ग्वालियर। एक बार फिर एक डॉग ने साबित कर दिया है कि चाहे आज एक इंसान दूसरे इंसान के काम ना आए, लेकिन डॉग्स इंसान के लिए जान की बाजी हमेशा से लगाते आए हैं और लगाते रहेंगे. यही वजह है कि इनकी वफादारी की लोग मिसालें देते हैं. ग्वालियर में भी डेजी नाम के डॉग ने अपनी मालकिन के बेटे को आग से बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा डाली.
थाटीपुर इलाके में रहने वाली अर्चना कंसाना ग्वालियर क्राइम ब्रांच में नौकरी करती हैं. उनके पति भी नौकरी करते हैं. घर में सिर्फ उनका 14 साल का बच्चा तनिष्क रहता है. तनिष्क की देखभाल और सुरक्षा घर में रहने वाले डॉग डेजी के जिम्मे रहती है. अर्चना कंसाना के घर के मंदिर में बुधवार को अचानक आग लग गई. गहरी नींद में सोए तनिष्क को डेजी ने उठाने की कई कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठा. जिसके बाद डेजी ने तनिष्क के पैर को मुंह से खींचकर जगा दिया. तब तक घर के दो कमरों में आग फैल चुकी थी.
आग की जानकारी लगते ही तनिष्क ने अपनी मां को फोन लगाया और घटना के बारे में बताया. मां ने पड़ोसियों को फोन लगाया तो पड़ोसियों ने आकर गैस सिलेंडर और जलने वाला सामान बाहर निकाला और फिर आग बुझाने की कवायद शुरू की गई. तनिष्क का कहना है कि अगर आज डेजी नहीं होती, तो शायद पूरा घर जल जाता और वह भी नहीं बचता.
इधर कॉन्स्टेबल अर्चना का कहना है कि डेजी उसके लिए भगवान की तरह है. तनिष्क को बचाने में उसने ने खास भूमिका निभाई है. आग की खबर लगते ही आसपास का पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा. थोड़ी ही देर बाद आग पर काबू पा लिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी, लेकिन गनीमत यह है कि घर में सोया बच्चा बच गया और बच्चे को बचाने में डॉग ने अहम भूमिका निभाई.