डिंडोरी। करंजिया विकासखंड में खन्नात गांव के नर्मदा टोला में रहने वाली नरबदिया आर्मो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, बावजूद इसके ये शारीरिक कमजोरी भी उनका हौसला नहीं तो पाई. चित्रकारी के हुनर से आज नरबदिया अपनी पहचान बनाने में सफल हुईं. उनके ऊपर चित्रकारी का ऐसा जुनून है कि वह मुंह में ब्रश दबाकर चित्रकारी करतीं हैं. शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद चित्रकारी जिसमें शारीरिक रूप से सक्षम होना जरूरी समझा जाता है, उसको अपना जुनून बनाकर उन्होंने एक मिसाल पेश की है.
मां ने हमेशा दिया साथ
नरबदिया कहती हैं कि वह बचपन से ही हाथ पैर से दिव्यांग हैं, जिसके चलते उनके नित्य क्रिया सहित नहलाने-धुलाने से लेकर पेंटिंग के काम में मां हाथ बटाती है. शुरू में धागों के सहारे कपड़ों में बने फूल, आदमी, जानवर और भगवान बनाया करती थी, फिर धीरे-धीरे उसकी बढ़ती ललक को देखकर परिजनों ने उसे पेंटिंग शीट, ब्रश और कलर दिलवा दिया.
वहीं आजीविका समूह के परियोजना अधिकारी श्याम गौतम ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से नरबदिया बाई का मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में आया था, जिसे लेकर कलेक्टर ने विशेष सहायता करने के निर्देश दिए थे. जिससे जीविका समूह के द्वारा उन्हें पाटनगड के कलाकार से विशेष ट्रेनिंग के साथ आजीविका समूह से जोड़कर 15 हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दिलवाई गई. आज नरबदिया की लगभग बीस से ज्यादा पेंटिंग बिकने के लिये तैयार हैं. नरबदिया की सहायता के लिए दो महिलाओं को पेंटिंग की फ्रेमिंग और दो महिलाओं को मार्केटिंग के लिए ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है. जिससे उनकीं पेंटिंग आसानी से बिक सकें.