नई दिल्ली: देश में पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए मंगलवार को पहले दिन 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं. मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडाणी की कंपनियों ने रेडियो तरंगों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के लिए बोली लगाई. सभी चारों आवेदनकर्ता अंबानी की रिलायंस जियो, मित्तल की भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अडाणी समूह की कंपनी ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लिया.
स्पेक्ट्रम 14 अगस्त तक आवंटित करने का लक्ष्य है जबकि 5जी सेवाएं साल के अंत तक कई शहरों में शुरू होने की उम्मीद है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में भी बोलियां प्राप्त हुई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को बोली के पहले दिन 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली. यह उम्मीद से कहीं अधिक और 2015 के रिकॉर्ड को पार कर गया है.
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, नीलामी के दौरान यह पता नहीं चलेगा कि किस कंपनी ने कितना स्पेक्ट्रम हासिल किया है. पहले दिन चार दौर की नीलामी हुई है. मध्यम और उच्च बैंड में कंपनियों की रुचि अधिक रही. कंपनियों ने 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में मजबूती से बोलियां रखीं.
दूरसंचार मंत्री के अनुसार, बोली में शामिल चारों कंपनियों की भागीदारी 'मजबूत' है. उन्होंने कहा कि नीलामी को लेकर कंपनियों की जो प्रतिक्रिया है, उससे लगता है कि वे कठिन समय से बाहर निकल आई हैं. वैष्णव ने कहा कि सरकार स्पेक्ट्रम रिकॉर्ड समय में आवंटित करेगी और 5जी सेवाएं सितंबर तक शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम 14 अगस्त तक आवंटित करने का लक्ष्य है.
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5जी सेवाओं के आने से इंटरनेट की गति 4जी के मुकाबले करीब 10 गुना अधिक होगी. इसमें इंटरनेट की गति इतनी होगी कि मोबाइल पर एक फिल्म (मूवी) को कुछ सेकेंड में ही डाउनलोड किया जा सकेगा. साथ ही इससे ई-स्वास्थ्य, मेटावर्स, अत्याधुनिक मोबाइल क्लाउड गेमिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. नीलामी (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), मध्यम (3300 मेगाहर्ट्ज) और उच्च (26 गीगाहर्ट्ज़) आवृत्ति बैंड के स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जा रही है.