रायसेन। सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन जिला प्रशासन का रवैया नहीं बदला. आज भी अवैध रेत का उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. खास बात यह है प्रशासन के नाक के नीचे यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी कानोंकान खबर नहीं है.
नर्मदा क्षेत्र में बरसात से पहले तक कोटपार महंत में सेवा कॉरपोरेशन और एक अन्य कंपनी की रेत खदान चालू थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा के दौरान सभी रेत खदानों से रेत निकालने पर रोक लगा दी और ग्राम पंचायतों के अधीन कर दिया. जब इस अवैध रेत खनन के बारे में जिला खनिज अधिकारी से बात की, तो उन्होंने गोलमाल जवाब देकर कार्रवाई करने की बात कही.
कानून के मुताबिक, नर्मदा नदी पर बने पुल से 200 मीटर तक रेत नहीं खोदी जा सकती, लेकिन रेत माफिया नर्मदा पुल से कुछ कदम की दूरी तक रेत खोद रहे हैं. दिन में तो लेबर से रेत भरवाई जा रही है, लेकिन रात में पोकलेन मशीन के जरिए उत्खनन कराया जा रहा है. यहां नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. बरेली अनु विभाग में कोटपार, महंत, अलीगंज, घाट पिपरिया और केतोघान यह 5 खदानें आज भी अवैध रूप से चल रही हैं.