नई दिल्ली: देश के वस्तुओं का निर्यात जून में सालाना आधार पर 16.78 प्रतिशत बढ़कर 37.94 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान सोने एवं कच्चे तेल का आयात बिल बढ़ने से व्यापार घाटा रिकॉर्ड 25.63 अरब डॉलर हो गया. सरकार की तरफ से सोमवार को जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, मई की तुलना में जून में निर्यात वृद्धि धीमी पड़ी. मई, 2022 में देश का निर्यात 20.55 प्रतिशत की दर से बढ़ा था. वहीं एक साल पहले जून 2021 में वृद्धि दर 48.34 प्रतिशत रही थी.
वहीं इस महीने में देश का आयात एक साल पहले की तुलना में 51 प्रतिशत बढ़ गया. बीते महीने देश ने 63.58 अरब डॉलर के उत्पादों का आयात किया. इसके साथ ही जून के महीने में व्यापार घाटा 25.63 अरब डॉलर हो गया. एक साल पहले की समान अवधि में व्यापार घाटा 9.61 अरब डॉलर रहा था. चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों यानी अप्रैल-जून तिमाही में देश का निर्यात 22.22 प्रतिशत बढ़कर 116.77 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इसी अवधि में आयात 47.31 प्रतिशत बढ़कर 187.02 अरब डॉलर हो गया.
इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में व्यापार घाटा 70.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया. एक साल पहले की समान तिमाही में यह 31.42 अरब डॉलर रहा था. बीती तिमाही में व्यापार घाटा बढ़ने के पीछे सोना, कोयला एवं कच्चे तेल के आयात पर होने वाले खर्च में वृद्धि अहम वजह रही. कच्चे तेल का आयात खर्च जून में 94 प्रतिशत उछलकर 20.73 अरब डॉलर हो गया. जून, 2022 में कोयला एवं कोक आयात व्यय भी 6.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया. एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.88 अरब डॉलर रहा था.
इसी तरह बीते महीने में देश ने 2.61 अरब डॉलर के सोने का आयात किया जो जून, 2021 की तुलना में 169.5 प्रतिशत अधिक है. अगर निर्यात के मोर्चे पर देखें, तो पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 98 प्रतिशत बढ़कर 7.82 अरब डॉलर हो गया. इसी तरह रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 19.41 प्रतिशत बढ़कर 3.37 अरब डॉलर रहा. इन व्यापार आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सोने के आयात में अपेक्षित गिरावट आने के बावजूद जून में निर्यात के कम होने से व्यापार घाटा 'चिंताजनक' स्तर तक पहुंच गया.
यह भी पढ़ें- सरकार तेल निर्यात, अप्रत्याशित लाभ कर की हर पखवाड़े करेगी समीक्षा
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि वस्तु व्यापार घाटा 2022 के बाकी बचे हुए समय में 20 अरब डॉलर से अधिक रहेगा. हालांकि, सेवा क्षेत्र के अधिशेष से आंशिक रूप से इस झटके को झेलने में मदद मिलेगी. वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा (कैड)100-105 अरब डॉलर के दायरे में रहने का अनुमान है.' मौजूदा स्थिति में निर्यातक संगठन फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने मूल्यवर्द्धित निर्यात को बढ़ावा देने और कंटेनर विनिर्माण को समर्थन देने की मांग की है.
(पीटीआई-भाषा)