ETV Bharat / briefs

होलिका दहन के बाद देशभर में रंगों के त्योहार होली की धूम

देशभर में मनाई जा रही होली की धूम प्रदेश सहित सतना और खरगोन जिले में भी देखने को मिली. जहां लोगों ने पूजा अर्चना के साथ मां होलिका का दहन किया.

सतना
author img

By

Published : Mar 21, 2019, 6:08 AM IST

सतना/खरगोन। होलिका दहन के बाद शुरु होने वाले रंगों के त्योहार होली की देशभर में धूम है. बुधवार देर रात सभी जगह होलिका दहन किया गया. सतना और खरगोन होलिका का दहन कर लोगों ने देश में फैली बुराईयों को दूर करने की कामना की.

होली

सतना और खरगोन में पारंपरिक तरीके से पूजन अर्चन कर होलिका दहन किया गया. साथ ही लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली की बधाई दी. होलिका दहन के दौरान लोगों ने लोकगीत गए, तो वहीं कुछ जगह होली के गीतों पर सामूहिक नृत्य भी किया.

होली मनाने के बारे में पंडित गोपाल कृष्ण जोशी ने बताया कि हिरण्यकश्यप अपने आपको भगवान स्वरूप मानने के लिए प्रजा को विवश कर रहा था. तब उसका सबसे पहले विरोध उसके पुत्र और विष्णु भक्त प्रह्लाद ने किया. जिसके बाद हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जिसे अग्नि स्नान की विद्या प्राप्त थी. वो अपनी सिध्दि का प्रयोग करते हुए प्रह्लाद को गोद में बैठा कर अग्नि में बैठ गई. भक्त प्रह्लाद तो भगवान की कृपा से बच गए, लेकिन होलिका जलकर भस्म हो गई. तब से ही यह होलिका पर्व मनाया जाता है.

सतना/खरगोन। होलिका दहन के बाद शुरु होने वाले रंगों के त्योहार होली की देशभर में धूम है. बुधवार देर रात सभी जगह होलिका दहन किया गया. सतना और खरगोन होलिका का दहन कर लोगों ने देश में फैली बुराईयों को दूर करने की कामना की.

होली

सतना और खरगोन में पारंपरिक तरीके से पूजन अर्चन कर होलिका दहन किया गया. साथ ही लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली की बधाई दी. होलिका दहन के दौरान लोगों ने लोकगीत गए, तो वहीं कुछ जगह होली के गीतों पर सामूहिक नृत्य भी किया.

होली मनाने के बारे में पंडित गोपाल कृष्ण जोशी ने बताया कि हिरण्यकश्यप अपने आपको भगवान स्वरूप मानने के लिए प्रजा को विवश कर रहा था. तब उसका सबसे पहले विरोध उसके पुत्र और विष्णु भक्त प्रह्लाद ने किया. जिसके बाद हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जिसे अग्नि स्नान की विद्या प्राप्त थी. वो अपनी सिध्दि का प्रयोग करते हुए प्रह्लाद को गोद में बैठा कर अग्नि में बैठ गई. भक्त प्रह्लाद तो भगवान की कृपा से बच गए, लेकिन होलिका जलकर भस्म हो गई. तब से ही यह होलिका पर्व मनाया जाता है.

Intro:एंकर इंट्रो
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोगों ने होली के पावन त्यौहार पर लकड़ी का ढेर लगा कर होलिका दहन किया,, होलिका दहन के पहले सभी ने मिलकर पूजा पाठ की और लकड़ी के ढेर को जलाकर होलिका दहन की,,हमेशा से ही होलिका दहन के बाद लोग रंग गुलाल से इस त्यौहार की खुशियों को मनाते हैं,, होलिका दहन के बाद जलती हुई होलिका में लोग अपनी और अपने पूरे परिवार की नजरों को राई और चोकर से उतार कर होलिका दहन में दहन कर देते हैं,, इसी के साथ इस रंगो के रंग भरे त्यौहार में लोगों ने होलिका दहन के बाद गुलाल से एक दूसरे को रंग दिया और सभी को गुलाल लगाकर गले लग कर बधाईयां भी दी ।


Body:बड़े हर्षोल्लास के साथ लोगों ने होलिका दहन कर एक दूसरे को रंग गुलाल लगा कर, गले लग कर बधाइयां दी होली के रंग भरे त्योहार को लोग भाति भाति प्रकार से मनाते चले आ रहे हैं,, कोई गाना बजा कर, गीत गाकर, तो कोई नाच गाकर, डीजे के धुन में झूमते हुए मनाते हैं ।


Conclusion:------
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.