ग्वालियर। जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर बड़ा आदेश दिया है. खंडपीट ने अपने आदेश में कहा है कि किसी पुरानी रंजिश के चलते विवाद में एससी एसटी एक्ट न लगाया जाए, साथ ही कोर्ट ने संबधित व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को भी, तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के निर्देश संबंधित थाना प्रभारी को दिए हैं.
दरअसल, ग्वालियर के घाटमपुर इलाके के रहने वाले राजेश सिंह भदौरिया का पड़ोस में रहने वाले, दलित परिवार से विवाद चल रहा था.जिसमें एक दिन दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया, जिसके फलस्वरुप दलित परिवार ने राजेश भदौरिया और उनके परिजनों के खिलाफ थाटीपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी लेकिन एफआईआर में दलित परिवार ने जातिगत अपमान का कोई आरोप नहीं लगाया. यहां तक की पुलिस ने जब उनके बयान दर्ज किए तब भी उन्होंने इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया. लेकिन मामले में पुलिस अधिकारियों से साठ-गांठ कर पीड़ित ने राजेश भदौरिया सहित परिजन पर एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट के तहत धाराएं बढ़वा दी. इसके बाद एक्ट में बढ़ी धाराओं को लेकर राजेश ने ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर की.मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि इस तरह के मामलों में एससी-एसटी एक्ट न लगाया जाए.
वहीं याचिकाकर्ता अवदेश सिंह भदौरिया का कहना है कि इस आदेश के बाद एससी-एसटी एक्ट के मामले में गिरावट आएगी.साथ ही इससे समाज में समरसता बरकरार रहेगी और जो मामले वाजिब हैं उन पर एससी एसटी एक्ट दर्ज किए जाएंगे.