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ये है आस्था का अनोखा नजारा, भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

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Published : Apr 5, 2019, 7:35 PM IST

हरदा में भूतड़ी अमावस्या मनाई गई, श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी पर पूजा पाठ कर स्नान किया. नर्मदा घाट पर आस्था का एक अनोखा नजारा देखने को मिला.

हरदा में ऐसे मनाई गई भूतड़ी आमावस्या

हरदा। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी पर मेला लगता है. कुछ लोग इसे भूतों का मेला कहते हैं तो कुछ के लिए आस्था है. इस आमावस्या पर पितरों का तर्पण करते हैं. लेकिन यहां आस्था का एक अनोखा नजारा देखने को मिलता है.

हरदा में ऐसे मनाई गई भूतड़ी आमावस्या

किसी के लिए ये आस्था है तो किसी के लिए अंधविश्वास. कोई यहां पाप से मुक्ति पाने आता है तो कोई उन शक्तियों से निजात पाने आते है जो शायद इस मानवी दुनिया से परे है. हमारे लिए यह अंधविश्वास हो सकता है लेकिन यह लोग इसे आस्था का नाम देते हैं. इन लोगों का विश्वास है कि बुरी शक्ति और बाहरी बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा-पाठ कर नर्मदा में डुबकी लगानी होती है, जिसके बाद इनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

श्रद्धालुओं में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चियां शामिल होती हैं. कोई नाचता नजर आता है तो कोई झुमता दिखाई देता है. नर्मदा नदी के घाटों पर होने वाली तंत्र मंत्र की क्रियाओं को जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में ही किया जाता है. लेकिन आस्था के आगे उन्हें भी किसी तरह की कार्रवाई से दूरी बनानी होती है. क्योंकि यह एक बड़े वर्ग के लोगों की आस्था से जुड़ा होता है.

हरदा। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी पर मेला लगता है. कुछ लोग इसे भूतों का मेला कहते हैं तो कुछ के लिए आस्था है. इस आमावस्या पर पितरों का तर्पण करते हैं. लेकिन यहां आस्था का एक अनोखा नजारा देखने को मिलता है.

हरदा में ऐसे मनाई गई भूतड़ी आमावस्या

किसी के लिए ये आस्था है तो किसी के लिए अंधविश्वास. कोई यहां पाप से मुक्ति पाने आता है तो कोई उन शक्तियों से निजात पाने आते है जो शायद इस मानवी दुनिया से परे है. हमारे लिए यह अंधविश्वास हो सकता है लेकिन यह लोग इसे आस्था का नाम देते हैं. इन लोगों का विश्वास है कि बुरी शक्ति और बाहरी बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा-पाठ कर नर्मदा में डुबकी लगानी होती है, जिसके बाद इनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

श्रद्धालुओं में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चियां शामिल होती हैं. कोई नाचता नजर आता है तो कोई झुमता दिखाई देता है. नर्मदा नदी के घाटों पर होने वाली तंत्र मंत्र की क्रियाओं को जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में ही किया जाता है. लेकिन आस्था के आगे उन्हें भी किसी तरह की कार्रवाई से दूरी बनानी होती है. क्योंकि यह एक बड़े वर्ग के लोगों की आस्था से जुड़ा होता है.

Intro:आज के युग में भले ही विज्ञान कितना भी आगे निकल गया हो लेकिन आस्था के आगे विज्ञान भी बौना बना नजर आता है।जी हाँ हम हरदा जिले के हंडिया तट पर भूतड़ी अमावस्या पर लगने वाले मेले के इस अनोखे मेले में होने वाले आयोजन से आपको रूबरू करा रहे हैं।भूतों के इस मेले में सारी रात तंत्र मंत्र क्रियाओं से बाहरी बाधाओं और भूत प्रेतों को दूर करने का काम किया जाता है।यहां नर्मदा के तट पर पड़ियारो की अदालत में भूत प्रेत से पीड़ित व्यक्ति आकर उसके अंदर समाई जाने वाली भूत प्रेत की बाधाओं को दूर करने की अरदास लगाते है।शरीर मे भूत प्रेत बाधा आने के दौरान कोई चिल्लाने लगता है तो कोई कूदने लगता है तो कोई रोने लगता है। वही दूसरी ओर यहां नवरात्र पर्व के शुरू होने के पहले देव स्थानों के पड़ियारो के द्वारा धाम लगाई जाती है।जिसमें पूरी रात ढ़ोल मजीरों पर देव और भूत एक साथ जमकर थिरकते नजर आते हैं।


Body:इस अद्भुत मेले का हर एक नजारा देखने लायक होता है।जब किसी व्यक्ति के शरीर मे किसी तरह की बाहरी शक्ति होती है तो उसे काबू में करने के लिए लोहे की जंजीरों का सहारा लिया जाता है।नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के करोड़ो लोगो की आस्था का केंद्र मानी जाती है।जिसके चलते खंडवा,सिहोर, देवास,रतलाम, उज्जैन सहित अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा यहां आकर पूरी रात विशेष पूजा अर्चना की जाकर स्नान का लाभ लिया जाता है।भक्तों का ऐसा मानना है कि जिन लोगों के शरीर में किसी तरह की बाहरी बाधा या भूत प्रेत ने प्रवेश ले लिया है तो उसे नर्मदा नदी के जल में स्नान कर दूर किया जा सकता है।नर्मदा नदी के तटों पर होने वाली क्रियाओं के द्वारा विज्ञान को चैलेंज किया जाता है।यहां लगने वाली पड़ियारो की अदालत में कई प्रकार की बीमारियों को भी दूर करने के दावे किए जाते हैं।जिसके चलते यहां अनपढ़ लोगों के साथ साथ शिक्षित वर्ग के लोग भी पूरी आस्था के साथ आकर नतमस्तक हो जाते हैं।


Conclusion:नर्मदा नदी के घाटों पर होने वाली तंत्र मंत्र की क्रियाओं को जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में ही किया जाता है लेकिन आस्था के आगे उन्हें भी किसी तरह की कार्यवाही करने के दूरी बनानी होती है।चूंकि यह एक बड़े वर्ग के लोगों की आस्था से जुड़ा होता है।जिला प्रशासन के द्वारा यहां पर करीब एक लाख लोगों के आने का अनुमान लगाया था लेकिन तेज गर्मी की वजह से संख्या कम रही हैं।
बाइट 1- जे यू सिद्दीकी
पुलिस अधिकारी, हरदा
बाइट 2- विष्णु प्रसाद तिवारी
पंडित,हरदा
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