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भोपालः आयकर विभाग के छापे में मिले बाघ और अन्य जीवों की खाल पर जांच की मांग

RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सरकार से आयकर विभाग के छापे में मिले बाघ और अन्य जीवों की खाल पर जांच करने की मांग की है. मध्यप्रदेश में आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई के बाद विभाग ने बताया है कि यहां से लगभग 281 करोड़ की नगदी जब्त की गई है.

RTI एक्टिविस्ट ने सरकार से की जांच की मांग
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Published : Apr 9, 2019, 8:22 AM IST

भोपाल। आयकर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में की गई छापेमार कार्रवाई के दौरान कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में दिल्ली आयकर निदेशालय द्वारा की गई सर्चिंग में पता चला है कि यहां लगभग 281 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी जब्त की गई है.

rti activist
RTI एक्टिविस्ट ने सरकार से की जांच की मांग

यह राशि व्यवसाय, राजनीति और सार्वजनिक सेवा जैसे कई क्षेत्रों में अलग-अलग व्यक्तियों ने एकत्रित की गई है. नगदी का एक हिस्सा दिल्ली के एक प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्यालय को भी दिया गया है, जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपए शामिल थे. यह पैसा राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के तुगलक रोड, नई दिल्ली स्थित आवास पर दिए गए थे.

इसमें यह भी बताया गया है कि 14.6 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी, 252 बोतल शराब, कुछ हथियार, बाघ और अन्य जीवों की खाल भी बरामद की गई है. आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इस छापेमार कार्रवाई के दौरान बाघ और अन्य जीवों की मिली खाल पर कार्रवाई की मांग उठाई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सरकार के द्वारा इस मामले में जांच टीम गठित करने की मांग की है.

भोपाल। आयकर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में की गई छापेमार कार्रवाई के दौरान कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में दिल्ली आयकर निदेशालय द्वारा की गई सर्चिंग में पता चला है कि यहां लगभग 281 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी जब्त की गई है.

rti activist
RTI एक्टिविस्ट ने सरकार से की जांच की मांग

यह राशि व्यवसाय, राजनीति और सार्वजनिक सेवा जैसे कई क्षेत्रों में अलग-अलग व्यक्तियों ने एकत्रित की गई है. नगदी का एक हिस्सा दिल्ली के एक प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्यालय को भी दिया गया है, जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपए शामिल थे. यह पैसा राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के तुगलक रोड, नई दिल्ली स्थित आवास पर दिए गए थे.

इसमें यह भी बताया गया है कि 14.6 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी, 252 बोतल शराब, कुछ हथियार, बाघ और अन्य जीवों की खाल भी बरामद की गई है. आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इस छापेमार कार्रवाई के दौरान बाघ और अन्य जीवों की मिली खाल पर कार्रवाई की मांग उठाई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सरकार के द्वारा इस मामले में जांच टीम गठित करने की मांग की है.

Intro:नोट= यह खबर ब्यूरो के द्वारा बताई गई थी इसमें बाइट नहीं हुई है क्योंकि यह देर रात की खबर है .

आयकर विभाग के छापे में मिले बाघ और अन्य जीवो की खाल पर जांच की मांग


भोपाल आयकर विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश में की गई छापामार कार्यवाही के दौरान कई बड़े खुलासे हो रहे हैं जहां एक तरफ आयकर विभाग के द्वारा जारी किए गए एपिसोड में बताया गया है कि मध्यप्रदेश में दिल्ली आयकर निदेशालय द्वारा की गई सर्च से पता चला है कि यहां लगभग 281 करोड़ों रुपए की बेहिसाब नगदी एकत्रित की गई है यह राशि व्यवसाय राजनीति और सार्वजनिक सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से एकत्रित की गई है इसमें बताया गया है कि नगदी का एक हिस्सा दिल्ली के एक प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्यालय को भी हस्तांतरित किया गया है जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपए शामिल थे यह पैसा राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के तुगलक रोड नई दिल्ली स्थित आवास पर हस्तांतरित किया गया था इसमें यह भी बताया गया है कि 14.6 करोड़ रुपए की बेहिसाब नगदी 252 बोतल शराब कुछ हथियार और बाघ एवं अन्य जीवो की खाल भी बरामद की गई है


Body:आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इस छापामार कार्यवाही के दौरान बाघ एवं अन्य जीवों की मिली खाल कार्यवाही की मांग उठा दी है उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सरकार के द्वारा इस मामले में जांच टीम गठित करने की मांग की है .


Conclusion:आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने लिखा है कि मध्य प्रदेश में हाल में हुए इनकम टैक्स की रेड में मिले बाघ एवं अन्य जीवों की खाल के मामले में भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार तत्काल संयुक्त जांच घोषित करें .


बता दें कि अजय दुबे ना केवल आरटीआई एक्टिविस्ट है बल्कि वन जीवो के लिए भी जाने जाते हैं वे बाघों और शेरों को बचाने के लिए कई बार मुहिम भी चला चुके हैं उनका वन्य प्राणियों से गहरा लगाव है और वे लगातार वन क्षेत्रों में हो रही अनियमितताओं को भी उजागर करने का काम करते हैं साथ ही ऐसे लोगों को सजा दिलवाने में भी कभी पीछे नहीं रहते हैं जिनके पास इस तरह की वन्यजीवों की खाल मिलती है यही वजह है कि उन्होंने अब आयकर विभाग के छापे में मिली बाघ एवं अन्य जीवो की खाल के मामले में केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार को जांच करने का निवेदन किया है निश्चित रूप से यह एक बड़ा मामला है जब लगातार बाघों की संख्या कम हो रही है ऐसी स्थिति में इस तरह के रसूखदार और लोगों के घरों में बाघों की खाल मिलना कई प्रश्न खड़े कर रहा है जिसका जवाब केंद्र और राज्य सरकार को ढूंढना होगा . निश्चित रूप से यदि जांच टीम इस मामले में कार्यवाही करती है तो यह भी पता चल जाएगा कि शिकार पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी इन रसूखदार लोगों के पास बाघ की खाल और अन्य जीवो की खाल कैसे पहुंची है .
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