उज्जैन। आस्था के प्रतिक 118 किलोमीटर की पंचकोशी यात्रा का समापन हो गया है. यात्रियों ने 118 किलोमीटर की भीषण गर्मी में पैदल यात्रा पूरी कर शहर में प्रवेश किया जहां शहरवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
दरअसल यह यात्रा लोक जीवन धर्म और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है. इस यात्रा का उल्लेख स्कंद पुराण में अवंतिका खंड में मिलता है, जिसके अनुसार महाकाल वन के चारों दिशाओं में चार द्वार हैं. पूर्व में पिंगलेश्वर, पश्चिम में तिलकेश्वर, उत्तर में दुर्दरेश्वर और दक्षिण में कायावरोहणेश्वर के मंदिर में श्रद्धालु दर्शन कर वापस उज्जैन लौट कर शिप्रा नदी में डुबकी लगाते हैं.