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रीवा: आरटीआई का जवाब देने के लिए शिक्षा विभाग ने मांगे 50 हजार रुपए - रीवा शिक्षा विभाग ने मांगी घूस

रीवा। जिले में आज जिला शिक्षा विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. जहां आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर जिला शिक्षा विभाग द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता से 50 हजार रूपए मांगे गए हैं.

Education department asks for 50 thousand rupees to answer RTI in Rewa
शिक्षा विभाग रीवा
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Published : Jun 15, 2020, 10:11 PM IST

रीवा। जिले में आज जिला शिक्षा विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. जहां आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर जिला शिक्षा विभाग द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता से 50 हजार रुपए मांगे गए हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल का कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मांगे गए जवाब का स्पष्टीकरण नहीं था. जिसके तहत उन्हें नोटिस भेजा गया. उनका कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मांगे गए ब्यौरे की बहुत बड़ी सूची है, उसे ऐसे ही प्रदाय नहीं की जा सकता.

Education department asks for 50 thousand rupees to answer RTI in Rewa
शिक्षा विभाग ने मांगे 50 हजार रुपए

दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता ने शिक्षा विभाग से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में पेट्रोल और डीजल पर किए गए खर्च पर ब्यौरा मांगा था. जिसके जवाब में शिक्षा विभाग ने अभिलेखों की प्रतिलिपि को लेकर जवाब के तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता उमेश बारी को 50 हजार रुपए का नोटिस थमा दिया. जिसमें बकायदे जिला शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर भी था और जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता उमेश बारी से 50 हजार रुपए मांगे.

बता दें कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था. जिसके द्वारा कोई भी किसी भी विभाग की जानकारी ले सकता है. लेकिन विभाग के कर्मचारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और इसे भ्रष्टाचार का हथियार बना लिया है.

रीवा। जिले में आज जिला शिक्षा विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. जहां आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर जिला शिक्षा विभाग द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता से 50 हजार रुपए मांगे गए हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल का कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मांगे गए जवाब का स्पष्टीकरण नहीं था. जिसके तहत उन्हें नोटिस भेजा गया. उनका कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मांगे गए ब्यौरे की बहुत बड़ी सूची है, उसे ऐसे ही प्रदाय नहीं की जा सकता.

Education department asks for 50 thousand rupees to answer RTI in Rewa
शिक्षा विभाग ने मांगे 50 हजार रुपए

दरअसल, आरटीआई कार्यकर्ता ने शिक्षा विभाग से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में पेट्रोल और डीजल पर किए गए खर्च पर ब्यौरा मांगा था. जिसके जवाब में शिक्षा विभाग ने अभिलेखों की प्रतिलिपि को लेकर जवाब के तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता उमेश बारी को 50 हजार रुपए का नोटिस थमा दिया. जिसमें बकायदे जिला शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर भी था और जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता उमेश बारी से 50 हजार रुपए मांगे.

बता दें कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था. जिसके द्वारा कोई भी किसी भी विभाग की जानकारी ले सकता है. लेकिन विभाग के कर्मचारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और इसे भ्रष्टाचार का हथियार बना लिया है.

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