमारे पास 35-40 पार के हार्ट अटैक के केस आ रहे हैं. पहले इस उम्र का पेशेंट हैरान करता था. अब ये तादात तेज़ी से बढ़ी है. तो सवाल ये कि इस उम्र में अटैक रोके कैसे जाएं ? डॉ शर्मा कहते हैं अपने शरीर के संकेतों को सुनिए. कुछ भी अचानक नहीं होता आपको अलर्ट रहना होगा कि मेरे शरीर में ये बदलाव आया है तो क्यों आया है. अगर थोड़ा चलने में सांस फूलती है. ट्रेड मिल पर अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है तो ये लक्षण अनदेखा ना करें. जरुरी है कि आप तीस की उम्र से ही शरीर की जरुरी जांचे करवाएं. जिसमें ईसीजी लिपिड प्रोफाईल टीएमटी जैसी ज़रुरी जांचे शामिल हैं. डॉ शर्मा कहते हैं दिल के लिए शराब से भी ज्यादा घातक है स्मोकिंग. अब महिलाओं में भी ये ट्रेंड तेजी से बढ़ा है और इसकी वजह से उनमें भी हार्ट अटैक जो 55 के पार होते थे, अब 35 -40 की उम्र में हो रहे हैं. डॉ शर्मा के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मामलों में मौत की वजह हार्ट ब्लॉकेज है. तो स्मोकिंग फिजीकल और मेंटल स्ट्रेस लंबे समय की सिटिंग और कम से कम वॉक अगर आपके जीवन में भी ये सब है तो आप दिल को अपने हाथों कमजोर कर रहे हैं.
हार्ट अटैक में वैक्सीन का कोई रोल नहीं: सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट अजय शर्मा एमपी की वैक्सीन एडवर्स इवेंट मॉनिटरिंग कमेटी के मैंबर रहे हैं. यानि वो समिति जिसने वैक्सीन के गलत प्रभावों का अध्ययन किया है. इस समय बढ़े हार्ट अटैक के साथ ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या ये वैक्सीन की वजह से हो रहा है. डॉक्टर शर्मा इसे सिरे से इंकार करते हैं. वे कहते हैं वैक्सीन का असर छह महीने से ज्यादा नहीं रहता. हमने वैक्सीन के तीन महीने बाद तक की मॉनिटरिंग की और पाया कि वैक्सीन के बाद मेजर हार्ट अटैक के मामले बहुत ज्यादा नहीं थे. जो थे उनकी हिस्ट्री थी. हैरत की बात ये है कि खेलते कूदते जिम जाते हुए जानें जा रही हैं. डॉक्टर शर्मा के मुताबिक उसकी भी वजह है. अग्रेसिव एक्सरसाईज जान ले रही है. एक्सरसाईज़ हमेशा मॉडरेशन में करनी चाहिए.
हार्ट अटैक से हैरान करने वाली मौतें: होशंगाबाद के 45 वर्ष के पत्रकार प्रशांत दुबे को कार्यक्रम के दौरान सीने में दर्द उठा. अस्पताल ले जाते तक एक माईनर अटैक आया. फिर अस्पताल में दूसरा अटैक और उन्हें बचाया नहीं जा सका. ग्वालियर में एसएसपी की तैयारी कर रहे 26 वर्ष के छात्र अमर रजक घर से मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे. पूजा के दौरान ही अटैक आया प्रतिमा पर गिरे हुए मिले. भोपाल में 34 वर्ष के योगेश गुप्ता पिपलानी में क्रिक्रेट खेल रहे थे सांस फूली सीने में दर्द हुआ अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई. रीवा के रहने वाले 21 बरस के ओम गोयल ने जिम ज्वाईन कया. पसीना बहाने के बाद कूलर की हवा ले रहे थे दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई. (30 year old peoples died due to heart attack) (heart attack symptom) (smoking increasing risk of heart attack)