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मंडी प्रशासन और आयकर विभाग के अलग-अलग निर्देश व्यापारियों के लिए बने मुसीबत का सबब - market

जिले की कृषि उपज मंडी में एक ओर मंडी प्रशासन नगदी भुगतान की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इनकमटैक्स विभाग हमे कैशलेस भुगतान करने को कहता है जिससे किसान परेशान हो रहे हैं.

परेशान व्यापारी
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Published : Jun 1, 2019, 5:53 PM IST

हरदा। जिले की कृषि उपज मंडी में किसानों की फसल की खरीदी दो घंटे तक शुरू नहीं हो सकी. यहां व्यापारियों को मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को दो लाख रुपए की राशि नगदी एवं बकाया राशि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसको लेकर विरोध जताते हुए व्यापारियों ने शुरुआती दो घंटे तक खरीदी नहीं की.

परेशान व्यापारी


व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी और इनकम टैक्स विभाग के द्वारा अलग-अलग राय दी जा रही है, जिसको लेकर मंडी में खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. व्यापारी संघ के सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि नगदी भुगतान को लेकर व्यापारियों के सामने असमंजस की स्तिथी बनी हुई है. उनका कहना है कि मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को आज से ही दो लाख रुपए तक का नगद भुगतान करने को कहा गया है. जबकि जिले की सभी बैंकों में नगदी की कमी बनी हुई है. हरदा मंडी में हर रोज 4 से 5 करोड़ का भुगतान होता है.

हरदा। जिले की कृषि उपज मंडी में किसानों की फसल की खरीदी दो घंटे तक शुरू नहीं हो सकी. यहां व्यापारियों को मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को दो लाख रुपए की राशि नगदी एवं बकाया राशि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसको लेकर विरोध जताते हुए व्यापारियों ने शुरुआती दो घंटे तक खरीदी नहीं की.

परेशान व्यापारी


व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी और इनकम टैक्स विभाग के द्वारा अलग-अलग राय दी जा रही है, जिसको लेकर मंडी में खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. व्यापारी संघ के सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि नगदी भुगतान को लेकर व्यापारियों के सामने असमंजस की स्तिथी बनी हुई है. उनका कहना है कि मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को आज से ही दो लाख रुपए तक का नगद भुगतान करने को कहा गया है. जबकि जिले की सभी बैंकों में नगदी की कमी बनी हुई है. हरदा मंडी में हर रोज 4 से 5 करोड़ का भुगतान होता है.

Intro:हरदा की कृषि उपज मंडी में आज किसानों की फसल की खरीदी दो घन्टे तक शुरू नही हो सकी।यहां व्यापारियों को मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को दो लाख रुपए की राशि नगदी एवं बकाया राशि आरटीजीएस के माध्यम से करने के निर्देश दिए गए हैं।जिसको लेकर विरोध जताते हुए व्यापारियों ने शुरुआती दो घन्टे तक खरीदी नही की गई।व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मंडी और इनकम टैक्स विभाग के द्वारा अलग अलग राय दी जा रही है।कभी आरटीजीएस तो क़भी नगदी भुगतान करने को कहा जाता है।जिसको लेकर मंडी में खरीदी शुरू नही हो पाई है।


Body:व्यापारी संघ के सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि नगदी भुगतान को लेकर व्यापारियों के सामने असमंजस की स्तिथी बनी हुई है। उनका कहना है कि मंडी प्रशासन के द्वारा किसानों को आज से ही दो लाख रुपए तक का नगद भुगतान करने को कहा गया है।जबकि जिले की सभी बैंकों में नगदी की कमी बनी हुई है।हरदा मंडी में हर रोज 4 से 5 करोड़ का भुगतान होता है।व्यापारियों का कहना है कि एक ओर मंडी प्रशासन नगदी भुगतान की बात कर रहा है वही दूसरी ओर इनकमटैक्स विभाग हमे कैशलेस भुगतान करने को कहता है।उन्होंने बताया कि मंडी बोर्ड राज्य सरकार की ससंस्थान है जो हमे अब आज से ही दो लाख रुपए तक नगदी भुगतान करने को कह रहा है।जबकि इनकम टैक्स विभाग और शासन की भावन्तर ओर अन्य योजनाएं केशलेस भुगतान करने को कहता है।जिसके चलते व्यापारियों के सामने शासन की दोहरी नीति के तहत भुगतान करने में दिक्कतें आ रही है।व्यापारियों का कहना है कि नगदी भुगतान नही होने से लूट और अन्य घटनाओं में भी कमी आई है।
बाईट - पंकज अग्रवाल
व्यापारी कृषि उपज मंडी, हरदा


Conclusion:मंडी के प्रभारी सचिव बाचु सिंह पंवार का कहना है कि हमें मंडी बोर्ड से आज से ही सभी किसानों को उनकी उपज का दो लाख रुपए तक का भुगतान नगदी करने और बाकी भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से करने के निर्देश मिले हैं।वही हमारे द्वारा सभी व्यापारियों को यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।व्यापारियों को आने वाली नगदी की दिक्कत को लेकर उनका कहना है कि हमारे द्वारा शासन स्तर पर इस समस्या को रखा जा रहा है।वही सभी से खरीदी शुरू करने को कहा गया है।
बाईट - बाचु सिंह पंवार
प्रभारी सचिव कृषि उपज मंडी, हरदा
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