भोपाल। आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती है. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने युवाओं के नाम संदेश जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा है कि स्वर्गीय राजीव गांधी आधुनिक डिज़िटल भारत के सच्चे अर्थों में वास्तुविद थे, उन्होंने लोकतंत्र और सद्भाव को मजबूत बनाने के साथ ही भारतीय राजनीति में भविष्य की सोच के एक राजनेता की पहचान बनाई और इक्कीसवी सदी के नए भारत की नींव रखी. कमलनाथ ने कहा कि आज जो हालात हैं, उससे हमारा युवा और किसान दोनों हताश हैं. यह वही शक्ति है, जिसकी देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे यह कहते हुए अफसोस है कि, जो युवा 5-10 वर्ष पहले कॉलेज की पढ़ाई करके निकले हैं, वे अच्छे भविष्य का इंतजार करते करते आज ओवरएज हो गए.
ऐसे युवा जो पढ़े लिखे हैं और जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है. वे ना तो गांव के रहे और ना ही शहर के रहे. पिछले 15 सालों में मध्यप्रदेश बहुत पीछे रह गया है. नौकरी और रोजगार को लेकर न तो कोई सोच और न ही कोई योजना बन पाई. इससे नौजवानों में हताशा और निराशा का माहौल है. केवल मीडिया में ऐलान करने से नौजवानों को रोजगार नहीं मिलेगा.
भाजपा के शासन में युवा निराश
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का नौजवान, इंटरनेट के युग का नौजवान है. आज के नौजवानों में एक तड़प है, वो ठेका या कमीशन नही चाहता है, वो तो अपना भविष्य बनाना चाहता है.
उसे व्यवसाय और रोजगार की तलाश है. 15 सालों मे भाजपा सरकार ने जितनी घोषणाएं,आश्वासन और विज्ञापन दिये, उनमे से कुछ पर भी अमल होता, तो आज हमारा प्रदेश आगे बढ़ जाता.
इन 15 वर्षों में प्रदेश के किसान और नौजवान सबसे ज्यादा निराश हुए हैं. कमलनाथ ने हाल ही में मध्यप्रदेश में घटित घटनाक्रम का उल्लेख किया. उन्होंने कहा की जनादेश के बाद कांग्रेस की सरकार बनी, तब कांग्रेस को ऐसा मध्यप्रदेश सौंपा गया, जो किसानों की आत्महत्या में नंबर वन, बेरोजगारी में नंबर वन, महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन, भ्रष्टाचार में नंबर वन- बिगड़ती कानून व्यवस्था और तिजोरी खाली थी.
इन परिस्थितियों में उन्होंने सरकार संभाली और एक नई शुरूआत की. कांग्रेस सरकार को 5 वर्ष काम करने का जनादेश मिला था. लेकिन काम करने के लिये 15 माह ही मिले, इनमें से 3 माह लोकसभा चुनाव और राजनैतिक उथल-पुथल में ही निकल गये. इतने अल्प समय में प्रशासन में एक नयी सोच,नई दिशा और कार्यप्रणाली की शुरूआत की. नौजवानों के भविष्य को लेकर अपने संकल्प सामने रखे, पांच वर्षों में मेरा प्रयास पूरे प्रदेश की तस्वीर बदलने का होता.
निजी कंपनियों में 70 प्रतिशत प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की शर्त
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा की सरकारी नौकरी में अवसर और मौके बहुत सीमित हैं. इसलिये निजी क्षेत्र में नई नौकरियां पैदा करने की योजना बनाई. इसके लिये निवेश को प्रोत्साहन दिया. विश्वास के बिना कोई निवेश नही आता है, निवेश तभी आता है जब प्रदेश पर विश्वास होता है. हमारी सरकार नें यह विश्वास बढ़ाया और मध्यप्रदेश की एक नई पहचान बनाने की शुरूआत की.
कमलनाथ सरकार ने की बड़ी शुरुआत
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मध्यप्रदेश की सीमा पांच राज्यों से जुडी हुई है, इसलिये प्रदेश को एक बडा लॉजिस्टिक हब बनाने की शुरूआत की.विभिन्न फूड पार्क की स्थापना की पहल की गयी, जिसके कारण फूड़ प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश आना शुरू हुआ. इससे, प्रदेश में आर्थिक गतिविधि बढ़ती और प्रदेश के नौजवानों को रोजगार मिलता. कमल नाथ ने कहा आज के युग में कौशल विकास का बहुत महत्व है
माफिया और मिलावटखोरों पर की कार्रवाई
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान मिलावटखोरों और माफिया से थी.मिलावट को समाप्त करने के लिये “शुद्ध के लिये युद्ध” अभियान शुरू किया. माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही शुरू की, ये वही माफिया थे,जिन्हें 15 साल भाजपा सरकार का संरक्षण मिला था.
सौदेबाजी से गिरी कांग्रेस सरकार
सौदेबाजी और बोली लगाकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया. भाजपा ने मध्यप्रदेश की पहचान बिकाउ राजनीति करने वाले राज्य के रूप में बनाने की शुरूआत की है. मध्यप्रदेश इस राजनैतिक सौदेबाजी के कारण देश में कलंकित हुआ है. जब पूरा देश और प्रदेश कोरोना से लडने की तैयारी कर रहा था, तब कांग्रेस सरकार गिराने के लिये भाजपा सौदेबाजी में व्यस्त थी. कोरोना महामारी से निपटने के खराब प्रबंधन ने एक आर्थिक संकट खडा कर दिया है.
राहत में युवाओं को क्या मिला?
केन्द्र की बीजेपी सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. मै पूछना चाहता हूं कि क्या प्रदेश के किसी युवा को कोई राशि मिली ? इस बात को हमारे प्रदेश के नौजवान बेहतर समझते हैं. प्रदेश की आर्थिक गतिविधि चौपट हो चुकी हैं, केवल घोषणा और मीडिया की राजनीति से ध्यान हटाने का काम चल रहा है.
युवाओं से लड़ाई का आह्वान
कमलनाथ ने युवाओं से आह्वान किया कि उन्हें एक लड़ाई और लड़नी है. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बनाये गये संविधान की रक्षा के लिये, बाबा साहब ने देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा, जो भारत के संविधान के रूप में दिया था,आज उस लोकतंत्र पर संकट है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सच्चाई को जाने पहचाने और सच्चाई का साथ दें.