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चुनाव के बाद रिलैक्स नजर आए बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी, शेजवलकर ने परिवार के साथ बिताया वक्त

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Published : May 14, 2019, 1:25 PM IST

Updated : May 14, 2019, 7:47 PM IST

12 मई को ग्वालियर संसदीय सीट पर वोटिंग खत्म हो जाने के बाद सोमवार को बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह रिलैक्स मूड में नजर आए.

ग्वालियर संसदीय सीट पर वोटिंग के बाद रिलैक्स नजर आए बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी

ग्वालियर। ग्वालियर संसदीय सीट को लेकर दोनों ही दल अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. एक महीने की भागदौड़ और प्रचार के बाद इन प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए सोमवार का दिन आराम का साबित हुआ. 12 मई को मतदान संपन्न हो जाने के बाद बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर ने अपने परिवार के साथ सोमवार का पूरा दिन बिताया, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह अपने कार्यालय में बैठकर दिनभर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते रहे, हालांकि मतदान खत्म हो जाने के बाद वे भी रिलैक्स मूड में नजर आए.

ग्वालियर संसदीय सीट पर वोटिंग के बाद रिलैक्स नजर आए बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी


ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह कहने वैसे तो अच्छे दोस्त हैं, लेकिन चुनावी मैदान में वे एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं. अधिकांश ग्रामीण इलाकों में 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है. कुछ लोग इसे कांग्रेस के पक्ष में मानते हैं तो कुछ लोग बीजेपी के पक्ष में, लेकिन हार-जीत की बातचीत के दौर के बीच सोमवार का दिन प्रत्याशियों के लिए सुकून भरा रहा. विवेक शेजवलकर ने अपने नाती, नानी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वक्त बिताया. शाम में वे बीजेपी के चुनाव कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत की.


वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह दिन भर अपने क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से घिरे रहे. उन्होंने खासकर ग्रामीण इलाकों में अपनी मजबूत पकड़ के बारे में फीडबैक लिया. गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह ने कड़ी टक्कर दी थी और सिर्फ कुछ हजारों के मतों के अंतर से ही अशोक सिंह हार गए थे.

ग्वालियर। ग्वालियर संसदीय सीट को लेकर दोनों ही दल अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. एक महीने की भागदौड़ और प्रचार के बाद इन प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए सोमवार का दिन आराम का साबित हुआ. 12 मई को मतदान संपन्न हो जाने के बाद बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर ने अपने परिवार के साथ सोमवार का पूरा दिन बिताया, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह अपने कार्यालय में बैठकर दिनभर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते रहे, हालांकि मतदान खत्म हो जाने के बाद वे भी रिलैक्स मूड में नजर आए.

ग्वालियर संसदीय सीट पर वोटिंग के बाद रिलैक्स नजर आए बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी


ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह कहने वैसे तो अच्छे दोस्त हैं, लेकिन चुनावी मैदान में वे एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं. अधिकांश ग्रामीण इलाकों में 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है. कुछ लोग इसे कांग्रेस के पक्ष में मानते हैं तो कुछ लोग बीजेपी के पक्ष में, लेकिन हार-जीत की बातचीत के दौर के बीच सोमवार का दिन प्रत्याशियों के लिए सुकून भरा रहा. विवेक शेजवलकर ने अपने नाती, नानी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वक्त बिताया. शाम में वे बीजेपी के चुनाव कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत की.


वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह दिन भर अपने क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से घिरे रहे. उन्होंने खासकर ग्रामीण इलाकों में अपनी मजबूत पकड़ के बारे में फीडबैक लिया. गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह ने कड़ी टक्कर दी थी और सिर्फ कुछ हजारों के मतों के अंतर से ही अशोक सिंह हार गए थे.

Intro:ग्वालियर
प्रदेश की प्रतिष्ठा पूर्ण सीटों में से एक लोकसभा की ग्वालियर संसदीय सीट को लेकर दोनों ही दल अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। एक महीने की भागदौड़ और प्रचार से इन प्रत्याशी और उनके समर्थकों को सोमवार का दिन आराम का दिन साबित हुआ। भाजपा प्रत्याशी ने अपने परिवार के सदस्यों के दिन साद दिन बताया तो कांग्रेस प्रत्याशी अपने कार्यालय में बैठ कर दिन भर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते रहे।


Body:ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह कहने को अच्छे दोस्त हैं लेकिन राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें जिंदगी के उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां वे सियासी दुश्मन नजर आते हैं ।संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा है अधिकांश ग्रामीण इलाकों में 60 फ़ीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है कुछ लोग ऐसे कांग्रेस के पक्ष में मानते हैं तो कुछ लोग भाजपा के पक्ष में। लेकिन हार जीत के बातचीत के दौर के बीच सोमवार का दिन प्रत्याशियों के लिए सुकून भरा रहा विवेक शेजवलकर अपने नाती और नानी के साथ पारिवारिक सदस्यों के साथ मशगूल रहे और शाम को भाजपा के चुनाव कार्यालय पहुंचे।


Conclusion:वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह दिन भर अपने क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से घिरे रहे। उन्होंने खासकर ग्रामीण इलाकों में अपनी मजबूत पकड़ के बारे में फीडबैक लिया ।गौरतलब है कि 2014 के चुनाव में भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह ने कड़ी टक्कर दी थी और सिर्फ कुछ हजारों के मतों के अंतर से अशोक सिंह हार गए थे ।ग्रामीण क्षेत्र में उन्हें लोगों का खासा सहयोग मिला था लेकिन अपनी जीत के प्रति दोनों ही प्रत्याशी आश्वस्त हैं।
बाइट विवेक शेजवलकर भाजपा प्रत्याशी ग्वालियर
बाइट अशोक सिंह कांग्रेस प्रत्याशी ग्वालियर
Last Updated : May 14, 2019, 7:47 PM IST
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