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International Day of Non-Violence : क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस, क्या है गांधी से संबंध

दो अक्टूबर को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है. संयुक्त राष्ट्र ने 2007 से इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. यह पूरी दुनिया की ओर से गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक तरीका था. पढ़िए पूरी खबर... (International Day of Non-Violence, gandhi jayanti 2023)

international Day of Non-Violence
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 5:50 PM IST

हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पूरे विश्व में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है. 15 जून, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अक्टूबर के दिन को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. बता दें, भारत में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. 2 अक्टूबर को गांधी के संघर्षों और बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए जयंती मनाई जाती है.

गांधी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते थे और दूसरों को भी इसे अपनाने की शिक्षा देते थे, वे अहिंसा के पुजारी थे और 2 अक्टूबर को पूरा विश्व अहिंसा का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाता है.

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की शुरुआत

दरअसल, अहिंसा की नीति के जरिए विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने के महात्मा गांधी के योगदान को सराहने के लिए उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया. इस सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव का भरपूर समर्थन किया गया. महासभा के कुल 191 सदस्य देशों में से 140 से भी ज़्यादा देशों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. समर्थक देशों में नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, अफ्रीका और अमरीका समेत कई देश शामिल थे.

  • Gandhi Ji’s thoughts strike a chord with people all around the world!

    Do hear this soulful rendition of “Vaishnava Jana To” sung by CassMae, whom I had recently mentioned during #MannKiBaat. She has shared it on her Instagram page. pic.twitter.com/dbfmJpv3k8

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अहिंसा क्या है?

महात्मा गांधी के अनुसार अहिंसा केवल एक दर्शन नहीं है बल्कि कार्य करने की एक पद्धति है. हृदय-परिवर्तन का साधन है. 'सत्य और अहिंसा' गांधीवादी विचारधारा के ये दो आधारभूत सिद्धांत हैं. गांधी का मानना था कि जहां सत्य है, वहां ईश्वर है और नैतिकता का आधार है. अहिंसा का अर्थ होता है 'प्रेम और उदारता की पराकाष्ठा' गांधी के अनुसार अहिंसक व्यक्ति किसी दूसरे को कभी भी मानसिक और शारीरिक पीड़ा नहीं पहुंचाता है. मन में किसी का अहित नहीं सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान नहीं पहुंचाना और कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंसा नहीं करना ही अहिंसा है.

  • Delighted to address the gathering on the occasion of International Day of Non Violence organised by Jain Centre of South California at Los Angeles on 2nd October. pic.twitter.com/r2IFKzhN6w

    — Ram Nath Kovind (@ramnathkovind) October 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गांधी - महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधी को लोग बापू, महात्मा गांधी और देश के राष्ट्रपिता के तौर पर जानते हैं. गांधी का अनुसरण केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनियाभर देशों में किया जाता है. गांधी ने भारत को आज़ादी दिलाने में अपना पूरा योगदान दिया था. दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों की प्रेरणा रहे हैं. अपने पूरे जीवन में गांधी ने दमनकारी परिस्थितियों और दुर्गम चुनौतियों का सामना करते हुए भी अहिंसा का साथ नहीं छोड़ा और पूरे विश्व को अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते रहे.

Gandhiji
महात्मा गांधी

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हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पूरे विश्व में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है. 15 जून, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अक्टूबर के दिन को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. बता दें, भारत में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. 2 अक्टूबर को गांधी के संघर्षों और बलिदानों को श्रद्धांजलि देने के लिए जयंती मनाई जाती है.

गांधी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते थे और दूसरों को भी इसे अपनाने की शिक्षा देते थे, वे अहिंसा के पुजारी थे और 2 अक्टूबर को पूरा विश्व अहिंसा का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाता है.

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की शुरुआत

दरअसल, अहिंसा की नीति के जरिए विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने के महात्मा गांधी के योगदान को सराहने के लिए उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया. इस सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव का भरपूर समर्थन किया गया. महासभा के कुल 191 सदस्य देशों में से 140 से भी ज़्यादा देशों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई. समर्थक देशों में नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, अफ्रीका और अमरीका समेत कई देश शामिल थे.

  • Gandhi Ji’s thoughts strike a chord with people all around the world!

    Do hear this soulful rendition of “Vaishnava Jana To” sung by CassMae, whom I had recently mentioned during #MannKiBaat. She has shared it on her Instagram page. pic.twitter.com/dbfmJpv3k8

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अहिंसा क्या है?

महात्मा गांधी के अनुसार अहिंसा केवल एक दर्शन नहीं है बल्कि कार्य करने की एक पद्धति है. हृदय-परिवर्तन का साधन है. 'सत्य और अहिंसा' गांधीवादी विचारधारा के ये दो आधारभूत सिद्धांत हैं. गांधी का मानना था कि जहां सत्य है, वहां ईश्वर है और नैतिकता का आधार है. अहिंसा का अर्थ होता है 'प्रेम और उदारता की पराकाष्ठा' गांधी के अनुसार अहिंसक व्यक्ति किसी दूसरे को कभी भी मानसिक और शारीरिक पीड़ा नहीं पहुंचाता है. मन में किसी का अहित नहीं सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान नहीं पहुंचाना और कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंसा नहीं करना ही अहिंसा है.

  • Delighted to address the gathering on the occasion of International Day of Non Violence organised by Jain Centre of South California at Los Angeles on 2nd October. pic.twitter.com/r2IFKzhN6w

    — Ram Nath Kovind (@ramnathkovind) October 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गांधी - महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधी को लोग बापू, महात्मा गांधी और देश के राष्ट्रपिता के तौर पर जानते हैं. गांधी का अनुसरण केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनियाभर देशों में किया जाता है. गांधी ने भारत को आज़ादी दिलाने में अपना पूरा योगदान दिया था. दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों की प्रेरणा रहे हैं. अपने पूरे जीवन में गांधी ने दमनकारी परिस्थितियों और दुर्गम चुनौतियों का सामना करते हुए भी अहिंसा का साथ नहीं छोड़ा और पूरे विश्व को अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते रहे.

Gandhiji
महात्मा गांधी

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Last Updated : Oct 13, 2023, 5:50 PM IST
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