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धड़ल्ले से चल रहा है अवैध रेत का कारोबार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

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Published : Jun 4, 2019, 3:17 PM IST

रायसेन जिले में कई जगह अवैध रेत का उत्खनन किया जा रहा है और इस मामले में प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है.

अवैध रेत का कारोबार

रायसेन। सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन जिला प्रशासन का रवैया नहीं बदला. आज भी अवैध रेत का उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. खास बात यह है प्रशासन के नाक के नीचे यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी कानोंकान खबर नहीं है.

अवैध रेत का कारोबार


नर्मदा क्षेत्र में बरसात से पहले तक कोटपार महंत में सेवा कॉरपोरेशन और एक अन्य कंपनी की रेत खदान चालू थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा के दौरान सभी रेत खदानों से रेत निकालने पर रोक लगा दी और ग्राम पंचायतों के अधीन कर दिया. जब इस अवैध रेत खनन के बारे में जिला खनिज अधिकारी से बात की, तो उन्होंने गोलमाल जवाब देकर कार्रवाई करने की बात कही.


कानून के मुताबिक, नर्मदा नदी पर बने पुल से 200 मीटर तक रेत नहीं खोदी जा सकती, लेकिन रेत माफिया नर्मदा पुल से कुछ कदम की दूरी तक रेत खोद रहे हैं. दिन में तो लेबर से रेत भरवाई जा रही है, लेकिन रात में पोकलेन मशीन के जरिए उत्खनन कराया जा रहा है. यहां नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. बरेली अनु विभाग में कोटपार, महंत, अलीगंज, घाट पिपरिया और केतोघान यह 5 खदानें आज भी अवैध रूप से चल रही हैं.

रायसेन। सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन जिला प्रशासन का रवैया नहीं बदला. आज भी अवैध रेत का उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. खास बात यह है प्रशासन के नाक के नीचे यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी कानोंकान खबर नहीं है.

अवैध रेत का कारोबार


नर्मदा क्षेत्र में बरसात से पहले तक कोटपार महंत में सेवा कॉरपोरेशन और एक अन्य कंपनी की रेत खदान चालू थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा के दौरान सभी रेत खदानों से रेत निकालने पर रोक लगा दी और ग्राम पंचायतों के अधीन कर दिया. जब इस अवैध रेत खनन के बारे में जिला खनिज अधिकारी से बात की, तो उन्होंने गोलमाल जवाब देकर कार्रवाई करने की बात कही.


कानून के मुताबिक, नर्मदा नदी पर बने पुल से 200 मीटर तक रेत नहीं खोदी जा सकती, लेकिन रेत माफिया नर्मदा पुल से कुछ कदम की दूरी तक रेत खोद रहे हैं. दिन में तो लेबर से रेत भरवाई जा रही है, लेकिन रात में पोकलेन मशीन के जरिए उत्खनन कराया जा रहा है. यहां नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. बरेली अनु विभाग में कोटपार, महंत, अलीगंज, घाट पिपरिया और केतोघान यह 5 खदानें आज भी अवैध रूप से चल रही हैं.

Intro:सरकार भले ही बदल गई हो लेकिन जिला प्रशासन का रवैया नहीं बदला आज भी अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से जारी है जिस रेत खदान को जून 2018 को सरेंडर कर दिया हो उसी रेत खदान पर प्रशासन की कृपा दृष्टि बनी हुई है आज भी सरेंडर रेत खदान पर उत्खनन जारी है यह पूरा मामला है बरेली के पास कोटपार महंत की रेत खदान का।


Body:जी हां बात कर रहे हैं जिले के आखिरी छोर पर नर्मदा क्षेत्र की जहां बरसात से पहले तक कोटपार महंत में सेवा कारपोरेशन और एक अन्य कंपनी की रेत खदान चालू थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नर्मदा यात्रा के दौरान सभी रेत खदानों से रेत निकालने पर रोक लगा दी और ग्राम पंचायतों के अधीन कर दिया। जिसमें शिवा कारपोरेशन के पास तो लीज है और अन्य खदान बेरोकटोक चल रही हैं ग्राम पंचायत कोटपार महंत को आवंटित हुई खदान बावजूद इसके शिवा कारपोरेशन का उत्खनन आज भी जारी है जब हमने जिला खनिज अधिकारी से बात की तो गोलमोल जवाब दिया सवाल ये उठता है जब सरेंडर हो गई खदान चालू कैसे है कहा जाता है जो कोटपार महंत में खदान चला रहे हैं बीजेपी के कद्दावर नेता हैं जिनके तार तत्कालीन सरकार में गहरे तक थे लेकिन जब सरकार बदल गई तो यह रेत खदान किसकी शह पर चल रही है बरेली एसडीएम से इस मामले में बात की तो जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिया लेकिन कार्रवाई कब तक होगी यह देखना होगा। रेत उत्खनन की जो नीति है उसके आधार पर नर्मदा नदी पर बने पुल से 200 मीटर तक रेत नहीं खोदी जाएगी लेकिन रेत माफिया नर्मदा पुल से कुछ कदम की दूरी तक रेत खोद रहे हैं दिन में तो लेबर से रेत भरवाई जा रही है लेकिन रात में पोकलेन मशीन चालू हो जाती है बाकायदा स्टॉक की रॉयल्टी पर चल रहा यह गोरखधंधा। बरेली अनु विभाग में कोटपार,महंत,अलीगंज,घाट पिपरिया और केतोघान यह 5 खदानें आज भी अवैध रूप से चल रही है स्थानीय विधायक देवेंद्र पटेल एक माह पहले इस मुद्दे को उठा चुके हैं और अपनी ही सरकार में अधिकारी नहीं सुनते यह बात कह चुके हैं फिर किसके इशारे पर यह खदानें चालू है कमलनाथ सरकार ने सोमवार को कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर पंचायतों को दी गई खदाने निरस्त कर दी अब देखना होगा आखिर कब तक प्रशासन कार्यवाही करता है।

Byte-संजय उपाध्याय एसडीएम।


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