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एडीजी के पिता मामले में गृह विभाग ने लिया संज्ञान, मृत्यू को लेकर बना हुआ है संशय - adg

एडीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा के पिता की मौत के मामले में गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर निर्देशित किया है. वहीं मानव अधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने यह कदम उठाया है.

एडीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा
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Published : Mar 19, 2019, 5:59 AM IST

भोपाल। एडीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा के पिता की मौत के मामले में गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर निर्देशित किया है. इस मामले में मानव अधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद गृह विभाग ने यह कदम उठाया गया है. पत्र के मुताबिक एडीजी मिश्रा अपने मृत पिता को जीवित बता रहे हैं.

मामले के अधिक उलझने की वजह यह भी है कि एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता की मौत पर अब तक संशय बना हुआ है. अभी तक ये स्पष्ठ नहीं हुआ है कि वे फिलहाल जिंदा है या मृत? एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक उनके पिता ठीक है और वह आयुर्वेदिक पद्धिति से उनका इलाज करा रहे हैं, लेकिन एडीजी अपने पिता का मेडिकल कराने को तैयार नहीं है.

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गृह विभाग का पुलिस महानिदेशक को पत्र

मामले में मानव अधिकार भी लगातार संज्ञान लेने की कोशिश कर रहा है. आयोग ने एडीजी के पिता का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टर की एक टीम भी गठित की थी, लेकिन टीम को हर बार एडीजी निवास से खाली हाथ लौटना पड़ा. मामला एडीजी से जुड़ा है और वे किसी को भी अपने घर में प्रवेश नहीं करने दे रहे. यही वजह है कि मामला गृह विभाग तक जा पहुंचा है. अब गृह विभाग ने कहा कि पुलिस अधिकारी मानवाधिकार के मानकों के आधार पर इस मामले की जांच पूरी करें. वहीं इस मामले से जुड़ी एक याचिका एडीजी की मां की ओर से भी हाईकोर्ट में लगाई गई है.

भोपाल। एडीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा के पिता की मौत के मामले में गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर निर्देशित किया है. इस मामले में मानव अधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद गृह विभाग ने यह कदम उठाया गया है. पत्र के मुताबिक एडीजी मिश्रा अपने मृत पिता को जीवित बता रहे हैं.

मामले के अधिक उलझने की वजह यह भी है कि एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता की मौत पर अब तक संशय बना हुआ है. अभी तक ये स्पष्ठ नहीं हुआ है कि वे फिलहाल जिंदा है या मृत? एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक उनके पिता ठीक है और वह आयुर्वेदिक पद्धिति से उनका इलाज करा रहे हैं, लेकिन एडीजी अपने पिता का मेडिकल कराने को तैयार नहीं है.

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गृह विभाग का पुलिस महानिदेशक को पत्र

मामले में मानव अधिकार भी लगातार संज्ञान लेने की कोशिश कर रहा है. आयोग ने एडीजी के पिता का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टर की एक टीम भी गठित की थी, लेकिन टीम को हर बार एडीजी निवास से खाली हाथ लौटना पड़ा. मामला एडीजी से जुड़ा है और वे किसी को भी अपने घर में प्रवेश नहीं करने दे रहे. यही वजह है कि मामला गृह विभाग तक जा पहुंचा है. अब गृह विभाग ने कहा कि पुलिस अधिकारी मानवाधिकार के मानकों के आधार पर इस मामले की जांच पूरी करें. वहीं इस मामले से जुड़ी एक याचिका एडीजी की मां की ओर से भी हाईकोर्ट में लगाई गई है.

Intro:एडीजी के पिता मामले में गृह विभाग ने लिया संज्ञान पुलिस महानिदेशक को तय बिंदुओं पर जांच के निर्देश


भोपाल मध्य प्रदेश पुलिस में एडीजी के पद पर कार्यरत राजेंद्र कुमार मिश्रा के पिता के मामले में मानव अधिकार आयोग लगातार संज्ञान लेने की कोशिश कर रहा है लेकिन मानव अधिकार आयोग के द्वारा गठित की गई डॉक्टरों की टीम को हर बार एडीजी के निवास से खाली हाथ ही लौटा दिया जाता है जिससे यह मामला उलझ ताजा रहा है एडीजी के पिता जिंदा है या वह मृत हो चुके हैं इसे लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं लेकिन अब प्रदेश के गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि मानव अधिकार आयोग के तय किए गए बिंदुओं के आधार पर जांच की जाना सुनिश्चित करें


Body:गृह विभाग के अवर सचिव श्री दास ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग का प्रकरण क्रमांक 940/ भोपाल /19 परीक्षण कर माननीय आयोग की अनुशंसा अनुसार प्रतिवेदन समय सीमा में गृह विभाग को प्रेषित करें .

एडीजी आर के मिश्रा के पिता के मामले में राज्य सरकार के गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश को राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा तय बिंदुओं पर अपना प्रतिवेदन समय सीमा में आयोग कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए .


Conclusion:बता दें कि एडीजी की मां के द्वारा भी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर एक याचिका लगाई गई है इसकी वजह से मामला और उलझ ताजा रहा है वहीं एडीजी के निवास पर जब भी डॉक्टर और पुलिस की टीम पहुंची है वहां से उन्हें बैरंग ही लौट आया गया है क्योंकि यह मामला परिवार से जुड़ा हुआ है इसलिए बिना अनुमति के कोई भी टीम घर में प्रवेश नहीं कर पा रही है वहीं एडीजी का कहना है कि उनके पिता इस समय जीवित है और वह आयुर्वेदिक पद्धति से उनका इलाज करवा रहे हैं लेकिन एडीजी राजेंद्र मिश्रा अपने पिता का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए तैयार नहीं है यही वजह है कि अब यह मामला गृह विभाग तक पहुंच गया है
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