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जानिए क्या है OCR Technology और चुनाव में कैसे करता है काम - Use of OCR technology in counting of votes

बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) में मतदान से लेकर मतगणना में ओसीआर टेक्नोलॉजी (OCR Technology) का प्रयोग किया जा रहा है, जिसकी काफी तारीफ हो रही है. इसकी सफलता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि तेलंगाना के निर्वाचन आयुक्त ने ऐलान किया है कि वो भी अपने प्रदेश में इसी तकनीक से चुनाव कराएंगे. जानिए आखिर क्या है ओसीआर टेक्नोलॉजी (OCR Technology)...

OCR Technology
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Published : Dec 11, 2021, 8:03 PM IST

पटना : बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) की मतगणना निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसके लिए बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) की ओर से इस बार नई तकनीक अपनाई जा रही है. इसे ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन (Optical Character Recognition) कहा जाता है. इस मशीन के सहारे मतगणना केंद्र पर निगरानी रखी जा रही है.

दरअसल, पहली बार बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान ओसीआर मशीन (OCR Technology), मतदाताओं की पहचान के लिए बायोमीट्रिक मशीन और मतदान के समय लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. पहली बार चुनाव परिणाम ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन के जरिए बिहार में जारी किया गया है. आधुनिक ऑटो टेबुलेशन की मदद से बेहद कम समय में चुनाव परिणाम की घोषणा कर दी गई है.

जानिए क्या है OCR Technology

क्या है ओसीआर तकनीक ? (OCR Technology)
ओसीआर तकनीक यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन तकनीक से ऑटो टेबुलेशन के जरिए पीडीएफ फाइल तैयार किया जाता है. इस तकनीक से जो मतगणना होती है, उसके सबूत भी उपलब्ध होते हैं. इस तकनीक के जरिए कहीं किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होती है. साथ ही इसमें किसी व्यक्ति की हिस्सेदारी भी मतगणना में नहीं होती, ऐसे में निष्पक्ष और त्वरित मतगणना इसके जरिए संभव हो पाता है.

कैसे काम करती है ओसीआर तकनीक? (OCR Technology)
विशेषज्ञ कहते हैं कि ओसीआर मशीन ईवीएम से कनेक्ट रहती है. ईवीएम में गिनती के समय स्वत: मशीन उसे कैच कर लेती है. उसी प्रकार बैलेट बॉक्स में पड़े वोटों की मशीन के जरिए वीडियो रिकार्डिंग हो जाती है, जिससे जानकारी मिल जाती है कि किस प्रत्याशी को कितने मत मिले हैं. यदि कोई प्रत्याशी मतगणना में किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत करता है तो ओसीआर मशीन जांच में सहायक होगी.

बैलट बाक्स पर भी ओसीआर की नजर
बिहार राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद कहते हैं कि यह एक प्रकार से क्रांतिकारी कदम हैं. ओसीआर मशीन के जरिए मतगणना के दौरान ईवीएम के साथ-साथ बैलट बाक्स में डाले गए मतों पर भी आसानी से नजर रखी जा सकती है. इसके लिए ओसीआर मशीन को ईवीएम के साथ कनेक्ट किया जाता है, जिसके बाद स्वत: मशीन कैच कर लेती है.

"मतगणना के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए ओसीआर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से मतगणना की सारी गतिविधियों को आसानी से रिकार्ड किया जा सकता है"- डॉ. दीपक प्रसाद, राज्य निर्वाचन आयुक्त, बिहार

अधिकारियों का कहना है कि पंचायत चुनाव में नई तकनीक कितनी कारगर है. इसे देखने के बाद राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. फर्जी मतदाताओं को मतदान केंद्र पर ही रोकने के लिए इस बार बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. मशीन में अंगूठा लगाने के बाद जानकारी मिल जाती है कि मतदाता सही है या नहीं. इसी प्रकार मतदान के समय चयनित मतदान केंद्रों से लाइव वेबकास्टिंग की गई, जिसे जिला और राज्य स्तरीय अधिकारी भी ग्रामीण इलाकों की स्थिति पर नजर रख रह रहे हैं.

ये भी पढ़ें: तेलंगाना के निर्वाचन आयुक्त बोले- हम भी अपनाएंगे बिहार पंचायत चुनाव की OCR टेक्नोलॉजी

पटना : बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) की मतगणना निष्पक्ष और पारदर्शी हो, इसके लिए बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) की ओर से इस बार नई तकनीक अपनाई जा रही है. इसे ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन (Optical Character Recognition) कहा जाता है. इस मशीन के सहारे मतगणना केंद्र पर निगरानी रखी जा रही है.

दरअसल, पहली बार बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान ओसीआर मशीन (OCR Technology), मतदाताओं की पहचान के लिए बायोमीट्रिक मशीन और मतदान के समय लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है. पहली बार चुनाव परिणाम ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन के जरिए बिहार में जारी किया गया है. आधुनिक ऑटो टेबुलेशन की मदद से बेहद कम समय में चुनाव परिणाम की घोषणा कर दी गई है.

जानिए क्या है OCR Technology

क्या है ओसीआर तकनीक ? (OCR Technology)
ओसीआर तकनीक यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगनाइजेशन तकनीक से ऑटो टेबुलेशन के जरिए पीडीएफ फाइल तैयार किया जाता है. इस तकनीक से जो मतगणना होती है, उसके सबूत भी उपलब्ध होते हैं. इस तकनीक के जरिए कहीं किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होती है. साथ ही इसमें किसी व्यक्ति की हिस्सेदारी भी मतगणना में नहीं होती, ऐसे में निष्पक्ष और त्वरित मतगणना इसके जरिए संभव हो पाता है.

कैसे काम करती है ओसीआर तकनीक? (OCR Technology)
विशेषज्ञ कहते हैं कि ओसीआर मशीन ईवीएम से कनेक्ट रहती है. ईवीएम में गिनती के समय स्वत: मशीन उसे कैच कर लेती है. उसी प्रकार बैलेट बॉक्स में पड़े वोटों की मशीन के जरिए वीडियो रिकार्डिंग हो जाती है, जिससे जानकारी मिल जाती है कि किस प्रत्याशी को कितने मत मिले हैं. यदि कोई प्रत्याशी मतगणना में किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत करता है तो ओसीआर मशीन जांच में सहायक होगी.

बैलट बाक्स पर भी ओसीआर की नजर
बिहार राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद कहते हैं कि यह एक प्रकार से क्रांतिकारी कदम हैं. ओसीआर मशीन के जरिए मतगणना के दौरान ईवीएम के साथ-साथ बैलट बाक्स में डाले गए मतों पर भी आसानी से नजर रखी जा सकती है. इसके लिए ओसीआर मशीन को ईवीएम के साथ कनेक्ट किया जाता है, जिसके बाद स्वत: मशीन कैच कर लेती है.

"मतगणना के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए ओसीआर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से मतगणना की सारी गतिविधियों को आसानी से रिकार्ड किया जा सकता है"- डॉ. दीपक प्रसाद, राज्य निर्वाचन आयुक्त, बिहार

अधिकारियों का कहना है कि पंचायत चुनाव में नई तकनीक कितनी कारगर है. इसे देखने के बाद राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. फर्जी मतदाताओं को मतदान केंद्र पर ही रोकने के लिए इस बार बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. मशीन में अंगूठा लगाने के बाद जानकारी मिल जाती है कि मतदाता सही है या नहीं. इसी प्रकार मतदान के समय चयनित मतदान केंद्रों से लाइव वेबकास्टिंग की गई, जिसे जिला और राज्य स्तरीय अधिकारी भी ग्रामीण इलाकों की स्थिति पर नजर रख रह रहे हैं.

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