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वृक्षारोपण की कवायद में जुटा जिला प्रशासन, 8 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य

मुरैना की 5 नदियों के किनारे 8 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए वन विभाग, हॉर्टिकल्चर, ग्राम पंचायत साथ मिलकर काम करेंगे.

वृक्षारोपण की कवायद
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Published : Jun 7, 2019, 12:08 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 3:29 PM IST

मुरैना। जिले की क्वारी नदी, सांक नदी, आसन नदी और चंबल नदी के बेसिन को इस बार 8 लाख 50 हजार पौधे लगाकर हरा-भरा करने की योजना बनाई जा रही है. इस काम में वन विभाग, हार्टिकल्चर, ग्राम पंचायत सहित आम आदमी को जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा.

प्रशासन के लिए वृक्षारोपण करना तो आसान होता है, लेकिन उन वृक्षों को सुरक्षित रखते हुए विकसित करना बड़ी चुनौती होती है. हर साल जिले में 5 से 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है, लेकिन वह लक्ष्य हमेशा फोटो खिंचाने तक सीमित रह जाता है. इस बार प्रशासन ऐसी जगहों पर वृक्षारोपण करने जा रहा है, जहां बरसात में और बरसात के बाद लगातार पौधों की सिंचाई के लिए सहज पानी उपलब्ध हो, ताकि सिंचाई और सुरक्षा आसानी से हो सके. बीहड़ों को हरा-भरा करने के लिए सीड बोर के माध्यम से 5 लाख पौधे रोपे जाएंगे.

वृक्षारोपण की कवायद
  • जिले को हरा-भरा करने के लिए प्रशासन की कवायद
  • नदियों के किनारे लगाए जाएंगे 8 लाख से ज्यादा पेड़
  • वन विभाग, हार्टिकल्चर, ग्राम पंचायत साथ मिलकर करेंगे काम
  • वृक्षों को सुरक्षित रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती.

मुरैना। जिले की क्वारी नदी, सांक नदी, आसन नदी और चंबल नदी के बेसिन को इस बार 8 लाख 50 हजार पौधे लगाकर हरा-भरा करने की योजना बनाई जा रही है. इस काम में वन विभाग, हार्टिकल्चर, ग्राम पंचायत सहित आम आदमी को जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा.

प्रशासन के लिए वृक्षारोपण करना तो आसान होता है, लेकिन उन वृक्षों को सुरक्षित रखते हुए विकसित करना बड़ी चुनौती होती है. हर साल जिले में 5 से 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है, लेकिन वह लक्ष्य हमेशा फोटो खिंचाने तक सीमित रह जाता है. इस बार प्रशासन ऐसी जगहों पर वृक्षारोपण करने जा रहा है, जहां बरसात में और बरसात के बाद लगातार पौधों की सिंचाई के लिए सहज पानी उपलब्ध हो, ताकि सिंचाई और सुरक्षा आसानी से हो सके. बीहड़ों को हरा-भरा करने के लिए सीड बोर के माध्यम से 5 लाख पौधे रोपे जाएंगे.

वृक्षारोपण की कवायद
  • जिले को हरा-भरा करने के लिए प्रशासन की कवायद
  • नदियों के किनारे लगाए जाएंगे 8 लाख से ज्यादा पेड़
  • वन विभाग, हार्टिकल्चर, ग्राम पंचायत साथ मिलकर करेंगे काम
  • वृक्षों को सुरक्षित रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती.
Intro:लगातार बढ़ रहे तापमान और घटते जलस्तर को लेकर अब सरकार और प्रशासन चिंतित होने लगा है इसलिए पर्यावरण को हरा-भरा करने के लिए ठोस कदम उठाने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा मुरैना में की जा रही है मुरैना जिले की क्वारी नदी , सांक नदी , आसन नदी और चंबल नदी के वेसिन को इस बार 8 लाख 50 हजार पौधों लगा कर हरा-भरा करने की योजना बनाई जा रही है । इस काम में वन विभाग , हॉर्टिकल्चर , ग्राम पंचायत सहित आम आदमी को जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा ।


Body:प्रशासन के लिए वृक्षारोपण करना तो आसान होता है लेकिन उन वृक्षो को सुरक्षित रखते हुए विकसित करना बड़ी चुनौती है । हर साल जिले में आज से 5 से 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है ।लेकिन वह लक्ष हमेशा फोटो खिंचाने तक सीमित रह जाता है । लेकिन इस बार प्रशासन ऐसी जगहों पर वृक्षारोपण करने जा रहा है जहां बरसात में और बरसात के बाद लगातार पौधों की सिंचाई के लिए सहज पानी उपलब्ध हो । ताकि सिंचाई और सुरक्षा आसानी से हो सके । इसलिए जिले की 4 नदियां सबसे बड़ी नदी चंबल जिसके बीहड़ों को हरा-भरा करने के लिए सीड़ बोल के माध्यम से 5 लाख पौधे रोपे जायेगे । साथ में क्वारी नदी, आसान नदी और सांक नदीके सूखते पानी को लेकर प्रशासन चिंतित है । इन नदियों के बेसन में वृक्षारोपण किया जाएगा यहां बरसात में और बरसात के बाद आसानी से पानी उपलब्ध रहे और पौधों की सिंचाई मोती रहे नदियों के किनारे ग्रामीण विकास विभाग और ग्राम पंचायत सामाजिक कार्यकर्ता
, हॉर्टिकल्चर विभाग को जोड़कर वृक्षारोपण कराया जाएगा नदियों के बीच रोकने की योजना बनाई गई है ।







Conclusion:अब देखना यह है कि हर वर्ष की भांति इस बर्ष भी लगने वाले पौधे सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगे या धरती को हरा भरा करने के लिए रोपे गए पौधे सुरक्षित रहते हुए विकसित हो जिसे मूर्त रूप देने की कोई ठोस विधि अपनाई जाएगी ।
बाईट 1 - तरुण भटनागर - सीईओ जिला पंचायत मुरैना
बाईट 2 - आर एन शर्मा - डिप्टी रेंजर वन विभाग मुरैना
Last Updated : Jun 7, 2019, 3:29 PM IST
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