हरदा। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी पर मेला लगता है. कुछ लोग इसे भूतों का मेला कहते हैं तो कुछ के लिए आस्था है. इस आमावस्या पर पितरों का तर्पण करते हैं. लेकिन यहां आस्था का एक अनोखा नजारा देखने को मिलता है.
किसी के लिए ये आस्था है तो किसी के लिए अंधविश्वास. कोई यहां पाप से मुक्ति पाने आता है तो कोई उन शक्तियों से निजात पाने आते है जो शायद इस मानवी दुनिया से परे है. हमारे लिए यह अंधविश्वास हो सकता है लेकिन यह लोग इसे आस्था का नाम देते हैं. इन लोगों का विश्वास है कि बुरी शक्ति और बाहरी बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा-पाठ कर नर्मदा में डुबकी लगानी होती है, जिसके बाद इनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं.
श्रद्धालुओं में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चियां शामिल होती हैं. कोई नाचता नजर आता है तो कोई झुमता दिखाई देता है. नर्मदा नदी के घाटों पर होने वाली तंत्र मंत्र की क्रियाओं को जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में ही किया जाता है. लेकिन आस्था के आगे उन्हें भी किसी तरह की कार्रवाई से दूरी बनानी होती है. क्योंकि यह एक बड़े वर्ग के लोगों की आस्था से जुड़ा होता है.