हरदा। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में भारतीय किसान संघ ने कृषि उपज मंडी समिति परिसर में बने कृषक विश्राम गृह के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है. भारतीय किसान संघ का कहना है कि, कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी शुरू किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी नहीं शुरू की गई है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल दो से 3 हजार का नुकसान हुआ है.
किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि, उन्होंने भोपाल जाकर कृषि मंत्री कमल पटेल से मुलाकात की. जिसमें उन्होंने समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक खरीदी नहीं की गई. किसान संघ ने समर्थन मूल्य से कम भाव पर बिकी सभी फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए सरकार से मांग की है, साथ ही मंडी अधिनियम के तहत किसानों की उपज मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकने की गारंटी देने की बात की है. उन्होंने कहा कि, हर मंडी में आधुनिक मशीनों की व्यवस्था की जाय. कृषि उपज के मानक की जांच एफबी मानक होने पर व्यापारी द्वारा किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य दिए जाने की भी मांग की है.
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री भगवान दास गौर ने आरोप लगाया कि, उनके द्वारा आंदोलन शुरू करने को लेकर प्रशासन को पहले ही अवगत करा दिया गया था, लेकिन बीती रात टीआई ने फोनकर धरने के परमिशन नहीं देने की बात कही और धरना न देने का दबाव डाला. जिसके विरोध में आज धरना दिया गया है. उनका कहना है कि, प्रशासन के द्वारा किसान संघ की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
वहीं धरना प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान संघ के निर्धारित सदस्यों से अधिक संख्या में किसान धरना स्थल में शामिल हुए, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ती रहीं.