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विधि विधान से की गई खेड़ादेवता की पूजा, ग्रामीणों ने की कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना - घट्टीया तहसील खेड़ादेवतों मंदिर

उज्जैन जिले में हर साल होने वाली खेड़ादेवता की पूजा बड़े ही विधिविधान से की गई, इस दौरान ग्रामीणों ने अच्छी बारिश, फसल की कामना की साथ ही कोरोना को खत्म करने की प्रार्थना की है.

Worship of Kheda devata performed by law in ujjain
Worship of Kheda devata performed by law in ujjain
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Published : Jul 3, 2020, 7:03 PM IST

उज्जैन। घट्टीया तहसील क्षेत्र के बिछड़ौद गांव में हर साल की तरह इस साल भी खेड़ादेवतों की पूजा-अर्चना की गई. जिसमें अच्छी फसल और अच्छी बारिश की कामना की गई. साथ ही लोगों ने गांव और परिवार में सुख-शांति रहने और कोरोना को खत्म करने की प्रार्थना की.

Worship of Kheda devata performed by law in ujjain
विधि विधान से की गई खेड़ादेवता की पूजा

समाजसेवी प्रेमलाल राठौर ने बताया कि सबसे पहले गांव के सबसे पुराने श्री गणेश मंदिर में पूजा की गई, उसके बाद छप्पन भैरव मंदिर, भवानी माता मंदिर, शिवालय मंदिर, फुटा डेरा मंदिर, कालिका माता मंदिर, गलगल महादेव मंदिर, नाग महाराज मंदिर, शीतला माता मंदिर, मारुतिनंदन हनुमान मंदिर, रावला स्थित खेड़ापती हनुमान मंदिर सहित गांव के गली, मोहल्लों और चौराहों पर स्थित खेड़ादेवतों के मंदिरों की साफ-सफाई की गई.

इसके साथ ही मंदिर में विराजमान देवी- देवताओं का सिंदूर, कंकु- अक्षत, अबिर- गुलाल, वर्क- इत्र व अन्य सामग्रियों से पूजा-अर्चना कर आकर्षक व विशेष श्रंगार किया गया. वहीं शाम 7 बजे प्राचीन मंदिरों पर महाआरती कर पूरे गांव में महाप्रसादी बांटी गई. बता दें कि यह पूजा युवाओं द्वारा व्यापारियों और ग्रामीणों के जनसहयोग से हर साल की जाती है.

उज्जैन। घट्टीया तहसील क्षेत्र के बिछड़ौद गांव में हर साल की तरह इस साल भी खेड़ादेवतों की पूजा-अर्चना की गई. जिसमें अच्छी फसल और अच्छी बारिश की कामना की गई. साथ ही लोगों ने गांव और परिवार में सुख-शांति रहने और कोरोना को खत्म करने की प्रार्थना की.

Worship of Kheda devata performed by law in ujjain
विधि विधान से की गई खेड़ादेवता की पूजा

समाजसेवी प्रेमलाल राठौर ने बताया कि सबसे पहले गांव के सबसे पुराने श्री गणेश मंदिर में पूजा की गई, उसके बाद छप्पन भैरव मंदिर, भवानी माता मंदिर, शिवालय मंदिर, फुटा डेरा मंदिर, कालिका माता मंदिर, गलगल महादेव मंदिर, नाग महाराज मंदिर, शीतला माता मंदिर, मारुतिनंदन हनुमान मंदिर, रावला स्थित खेड़ापती हनुमान मंदिर सहित गांव के गली, मोहल्लों और चौराहों पर स्थित खेड़ादेवतों के मंदिरों की साफ-सफाई की गई.

इसके साथ ही मंदिर में विराजमान देवी- देवताओं का सिंदूर, कंकु- अक्षत, अबिर- गुलाल, वर्क- इत्र व अन्य सामग्रियों से पूजा-अर्चना कर आकर्षक व विशेष श्रंगार किया गया. वहीं शाम 7 बजे प्राचीन मंदिरों पर महाआरती कर पूरे गांव में महाप्रसादी बांटी गई. बता दें कि यह पूजा युवाओं द्वारा व्यापारियों और ग्रामीणों के जनसहयोग से हर साल की जाती है.

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