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मानव तस्करी गिरोह के 3 आरोपी गिरफ्तार, यूपी-राजस्थान में लड़कियों का किया जाता था सौदा

नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों को यूपी और राजस्थान ले जाकर बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

मानव तस्करी गिरोह के गिरफ्तार आरोपी
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Published : May 26, 2019, 9:51 PM IST

जबलपुर। नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों को यूपी और राजस्थान ले जाकर बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों ने 50 से ज्यादा लड़कियों को बेचने की बात स्वीकार की है. यह गिरोह लगभग 10 साल से मानव तस्करी का काम करता था.

अधारताल पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें लगभग 10 सालों से आनंद साहू नामक शख्स एक महिला के साथ इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे. जानकारी के अनुसार आरोपी महिला और आनंद साहू रूपयों के लालच में कंचनपुर इलाके में एक गरीब बस्ती में रहने वाली लड़कियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनका सौदा करते थे और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में तयशुदा दलालों के पास छोड़ देते थे. इसके साथ ही लड़कियों से मोबाइल छींन लिया जाता था. वहीं कुछ लड़कियों की बकायदा रजिस्टर्ड मैरिज और तयशुदा ग्राहक के साथ जबरन शादी करवा देते थे.

मानव तस्करी गिरोह के गिरफ्तार आरोपी

दरअसल, एक लड़की की शिकायत पर अधारताल पुलिस ने निखिल यादव, एक आरोपी महिला और आनंद साहू की गैंग को हिरासत में लिया है. लड़की का आरोप है कि उसे बेच दिया गया था. पूछताछ में आरोपियों ने 10 सालों में 50 से ज्यादा लड़कियों के बेचने की बात स्वीकार की है. फिलहाल इस मामले में पुलिस नें खरीद-फरोख्त के साथ धारा 370 का ममाला दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है.

जबलपुर। नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों को यूपी और राजस्थान ले जाकर बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों ने 50 से ज्यादा लड़कियों को बेचने की बात स्वीकार की है. यह गिरोह लगभग 10 साल से मानव तस्करी का काम करता था.

अधारताल पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें लगभग 10 सालों से आनंद साहू नामक शख्स एक महिला के साथ इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे. जानकारी के अनुसार आरोपी महिला और आनंद साहू रूपयों के लालच में कंचनपुर इलाके में एक गरीब बस्ती में रहने वाली लड़कियों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनका सौदा करते थे और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में तयशुदा दलालों के पास छोड़ देते थे. इसके साथ ही लड़कियों से मोबाइल छींन लिया जाता था. वहीं कुछ लड़कियों की बकायदा रजिस्टर्ड मैरिज और तयशुदा ग्राहक के साथ जबरन शादी करवा देते थे.

मानव तस्करी गिरोह के गिरफ्तार आरोपी

दरअसल, एक लड़की की शिकायत पर अधारताल पुलिस ने निखिल यादव, एक आरोपी महिला और आनंद साहू की गैंग को हिरासत में लिया है. लड़की का आरोप है कि उसे बेच दिया गया था. पूछताछ में आरोपियों ने 10 सालों में 50 से ज्यादा लड़कियों के बेचने की बात स्वीकार की है. फिलहाल इस मामले में पुलिस नें खरीद-फरोख्त के साथ धारा 370 का ममाला दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है.

Intro:15 सालों से लड़कियों को बेचने का धंधा नौकरी के नाम पर उत्तर प्रदेश और राजस्थान ले जाकर लड़कियों को बेचने का कारोबार गरीब परिवार नहीं करते पुलिस को शिकायत जबलपुर में पकड़े गए आरोपी


Body:जबलपुर मै मानव तस्करी के आरोप में पकड़े गए गैंग से पूछताछ में जो बातें सामने आ रही हैं वे दिल दहला देने वाली है

गौरतलब है कि एक लड़की की शिकायत के आधार पर अधारताल पुलिस ने निखिल यादव सुनीता यादव और आनंद साहू की गैंग को हिरासत में लिया है लड़की का आरोप था कि उसे बेच दिया गया था इस मामले में आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो समाज की तीन बड़ी बुराइयां बिगड़ा हुआ लिंगानुपात गरीबी और बेरोजगारी सामने आई जिन्होंने इस गोरखधंधे को जन्म दिया

शादी के लिए लड़कियों की कमी
दरअसल उत्तर प्रदेश और राजस्थान की कुछ इलाकों में लिंगानुपात बिगड़ा हुआ है और लड़कियों की भारी कमी है लिहाजा लोगों को परिवार बसाने के लिए लड़कियों को खरीदना पड़ता है यहां से लड़कियों के डिमांड शुरू होती है इस डिमांड को पूरा करने के लिए सुनीता यादव और आनंद साहू जैसे लोग धंधा बना लेते हैं जिस जाति की लड़की की डिमांड आती है यह कोशिश करते हैं किसी जाति की लड़की को फसाया जाए

नौकरी के नाम पर ठगी
सुनीता यादव और आनंद साहू जबलपुर के कंचनपुर इलाके में एक गरीब बस्ती में रहते हैं यहां कई सुंदर लड़कियां गरीबी का शिकार है और सुनीता यादव इन लड़कियों को दिल्ली और मुंबई में मोटी तनख्वाह मैं काम दिलाने का झांसा देती है गरीबी और बेरोजगारी के चलते लड़कियां जबलपुर से बाहर जाने को तैयार हो जाती हैं सुनीता और आनंद लड़कियों के परिवार वालों को भरोसे में ले लेते हैं की हो सकता है कि एक तो महीने तक लड़की आपसे बात ना कर सके क्योंकि काम के दौरान मोबाइल चलाने की अनुमति नहीं रहती इसके बाद सुनीता और आनंद उत्तर प्रदेश और राजस्थान में तयशुदा दलालों के पास लड़की को छोड़ देते हैं और अपने पैसे लेकर बाप रे दूसरी लड़की की तलाश में लग जाते हैं

बिकी लड़की का गरीब परिवार नहीं करता शिकायत
शुरुआत में लड़की के परिवार वालों को लगता है कि लड़की कोई जॉब कर रही है इसलिए बात नहीं कर पा रही इस बीच दलाल लड़की को तयशुदा ग्राहक के साथ जबरन शादी करवा देते हैं इसमें रजिस्टर्ड मैरिज भी होती है लड़की को डरा धमका कर रखा जाता है और परिवार वालों से बात नहीं करने दी जाती एक बार जब बच्चा हो जाता है तब लड़की दोबारा अपने परिवार के संपर्क में आती है कई गरीब परिवार तो मामले को दबा देते हैं क्योंकि वह इस बात से संतुष्ट हो जाते हैं की गरीबी के चलते लड़की का ब्याह दो कर नहीं सकते थे इसलिए इस बहाने कम से कम लड़की की शादी तो हो गई इसलिए पुलिस थाने में ऐसी लड़कियों की गुमशुदगी की सूचनाएं नहीं पहुंचते

15 सालों मैं 50 से ज्यादा लड़कियां बेची
लेकिन कई मामलों में लड़कियां शादी की वजह गलत हाथों में पड़ जाती हैं और उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है सुनीता यादव और आनंद बीते 15 सालों से यही धंधा करते चले आ रहे हैं हालांकि पुलिस पुख्ता तरीके से ऐसी लड़कियों की संख्या नहीं बता पा रही है लेकिन आरोपियों ने 50 से ज्यादा लड़कियों के बेचने की बात स्वीकार की है पुलिस के सामने समस्या है की जिन लड़कियों के परिवार बस चुके हैं बे बयान नहीं देंगी और जो गायब हो गई हैं उनको खोजना मुश्किल फिलहाल जिस मामले में एक लड़की ने शिकायत की थी उसी के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जल्द ही इन आरोपियों को कोर्ट के माध्यम से जेल भेज दिया जाएगा


Conclusion:गरीबी बेरोजगारी की मारी लड़कियां बिकने को तैयार है मानव तस्करी की यह कहानी केवल जबलपुर की नहीं है बल्कि मंडला डिंडोरी जैसे इलाकों से भी हर साल सैकड़ों की तादाद में लड़कियां गायब हो रही है लेकिन इस बुराई को खत्म करने के लिए किसी के पास कोई पुख्ता तरीका नहीं है
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