खरगोन। आंचलिक अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला आयोजित कर किसानों को समय-समय पर अच्छी फसल उगाने की जानकारी दी जाती है, बावजूद इसके किसान पराली में आग लगाने से बाज नहीं आते. जिला चिकित्सालय के पास किसान ने पराली में आग लगा दी, जिससे प्रदूषण तो फैला ही, साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता भी इससे कम होती है.
दरअसल खरगोन में आज भी किसान गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों में आग लगा देते हैं. ऐसी ही घटना जिला चिकित्सालय के पास देखने को मिली, यहां एक किसान ने अपने खेत में आग लगा दी. आग इतनी भीषण थी कि कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ जिस कुल्मी ने बताया कि ये 2 किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थी. प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी किसान जागरूक नहीं हो रहे हैं.