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आवारा पशु बन रहे परेशानियों का सबब, प्रशासन और सरकार उदासीन - गौशाला बगासपुर

नरसिंहपुर जिले में सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण गोशालाओं का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते हजारों की संख्या में आवारा गाय सड़कों पर घूमती रहती हैं. आवारा पशु ना सिर्फ किसानों की फसल को बर्बाद करते हैं बल्कि सड़कों पर आयेदिन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं .

Stray animals became the cause of problems
आवारा पशु बने परेशानियों का सबब
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Published : Sep 10, 2020, 9:41 PM IST

नरसिंहपुर। सरकार तथा स्थानीय प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण सड़कों पर मौत बनकर भटक रहे आवारा जानवरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. जो कि नरसिंहपुर तक ही सीमित नहीं है बल्कि नरसिंहपुर के आसपास के जिलों में भी यह समस्या देखने को मिलती है.

मुख्य राजमार्ग सड़कों पर आवारा पशुओं का झुंड लावारिस घूमता रहता है. जो खेतों में भी घुसकर ना केवल फसलों को तबाह करते हैं बल्कि सड़कों, रेल पटरियों और यहां तक कि बाजारों और गली मोहल्लों में आवारा घूमते हुए विभिन्न दुर्घटनाओं और जानमाल की हानि का कारण भी बन रहे हैं.

शासन ने प्रत्येक ग्राम में गौशाला खोलने का निर्णय लिया था, जिसके तहत जिले में लगभग 30 गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति मिली है, जिनका निर्माण लगभग पूरा होने की कगार पर है, वहीं कुछ जगहों पर गौशालाओं का संचालन शुरू भी हो गया है. एक गौशाला में लगभग 100 गोवंश रखने की क्षमता है लेकिन इसके बावजूद भी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों की तादाद में गोवंश आवारा घूम रहे हैं.

गोटेगांव में सिर्फ एक गौशाला शुरू
नरसिंहपुर के गोटेगांव विकासखंड के अंतर्गत पांच गौशालाओं का निर्माण कराया गया है, जिनमें से सिर्फ एक गौशाला बगासपुर का संचालन हो रहा है. बाकी बरेठा ,श्रीनगर लार्ड गांव ,शेर बेरखेड़ी गौशाला गौशाला का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. आज गोवंश यह स्थिति है कि वह सड़कों पर मारी मारी घूम रही है और गंदगी और अपशिष्ट पदार्थ खाने को मजबूर है. वही नदी नालों के किनारे गंदा पानी पीने से बीमार भी हो रही हैं.

पशुपालक करते हैं लापरवाही
पशुपालकों द्वारा भी लापरवाही बढ़ती जा रही है, जो सिर्फ दूध लगते समय गाय को अपने पास रखते हैं बाकी समय गायों को आवारा छोड़ देते हैं. जिसके चलते वो दुर्घटना का शिकार होती हैं. वहीं कई गाय सड़कों पर ही बछड़ों को जन्म दे देती हैं, लेकिन इनकी परवरिश नहीं हो पाती. आज गायों की स्थिति बद से बदतर हो रही है और इनकी हालत दयनीय है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी अपनी योजनाओं का फरीदा बताते हुए जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं.

बेहद लाभकारी है गाय
गौ सेवक देवनाथ पटेल बताते हैं कि गाय पालने के अनेकों लाभ हैं. इससे हमें दूध तो प्राप्त होता ही है साथ साथ इसका जम्मूतवी बेहद लाभकारी है, जो फसलों को बेहद लाभ पहुंचाता है. लेकिन समाज की आसंवेदनशीलता के कारण आज गोवंश की दुर्दशा हो रही है और सड़कों पर मारा मारा घूम रहा है.

जल्द शुरू होगी गौशाला-सीईओ
जनपद पंचायत सीईओ देवेंद्र सोनी ने बताया कि जल्द से जल्द गोटेगांव ब्लॉक की गौशालाओं का शुभारंभ किया जाएगा और आवारा घूम रहे मवेशियों को गौशाला में रखा जाएगा. जिससे कुछ हद तक गोवंश को सुरक्षा प्रदान होगी.

नरसिंहपुर। सरकार तथा स्थानीय प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण सड़कों पर मौत बनकर भटक रहे आवारा जानवरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. जो कि नरसिंहपुर तक ही सीमित नहीं है बल्कि नरसिंहपुर के आसपास के जिलों में भी यह समस्या देखने को मिलती है.

मुख्य राजमार्ग सड़कों पर आवारा पशुओं का झुंड लावारिस घूमता रहता है. जो खेतों में भी घुसकर ना केवल फसलों को तबाह करते हैं बल्कि सड़कों, रेल पटरियों और यहां तक कि बाजारों और गली मोहल्लों में आवारा घूमते हुए विभिन्न दुर्घटनाओं और जानमाल की हानि का कारण भी बन रहे हैं.

शासन ने प्रत्येक ग्राम में गौशाला खोलने का निर्णय लिया था, जिसके तहत जिले में लगभग 30 गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति मिली है, जिनका निर्माण लगभग पूरा होने की कगार पर है, वहीं कुछ जगहों पर गौशालाओं का संचालन शुरू भी हो गया है. एक गौशाला में लगभग 100 गोवंश रखने की क्षमता है लेकिन इसके बावजूद भी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों की तादाद में गोवंश आवारा घूम रहे हैं.

गोटेगांव में सिर्फ एक गौशाला शुरू
नरसिंहपुर के गोटेगांव विकासखंड के अंतर्गत पांच गौशालाओं का निर्माण कराया गया है, जिनमें से सिर्फ एक गौशाला बगासपुर का संचालन हो रहा है. बाकी बरेठा ,श्रीनगर लार्ड गांव ,शेर बेरखेड़ी गौशाला गौशाला का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. आज गोवंश यह स्थिति है कि वह सड़कों पर मारी मारी घूम रही है और गंदगी और अपशिष्ट पदार्थ खाने को मजबूर है. वही नदी नालों के किनारे गंदा पानी पीने से बीमार भी हो रही हैं.

पशुपालक करते हैं लापरवाही
पशुपालकों द्वारा भी लापरवाही बढ़ती जा रही है, जो सिर्फ दूध लगते समय गाय को अपने पास रखते हैं बाकी समय गायों को आवारा छोड़ देते हैं. जिसके चलते वो दुर्घटना का शिकार होती हैं. वहीं कई गाय सड़कों पर ही बछड़ों को जन्म दे देती हैं, लेकिन इनकी परवरिश नहीं हो पाती. आज गायों की स्थिति बद से बदतर हो रही है और इनकी हालत दयनीय है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी अपनी योजनाओं का फरीदा बताते हुए जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं.

बेहद लाभकारी है गाय
गौ सेवक देवनाथ पटेल बताते हैं कि गाय पालने के अनेकों लाभ हैं. इससे हमें दूध तो प्राप्त होता ही है साथ साथ इसका जम्मूतवी बेहद लाभकारी है, जो फसलों को बेहद लाभ पहुंचाता है. लेकिन समाज की आसंवेदनशीलता के कारण आज गोवंश की दुर्दशा हो रही है और सड़कों पर मारा मारा घूम रहा है.

जल्द शुरू होगी गौशाला-सीईओ
जनपद पंचायत सीईओ देवेंद्र सोनी ने बताया कि जल्द से जल्द गोटेगांव ब्लॉक की गौशालाओं का शुभारंभ किया जाएगा और आवारा घूम रहे मवेशियों को गौशाला में रखा जाएगा. जिससे कुछ हद तक गोवंश को सुरक्षा प्रदान होगी.

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