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निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ फूटा छात्रों के परिजनों का गुस्सा, विरोध- प्रदर्शन कर की कार्रवाई की मांग

दमोह में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्रों के परिजन लामबंद हो गए हैं. निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर प्रायवेट स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की.

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Published : Apr 3, 2019, 5:07 PM IST

दमोह

दमोह। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्रों के परिजन लामबंद हो गए हैं. निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर प्रायवेट स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की.

स्कूल प्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन करते परिजन

भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने निजी स्कूलें में चल रही जबरन फीस वसूली, मनमानी पुस्तकों की बिक्री, गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा नहीं दिया जाना सहित अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में एक ज्ञापन देने पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा कि दमोह में लंबे समय से इस प्रकार की मनमानी जारी. इसके बावजूद भी प्रशासन प्रंबधकों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए नाकाम साबित हो रहा है. अगर इसी प्रकार फीस में बढ़ोत्तरी जारी रही, तो अभिभावकों को अपने बच्चों को घर बिठाना पड़ेगा.

अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों ने एनसीआटी और मानव संसाधन मंत्रालय के नियमों को ताक पर रखकर जबरन फीस वसूली कर रहे हैं. मामले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है.

दमोह। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्रों के परिजन लामबंद हो गए हैं. निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर प्रायवेट स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की.

स्कूल प्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन करते परिजन

भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने निजी स्कूलें में चल रही जबरन फीस वसूली, मनमानी पुस्तकों की बिक्री, गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा नहीं दिया जाना सहित अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में एक ज्ञापन देने पहुंचे. बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा कि दमोह में लंबे समय से इस प्रकार की मनमानी जारी. इसके बावजूद भी प्रशासन प्रंबधकों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए नाकाम साबित हो रहा है. अगर इसी प्रकार फीस में बढ़ोत्तरी जारी रही, तो अभिभावकों को अपने बच्चों को घर बिठाना पड़ेगा.

अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों ने एनसीआटी और मानव संसाधन मंत्रालय के नियमों को ताक पर रखकर जबरन फीस वसूली कर रहे हैं. मामले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है.

Intro:चुनावी मौसम में निजी स्कूलों के प्रति राजनीतिक दलों का विरोध आया सामने

निजी स्कूलों की फीस एवं पुस्तकों मैं हो रही मनमानी के खिलाफ भाजयुमो ने सौंपा ज्ञापन

भाजयुमो की चेतावनी नहीं हुई कार्रवाई तो स्कूलों में करेंगे तालाबंदी

Anchor. दमोह में चुनावी खुमार जहां सुप्त अवस्था में देखा जा रहा है, क्योंकि यहां पर केवल भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी की घोषणा हुई है. कांग्रेस अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर सकी. वहीं चुनावी कामों से मिली निजात का उपयोग भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अब दमोह शहर के निजी विद्यालयों के विरोध में ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दमोह के निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस उनके द्वारा वितरित की जाने वाली स्टेशनरी सहित अन्य मांगों का ज्ञापन कलेक्टर के नाम सौंपा. वहीं कार्यवाही नहीं होने पर तालाबंदी की चेतावनी भी दी.


Body:Vo. दमोह जिला कलेक्ट्रेट में पहुंचे भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष के साथ अन्य पदाधिकारियों ने निजी विद्यालयों में चल रही अनैतिक फीस वसूली, मनमानी पुस्तकों की बिक्री, गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा नहीं दिया जाना सहित अन्य मांगों का ज्ञापन दिया गया. युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि दमोह में लगातार लंबे समय से यह मनमानी जा रही है. इसके बावजूद भी प्रशासन इस पर लगाम लगाने के लिए नाकाम साबित हो रहा है. ऐसे में जब चुनावी माहौल है. अभिभावकों के ऊपर बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने का दबाव है. साथ ही उसको पुस्तकों की खरीदी में भी मनमाने पैसे वसूले जाने का आरोप भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने लगाकर कार्रवाई की मांग की है.

बाइट प्रमोद विश्वकर्मा भाजयुमो जिला अध्यक्ष

बाइट मनीष तिवारी भाजपा जिला मीडिया प्रभारी


Conclusion:Vo. हर साल दमोह में शिक्षण सत्र की शुरुआत पर स्कूलों द्वारा मनमानी किए जाने के मामले सामने आते हैं. एक साथ फीस की वसूली, मनमानी पुस्तकों की बिक्री, यूनिफॉर्म का बदला जाना सहित अन्य मनमानी सामने आने के बाद विरोध भी होता है. लेकिन यह विरोध केवल ज्ञापन तक सीमित रह जाता है. हर साल इस तरह की विरोध प्रदर्शन की धमकी दिया जाना और उसके बाद आंदोलन को शांत कर देना राजनीतिक दलों के नेताओं की फितरत बनती जा रही है. देखना होगा युवा मोर्चा की तालाबंदी की चेतावनी इस बार भी सच साबित होती है या नहीं.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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