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डॉ पायल के लिए न्याय की मांग, जनजाति संगठनों और डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च - आईएएस अधिकारी

राजधानी के डिपो चौराहे पर युवा आदिवासी जनजाति संगठनों और होम्योपैथी डॉक्टर एसोसिएशन ने डॉ पायल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 2 किमी लंबी कैंडल मार्च निकाली.

डॉ पायल के लिए निकाली कैंडल मार्च
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Published : May 30, 2019, 8:16 AM IST

भोपाल| मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या मामले का लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. भोपाल में भी कई समाजसेवी संगठनों और होम्योपैथी डॉक्टर्स आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. देर शाम राजधानी के डिपो चौराहे पर युवा आदिवासी जनजाति संगठनों और होम्योपैथी डॉक्टर एसोसिएशन ने 2 किमी लंबा कैंडल मार्च निकाला. लोगों ने डॉक्टर पायल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

डॉ पायल के लिए निकाली कैंडल मार्च

समाजसेवी संगठन के सदस्य संदीप कुलस्ते का कहना है कि जिस तरह की घटना मुंबई में डॉक्टर पायल के साथ घटित हुई है, उसे आत्महत्या नहीं माना जा सकता है, क्योंकि उन्हें जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित करने का प्रयास किया गया था. उन्होंने कहा कि आज देश बदल रहा है, लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो जातिगत आधार पर अपनी मानसिकता को बनाए हुए हैं. संविधान में जातिगत टिप्पणी को लेकर सख्त प्रावधान किए गए हैं. जिसके बावजूद इस तरह की रैगिंग ली जाती है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने डॉ पायल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया था, उन्हें फांसी तो नहीं दी जा सकती है, लेकिन कम से कम आगे से इस तरह की घटना दोबारा ना हो, इसे देखते हुए इन आरोपियों को 10 साल का कारावास होना चाहिए, ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जा सके.

वहीं आईएएस अधिकारी श्याम सिंह कुमरे का कहना है कि मुंबई में डॉ पायल के साथ पिछले 6 महीने से लगातार रैगिंग और जातिसूचक शब्दों के ताने मार कर प्रताड़ित किया जा रहा था. जिससे तंग आकर 22 मई 2019 को अपने कमरे में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. महाविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में डॉ पायल ने लिखित में अवगत कराया गया था, जिसके बावजूद कार्रवाई नहीं की गई. घटना के बाद से ही समस्त अनुसूचित जाति और जनजाति समाज अत्यंत दुखी और आक्रोशित है. युवा आदिवासी जनजाति संगठन और सभी अनुसूचित जाति समाज द्वारा डॉक्टर पायल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है और उन्हें न्याय दिलाने की मांग सरकार से की गई है.

भोपाल| मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या मामले का लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है. भोपाल में भी कई समाजसेवी संगठनों और होम्योपैथी डॉक्टर्स आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. देर शाम राजधानी के डिपो चौराहे पर युवा आदिवासी जनजाति संगठनों और होम्योपैथी डॉक्टर एसोसिएशन ने 2 किमी लंबा कैंडल मार्च निकाला. लोगों ने डॉक्टर पायल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

डॉ पायल के लिए निकाली कैंडल मार्च

समाजसेवी संगठन के सदस्य संदीप कुलस्ते का कहना है कि जिस तरह की घटना मुंबई में डॉक्टर पायल के साथ घटित हुई है, उसे आत्महत्या नहीं माना जा सकता है, क्योंकि उन्हें जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित करने का प्रयास किया गया था. उन्होंने कहा कि आज देश बदल रहा है, लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो जातिगत आधार पर अपनी मानसिकता को बनाए हुए हैं. संविधान में जातिगत टिप्पणी को लेकर सख्त प्रावधान किए गए हैं. जिसके बावजूद इस तरह की रैगिंग ली जाती है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने डॉ पायल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया था, उन्हें फांसी तो नहीं दी जा सकती है, लेकिन कम से कम आगे से इस तरह की घटना दोबारा ना हो, इसे देखते हुए इन आरोपियों को 10 साल का कारावास होना चाहिए, ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जा सके.

वहीं आईएएस अधिकारी श्याम सिंह कुमरे का कहना है कि मुंबई में डॉ पायल के साथ पिछले 6 महीने से लगातार रैगिंग और जातिसूचक शब्दों के ताने मार कर प्रताड़ित किया जा रहा था. जिससे तंग आकर 22 मई 2019 को अपने कमरे में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. महाविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में डॉ पायल ने लिखित में अवगत कराया गया था, जिसके बावजूद कार्रवाई नहीं की गई. घटना के बाद से ही समस्त अनुसूचित जाति और जनजाति समाज अत्यंत दुखी और आक्रोशित है. युवा आदिवासी जनजाति संगठन और सभी अनुसूचित जाति समाज द्वारा डॉक्टर पायल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है और उन्हें न्याय दिलाने की मांग सरकार से की गई है.

Intro:डॉक्टर पायल को जाति सूचक शब्द से परेशान करने वालों को सख्त सजा दिए जाने की मांग


भोपाल | मुंबई के बी. वाई.एल नायर अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या मामले में अब लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है भोपाल में भी कई समाजसेवी संगठन और होम्योपैथी डॉक्टर्स आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए सड़कों पर उतर आए हैं देर शाम राजधानी के डिपो चौराहे पर युवा आदिवासी जनजातियां संगठन एवं होम्योपैथी डॉक्टर एसोसिएशन ने 2 किलोमीटर का कैंडल मार्च निकालकर डॉक्टर पायल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है .


Body:समाज सेवी संगठन के संदीप कुलस्ते का कहना है कि जिस तरह की घटना मुंबई में डॉक्टर पायल के साथ घटित हुई है उसे आत्महत्या नहीं माना जा सकता है क्योंकि उन्हें जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित करने का प्रयास किया गया जिसकी आत्म ग्लानि की वजह से उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया जिन लोगों की वजह से यह पूरा घटनाक्रम हुआ है निश्चित रूप से डॉक्टर पायल की आत्महत्या के लिए वही लोग दोषी है और इन लोगों के ऊपर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि आज देश बदल रहा है लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो जातिगत आधार पर अपनी मानसिकता को बनाए हुए हैं ऐसी स्थिति में जब संविधान में जातिगत टिप्पणी को लेकर सख्त प्रावधान किए गए हैं इसके बावजूद भी यदि इस प्रकार की रैगिंग करते हुए किसी को अपमानित करने का प्रयास किया जाता है तो यह आज के समाज के लिए एक काला धब्बा है हम मांग कर रहे हैं कि जिन लोगों के द्वारा डॉक्टर पायल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है उन्हें फांसी तो नहीं दी जा सकती है क्योंकि संविधान हमें या अधिकार नहीं देता है लेकिन कम से कम आगे से इस प्रकार की घटना क्रम की पुनरावृत्ति ना हो इसे देखते हुए इन आरोपियों को 10 वर्ष का कारावास होना चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जा सके .


Conclusion:2000 बैच के आईएएस अधिकारी श्याम सिंह कुमरे का कहना है कि मुंबई में डॉक्टर पायल के साथ पिछले 6 माह से लगातार रैगिंग व जातिसूचक शब्दों से ताने मार कर प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे तंग आकर 22 मई 2019 को अपने कमरे में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जबकि महाविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में डॉ पायल द्वारा लिखित में अवगत कराया गया था फिर भी महाविद्यालय प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार से इन तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टर स्कोर किसी प्रकार की चेतावनी और ना ही कोई उचित कार्यवाही की गई इस घटना के बाद से ही समस्त अनुसूचित जाति व जनजाति समाज अत्यंत दुखी और आक्रोशित है इस घटना को लेकर युवा आदिवासी जनजाति है संगठन व समस्त अनुसूचित जाति समाज द्वारा डॉक्टर पायल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है और उन्हें न्याय दिलाने की मांग सरकार से की गई है .


उन्होंने कहा कि जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करना हमारे संविधान के खिलाफ है और इसे देखते हुए यदि कोई ऐसा करता है तो निश्चित रूप से उसके ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि जो लोग ऐसा कर रहे हैं व समाज को जातिगत आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं और यह कभी भी सहन नहीं किया जा सकता है समाज आज बदलाव की तरफ आगे बढ़ रहा है और ऐसे समय पर यदि जातिगत मतभेद की बात की जाएगी तो निश्चित रूप से इससे ना केवल समाज को बल्कि देश को भी नुकसान उठाना पड़ेगा .
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