नीमच। मानासा में गरीबों को मिलने वाला राशन, उचित मूल्क की दुकानों पर पहुंचने से पहले चोरी हो रहा है, ऐसी शिकायतें लगातार सामने आ रहीं थी. जब ईटीवी भारत ने इस मामले की पड़ताल की तो चौकाने वाले मामले सामने आए. मंगलवार को नीमच रोड कालेज के पास स्थित शासकीय वेयर हाऊस से विपणन संस्था के दो ट्रकों में गेहूं, चावल, शक्कर और नमक भरकर ग्राम फोफलिया, टामोटी एवं धाकड़ खेड़ी की राशन दुकानों पर खाली होने के लिए लोड हुए. लोड होने के बाद दोनों ट्रक लंबे समय तक वेयर हाउस के बाहर नीमच मनासा रोड पर खड़े रहे. इस बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने गरीबों के हक साथ हो रही डकैती की पोल खोलकर रख दी.
दरअसल, दोनों ट्रकों से कुछ लोग गेहूं सहित अन्य राशन के करीब दस बैग चोरी करके वेयर हाउस के पीछे बनी बस्ती की तरफ ले गए. इस दौरान एक व्यक्ति और आया जिसने अपनी बाईक पर तीन बैग रखे और चलता बना. हैरानी की बात तो ये है कि जहां पर चोर राशन के बैग की चोरी कर रहे थे, वहां से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लायर्स केंद्र प्रभारी का ऑफिस मात्र 50 फीट की दूरी पर था. जिनको ट्रकों से चोरी हुए बैग की भनक तक नहीं लगी. लेकिन ईटीवी भारत के कैमरे ने चोरी के इस खेल को कैद कर लिया. वहीं जिन विपणन के ट्रकों से राशन सोसायटियों में पहुचाया जा रहा था, उस विपणन के संस्था प्रभारी ने दोनों ट्रकों में लदे राशन का ईटीवी भारत की टीम की उपस्थिति कराई तौल में जो बात सामने आई, वो हैरान करने वाली थी.
जब ट्रकों में लदा माल तौला गया तो उसका वजन बिल के मुताबिक ही मिला. ऐसे में शक की सुई सप्लायर्स की तरफ भी मुड़ती है. जब चोरी के बाद भी माल बिल के मुताबिक है, तो इसका मतलब साफ है कि ट्रकों में अधिक राशन लोड कर कांटे पर ट्रकों का तोल होने के बाद राशन चोरी करवाया या फिर संबंधित विपणन संस्था के जिम्मेदारों ने.
इस बारे में जब जिला अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, अगर ट्रकों से राशन चोरी हुआ है तो इसमें सारी जिम्मेदारी परिवहन करने वाली संस्था की है, सप्लायर्स की नहीं. बहरहाल, दोषी कोई भी हो लेकिन इससे एक बात तो सिद्ध हुई कि कितने शातिराना तरीके से सरकारी राशन की चोरी हो रहा है, जिसमें कहीं न कहीं अधिकारी भी लिप्त हैं.