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कमलनाथ सरकार का निर्देश, प्रदेश के किसानों को बांटी जाएगी 18 सौ करोड़ रुपए की राहत राशि - राहत राशि

प्रदेस में बारिश से हुए किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार 18 सौ करोड़ रुपए का मुआवजा प्रदेश के किसानों को बांटेगी. जिसकी रिपोर्ट तैयार हो गई है. जल्दी ही किसानों को राहत राशि मिलनी शुरु हो जाएगी.

सीएम कमलनाथ
सीएम कमलनाथ
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Published : Dec 4, 2019, 3:05 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल हुई भारी बारिश से प्रदेश के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र और प्रदेश की मदद के लिए 18 सौ करोड़ रुपए की राहत राशि बांटे जाने के निर्देश दिए हैं. कांग्रेस सरकार का कहना है यह राशि जल्द ही प्रदेश के किसानों के खातों में पहुंचनी शुरु हो जाएगी.

अभय दुबे, कांग्रेस प्रवक्ता

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने बताया कि बीते दिनों मध्यप्रदेश जून-सितम्बर के बीच अतिवृष्टि एवं बाढ़ की प्राकृतिक आपदा से बेहद पीड़ित हुआ. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार से 6621.28 करोड़ रूपये की राहत राशि की मांग की थी. जिस पर केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को दिया है. जहां प्रदेश सरकार ने 800 करोड़ रुपए राज्य की फंड से इक्कठा कर किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है.

जिन जिलों में खेती के नुकसान का पूरा मुआवजा तुरंत दिया जा रहा है, उनमे भिण्ड, झाबुआ, श्योपुर, उमरिया, अलीराजपुर, दतिया, मुरैना, बालाघाट, बड़वानी, मंड़ला, सिवनी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा और कटनी शामिल है.

जिन जिलों में तुरंत प्रथम किश्त बांटी जा रही है, उनमे खरगोन, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, बैतूल, भोपाल, हरदा, सीहोर, छतरपुर, देवास, टीकमगढ़, उज्जैन, गुना, रायसेन, अशोकनगर, रतलाम, दमोह, होशंगाबाद, पन्ना, खंडवा, निवारी, सागर, धार और नरसिंहपुर शामिल है. लेकिन आगर-मालवा, मंदसौर और नीमच में ज्यादा नुकसान होने से यहा तत्काल सहायता राशि बांट दी गई थी. जबकि इस बार फिर से विवरण कराकर यहां भी राहत राशि बांटी जाएगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल हुई भारी बारिश से प्रदेश के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र और प्रदेश की मदद के लिए 18 सौ करोड़ रुपए की राहत राशि बांटे जाने के निर्देश दिए हैं. कांग्रेस सरकार का कहना है यह राशि जल्द ही प्रदेश के किसानों के खातों में पहुंचनी शुरु हो जाएगी.

अभय दुबे, कांग्रेस प्रवक्ता

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने बताया कि बीते दिनों मध्यप्रदेश जून-सितम्बर के बीच अतिवृष्टि एवं बाढ़ की प्राकृतिक आपदा से बेहद पीड़ित हुआ. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार से 6621.28 करोड़ रूपये की राहत राशि की मांग की थी. जिस पर केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार को दिया है. जहां प्रदेश सरकार ने 800 करोड़ रुपए राज्य की फंड से इक्कठा कर किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है.

जिन जिलों में खेती के नुकसान का पूरा मुआवजा तुरंत दिया जा रहा है, उनमे भिण्ड, झाबुआ, श्योपुर, उमरिया, अलीराजपुर, दतिया, मुरैना, बालाघाट, बड़वानी, मंड़ला, सिवनी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा और कटनी शामिल है.

जिन जिलों में तुरंत प्रथम किश्त बांटी जा रही है, उनमे खरगोन, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, बैतूल, भोपाल, हरदा, सीहोर, छतरपुर, देवास, टीकमगढ़, उज्जैन, गुना, रायसेन, अशोकनगर, रतलाम, दमोह, होशंगाबाद, पन्ना, खंडवा, निवारी, सागर, धार और नरसिंहपुर शामिल है. लेकिन आगर-मालवा, मंदसौर और नीमच में ज्यादा नुकसान होने से यहा तत्काल सहायता राशि बांट दी गई थी. जबकि इस बार फिर से विवरण कराकर यहां भी राहत राशि बांटी जाएगी.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के किसानों को काफी नुकसान हुआ था।इस नुकसान की भरपाई के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार से 6621 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी। लेकिन लंबे इंतजार के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने सिर्फ 1000 करोड़ की मदद की। ऐसे में कमलनाथ सरकार ने अपने संसाधनों से 800 करोड़ रूपए की व्यवस्था और कर किसानों को 18 सौ करोड़ राहत राशि बांटे जाने के निर्देश दिए हैं।

Body:इस बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने बताया कि बीते दिनों मध्यप्रदेश जून-सितम्बर के बीच अतिवृष्टि एवं बाढ़ की प्राकृतिक आपदा से बेहद पीड़ित हुआ। ऐसे कठिन समय में अपेक्षा थी कि केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों और आम नागरिकों की मदद के लिए आगे आयेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देश के प्रधानमंत्री को 6621.28 करोड़ रूपये की राहत राशि की मांग करते हुए एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा था।

दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि केंद्र सरकार ने लंबे समय तक पहले तो कोई मदद नहीं की और अब अंततः की भी तो सिर्फ 1000 करोड़ रूपये की। मगर मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ दृढ़संकल्पित हैं कि वे प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद राज्य की निधि से यथोचित मदद करेंगे।

Conclusion:मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लेते हुए तुरंत 1800 करोड़ रूपये की राहत राशि बांटने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को जारी कर दिये हैं। जिन जिलों में खेती के नुकसान का पूरा मुआवजा तुरंत दिया जा रहा है, वे हैं-भिण्ड, झाबुआ, श्योपुर, उमरिया, अलीराजपुर, दतिया, मुरैना, बालाघाट, बड़वानी, मंड़ला, सिवनी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा और कटनी।
जिन जिलों में तुरंत प्रथम किश्त बांटी जा रही है, वे हैं-खरगोन, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, बैतूल, भोपाल, हरदा, सीहोर, छतरपुर, देवास, टीकमगढ़, उज्जैन, गुना, रायसेन, अशोकनगर, रतलाम, दमोह, होशंगाबाद, पन्ना, खंडवा, निवारी, सागर, धार और नरसिंहपुर।

आगर मालवा, मंदसौर और नीमच को पहले भी तत्काल सहायता वितरित की गई थी और अब फिर से इन्हें राहत वितरण के क्रम में शुमार किया गया है। साथ ही सरकार ने यह निर्देश भी जारी किये हैं कि सभी जिलों में तुरंत आरबीसी के अनुसार लोगों के जानमाल का जो नुकसान हुआ है, उसका भी पूरा मुआवजा वितरित किया जाये।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार की ओर से बाढ़ राहत के लिए 600 करोड़ रूपये प्रदेश के नागरिकों को राहत देते हुए पहले ही वितरित कर दिये हैं अर्थात कुल मिलाकर अब 2400 करोड़ रूपये मुआवजे के रूप में प्रदेश के नागरिकों को दिये जा रहे हैं।


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