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आरबीआई ने किया शिरडी मंदिर के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान

साईंबाबा समाधि मंदिर के खजाने और आसपास के परिसर में सालाना औसतन एक करोड़ सिक्के जमा होते हैं जिनके मूल्य करीब चार करोड़ रुपये होते हैं. इनमें एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के होते हें. सिक्कों का वजन कई टन होता है जिनको गिनकर उनकी लेखांकन करने के बाद विभिन्न बैंकों में स्थित एसएसएसटी के खातों में जमा करवाया जाता है.

आरबीआई ने किया शिरडी मंदिर के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान
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Published : Jun 20, 2019, 12:14 AM IST

अहमदनगर: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को शिरडी स्थित श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान कर दिया. यह जानकारी यहां एसएसएसटी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी. केंद्रीय बैंक ने एसएसएसटी के खाते वाले 16 राष्ट्रीयकृत बैंकों को मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले छोटे सिक्कों को स्वीकार करने का आदेश दिया है.

एसएसएसटी के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर बी. बी. घोरपड़े ने आईएएनएस को बताया, "आरबीआई के महानिदेशक (निर्गत) के. कमलकानन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक बैठक की. हम पिछले एक साल से इस समस्या से जूझ रहे थे."

आरबीआई ने किया शिरडी मंदिर के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान

उन्होंने बताया कि साईंबाबा समाधि मंदिर के खजाने और आसपास के परिसर में सालाना औसतन एक करोड़ सिक्के जमा होते हैं जिनके मूल्य करीब चार करोड़ रुपये होते हैं.

इनमें एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के होते हें. सिक्कों का वजन कई टन होता है जिनको गिनकर उनकी लेखांकन करने के बाद विभिन्न बैंकों में स्थित एसएसएसटी के खातों में जमा करवाया जाता है.

ये भी पढ़ें: खजुराहो में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी, स्थानीय आजीविका प्रभावित

पिछले साल से अधिकांश बैंकों ने जगह का अभाव होने, गिनने में कठिनाई होने और परिवहन व उनको वापस सर्कुलेशन में लाने की समस्याओं को लेकर सिक्के लेने से मना कर दिया है.

घोरपड़े ने बताया, "पिछले तीन महीने से हम बैंकों में तब इन्हें जमा करते थे जब उनके पास रखने जगह होती थी, लेकिन समस्या बनी रहती थी."

समाधान के तहत अब एसएसएसटी बैंकों को सिक्के रखने के लिए मंदिर परिसर में आठ से 10 भंडार बनाने पर सहमत हुआ है.

उन्होंने बताया, "हम उनको कमरे देंगे. प्रत्येक कमरा 400 वर्गफुट का होगा और उसमें सीसीटीवी व सुरक्षा गार्ड होंगे. साथ ही विशेष ग्रिल लगा होगा. बैंक इन कमरों में सिक्के तब तक रख सकते हैं जब तक वे उनको वहां से उठाने में समर्थ होंगे."

अहमदनगर: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को शिरडी स्थित श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान कर दिया. यह जानकारी यहां एसएसएसटी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी. केंद्रीय बैंक ने एसएसएसटी के खाते वाले 16 राष्ट्रीयकृत बैंकों को मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले छोटे सिक्कों को स्वीकार करने का आदेश दिया है.

एसएसएसटी के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर बी. बी. घोरपड़े ने आईएएनएस को बताया, "आरबीआई के महानिदेशक (निर्गत) के. कमलकानन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक बैठक की. हम पिछले एक साल से इस समस्या से जूझ रहे थे."

आरबीआई ने किया शिरडी मंदिर के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान

उन्होंने बताया कि साईंबाबा समाधि मंदिर के खजाने और आसपास के परिसर में सालाना औसतन एक करोड़ सिक्के जमा होते हैं जिनके मूल्य करीब चार करोड़ रुपये होते हैं.

इनमें एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के होते हें. सिक्कों का वजन कई टन होता है जिनको गिनकर उनकी लेखांकन करने के बाद विभिन्न बैंकों में स्थित एसएसएसटी के खातों में जमा करवाया जाता है.

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पिछले साल से अधिकांश बैंकों ने जगह का अभाव होने, गिनने में कठिनाई होने और परिवहन व उनको वापस सर्कुलेशन में लाने की समस्याओं को लेकर सिक्के लेने से मना कर दिया है.

घोरपड़े ने बताया, "पिछले तीन महीने से हम बैंकों में तब इन्हें जमा करते थे जब उनके पास रखने जगह होती थी, लेकिन समस्या बनी रहती थी."

समाधान के तहत अब एसएसएसटी बैंकों को सिक्के रखने के लिए मंदिर परिसर में आठ से 10 भंडार बनाने पर सहमत हुआ है.

उन्होंने बताया, "हम उनको कमरे देंगे. प्रत्येक कमरा 400 वर्गफुट का होगा और उसमें सीसीटीवी व सुरक्षा गार्ड होंगे. साथ ही विशेष ग्रिल लगा होगा. बैंक इन कमरों में सिक्के तब तक रख सकते हैं जब तक वे उनको वहां से उठाने में समर्थ होंगे."

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अहमदनगर: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को शिरडी स्थित श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) के छोटे सिक्कों की बड़ी समस्या का समाधान कर दिया. यह जानकारी यहां एसएसएसटी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी. केंद्रीय बैंक ने एसएसएसटी के खाते वाले 16 राष्ट्रीयकृत बैंकों को मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले छोटे सिक्कों को स्वीकार करने का आदेश दिया है.

एसएसएसटी के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर बी. बी. घोरपड़े ने आईएएनएस को बताया, "आरबीआई के महानिदेशक (निर्गत) के. कमलकानन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक बैठक की. हम पिछले एक साल से इस समस्या से जूझ रहे थे."

उन्होंने बताया कि साईंबाबा समाधि मंदिर के खजाने और आसपास के परिसर में सालाना औसतन एक करोड़ सिक्के जमा होते हैं जिनके मूल्य करीब चार करोड़ रुपये होते हैं.

इनमें एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के होते हें. सिक्कों का वजन कई टन होता है जिनको गिनकर उनकी लेखांकन करने के बाद विभिन्न बैंकों में स्थित एसएसएसटी के खातों में जमा करवाया जाता है.

पिछले साल से अधिकांश बैंकों ने जगह का अभाव होने, गिनने में कठिनाई होने और परिवहन व उनको वापस सर्कुलेशन में लाने की समस्याओं को लेकर सिक्के लेने से मना कर दिया है.

घोरपड़े ने बताया, "पिछले तीन महीने से हम बैंकों में तब इन्हें जमा करते थे जब उनके पास रखने जगह होती थी, लेकिन समस्या बनी रहती थी."

समाधान के तहत अब एसएसएसटी बैंकों को सिक्के रखने के लिए मंदिर परिसर में आठ से 10 भंडार बनाने पर सहमत हुआ है.

उन्होंने बताया, "हम उनको कमरे देंगे. प्रत्येक कमरा 400 वर्गफुट का होगा और उसमें सीसीटीवी व सुरक्षा गार्ड होंगे. साथ ही विशेष ग्रिल लगा होगा. बैंक इन कमरों में सिक्के तब तक रख सकते हैं जब तक वे उनको वहां से उठाने में समर्थ होंगे."

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