नई दिल्ली: देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस में नई पीढ़ी को उत्तराधिकार सौंपने की प्रक्रिया शुरू होती दिख रही है. रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी ने दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर और अपने बड़े पुत्र आकाश अंबानी को इसकी कमान सौंपकर उत्तराधिकार योजना पर अमल के संकेत दे दिए हैं. रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने मंगलवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में शीर्ष स्तर पर हुए इस बदलाव की जानकारी दी. इसके मुताबिक कंपनी के निदेशक मंडल की 27 जून को हुई बैठक में गैर-कार्यकारी निदेशक आकाश को चेयरमैन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इसके पहले 65 वर्षीय मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. जियो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की अगुवाई वाली कंपनी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया अंबानी की तीन संतानें हैं जिनमें आकाश एवं ईशा जुड़वा भाई-बहन हैं जबकि अनंत अंबानी सबसे छोटे हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अंबानी अपने खुदरा कारोबार को बेटी ईशा को सौंप सकते हैं. ईशा की शादी पीरामल समूह के आनंद पीरामल से हुई है.
आकाश और उनकी बहन ईशा रिलायंस की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के निदेशक मंडल में पहले से ही शामिल हैं. यह कंपनी सुपरमार्केट के अलावा जियोमार्ट और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (जेपीएल) का संचालन करती है. परिवार के छोटे बेटे अनंत को भी हाल ही में रिलायंस रिटेल में निदेशक बनाया गया है. इसके अलावा वह जेपीएल में भी मई, 2020 से निदेशक बने हुए हैं.
रिलायंस समूह मुख्य रूप से तीन तरह के कारोबार- तेल रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल, खुदरा कारोबार और डिजिटल सेवाओं में सक्रिय है. खुदरा और डिजिटल सेवा कारोबार के लिए अलग-अलग पूर्ण-स्वामित्व वाली कंपनियां बनाई गई हैं जबकि तेल एवं रसायन कारोबार आरआईएल के अधीन संचालित होता है. ऊर्जा कारोबार भी आरआईएल के मातहत ही रखा गया है. ये तीनों ही कारोबार आकार में लगभग समान हैं. जहां आकाश और ईशा पहले से ही नए दौर के खुदरा और दूरसंचार कारोबार में सक्रिय हैं, वहीं अनंत रिलायंस की तेल एवं रसायन इकाइयों के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार से जुड़े हुए हैं.
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रिलायंस जियो की कमान आकाश को सौंपने के साथ ही मुकेश अंबानी ने अपना विशाल कारोबार नई पीढ़ी को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खुद मुकेश अंबानी को वर्ष 2002 में उनके पिता एवं कंपनी के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के साथ तीखे उत्तराधिकार विवाद का सामना करना पड़ा था. मुकेश अंबानी ने गत 28 दिसंबर को पहली बार कंपनी में उत्तराधिकार योजना का जिक्र किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि रिलायंस अब नेतृत्व में बदलाव लाने की प्रक्रिया से गुजर रहा है.
(पीटीआई-भाषा)