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ई- टेंडर घोटाला: बेंगलुरु एंट्रेंस कंपनी के वॉइस प्रेसीडेंट मनोहर एनएम से ईओडब्ल्यू की पूछताछ जारी - भोपाल

ई-टेंडर घोटाले में बेंगलुरू की एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर एनएम से ईओडब्ल्यू की पूछताछ लगातार जारी, ईओडब्ल्यू ने एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के सभी एग्जीक्यूटिव को नोटिस देकर पूछताछ के लिए भोपाल बुलाया

ई-टेंडर घोटाला
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Published : Apr 25, 2019, 6:14 PM IST

भोपाल। ई-टेंडर घोटाले में बेंगलुरू की एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर एनएम से ईओडब्ल्यू की पूछताछ लगातार जारी है. करीब 3 दिनों से ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और उनके सहयोगियों से ई-टेंडर घोटाले को लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं ईओडब्ल्यू ने एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के सभी एग्जीक्यूटिव को नोटिस देकर पूछताछ के लिए भोपाल बुलाया है.

ई-टेंडर घोटाला

बताया जा रहा है कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के सर्वर का मेंटेनेंस, नेटवर्किंग और हेल्प डेस्क सहित ज्यादातर काम एंट्रेंस सिस्टम कंपनी और टीसीएस कंपनी के पास था. दोनों कंपनी के अधिकारियों के पास इनके लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर भी थे. लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर लीक होने के संबंध में ही मनोहर एनएम से लगातार पूछताछ हो रही है. ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर से यह जानकारी हासिल की जा रही है कि अफसरों के डिजिटल सिगनेचर आखिरकार कंपनियों के पास कैसे पहुंचे.

एंट्रेंस सिस्टम कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से यह भी पूछताछ की जा रही है कि इस घोटाले में क्या विभागों के अफसर भी शामिल है क्योंकि विभागों के अफसरों के मिलीभगत के बिना डिजिटल सिगनेचर और पासवर्ड इन कंपनियों के पास पहुंचना संभव नहीं है. इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि जब सरकारी एजेंसी एनआईसी के होने के बावजूद ई टेंडर की नोडल एजेंसी एमपीएसईडीसी ने एनआईसी को न देकर एंट्रेंस और टीसीएस जैसी प्राइवेट कंपनियों को काम क्यों दिया. इसके पीछे कौन-कौन अफसर और नेता शामिल है. एंट्रेंस कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ के बाद इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है.

भोपाल। ई-टेंडर घोटाले में बेंगलुरू की एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर एनएम से ईओडब्ल्यू की पूछताछ लगातार जारी है. करीब 3 दिनों से ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और उनके सहयोगियों से ई-टेंडर घोटाले को लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं ईओडब्ल्यू ने एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के सभी एग्जीक्यूटिव को नोटिस देकर पूछताछ के लिए भोपाल बुलाया है.

ई-टेंडर घोटाला

बताया जा रहा है कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के सर्वर का मेंटेनेंस, नेटवर्किंग और हेल्प डेस्क सहित ज्यादातर काम एंट्रेंस सिस्टम कंपनी और टीसीएस कंपनी के पास था. दोनों कंपनी के अधिकारियों के पास इनके लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर भी थे. लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर लीक होने के संबंध में ही मनोहर एनएम से लगातार पूछताछ हो रही है. ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर से यह जानकारी हासिल की जा रही है कि अफसरों के डिजिटल सिगनेचर आखिरकार कंपनियों के पास कैसे पहुंचे.

एंट्रेंस सिस्टम कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से यह भी पूछताछ की जा रही है कि इस घोटाले में क्या विभागों के अफसर भी शामिल है क्योंकि विभागों के अफसरों के मिलीभगत के बिना डिजिटल सिगनेचर और पासवर्ड इन कंपनियों के पास पहुंचना संभव नहीं है. इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि जब सरकारी एजेंसी एनआईसी के होने के बावजूद ई टेंडर की नोडल एजेंसी एमपीएसईडीसी ने एनआईसी को न देकर एंट्रेंस और टीसीएस जैसी प्राइवेट कंपनियों को काम क्यों दिया. इसके पीछे कौन-कौन अफसर और नेता शामिल है. एंट्रेंस कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ के बाद इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है.

Intro:भोपाल- हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में बेंगलुरु की एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर एनएम से ईओडब्ल्यू की पूछताछ लगातार जारी है करीब 3 दिनों से ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट और उनके सहयोगियों से ई टेंडर घोटाले को लेकर पूछताछ कर रही है एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के इन सभी एग्जीक्यूटिव को नोटिस देकर बेंगलुरु से भोपाल बुलाया गया है बताया जा रहा है कि ई प्रोक्योरमेंट होटल केसर व का मेंटेनेंस नेटवर्किंग और हेल्प डेस्क सहित ज्यादातर काम एंट्रेंस सिस्टम कंपनी और टीसीएस कंपनी के पास था दोनों कंपनी के अधिकारियों के पास इनके लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर भी थे लॉगइन पासवर्ड और डिजिटल सिगनेचर लीक होने के संबंध में ही मनोहर एनएम से लगातार पूछताछ हो रही है ईओडब्ल्यू कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर से यह जानकारी भी हासिल कर रही है कि अफसरों के डिजिटल सिगनेचर आखिरकार कंपनियों के पास कैसे पहुंचे।


Body:एंट्रेंस सिस्टम कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट से यह भी पूछताछ की जा रही है कि इस घोटाले में क्या विभागों के अवसर भी शामिल है क्योंकि विभागों के अफसरों के मिलीभगत के बिना डिजिटल सिगनेचर और पासवर्ड इन कंपनियों के पास पहुंचना संभव ही नहीं है वहीं यह भी पता लगाया जा रहा है कि जब सरकारी एजेंसी एन आई सी मौजूद थी तो ई टेंडर की नोडल एजेंसी एमपीएसईडीसी ने एनआईसी को दरकिनार कर एंट्रेंस और टीसीएस जैसी प्राइवेट कंपनियों को काम क्यों दिया और इसके पीछे कौन-कौन अक्सर और नेता शामिल है माना जा रहा है कि एंट्रेंस कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ के बाद इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, ईओडब्ल्यू।


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