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MP News: विंध्याचल भवन भी हो सकता है The Burning Files, बेसमेंट से छत तक ऐसा है हाल

बेसमेंट में फर्नीचर, सीढ़ियों पर फाइलें, छत पर बेतरतीब अलमारी, पुराने कागज, लकड़ी के टुकड़े. यानी एक चिंगारी और सब कुछ स्वाहा. यह दृश्य है सरकार के मंत्रालय की तीसरी सबसे बड़ी इमारत विंध्याचल का, जहां एक बार फिर बर्निंग फाइल्स बनाने का पूरा इंतजाम अफसरों ने करके रखा है.

Vindhyachal Bhawan bhopal
विंध्याचल भवन
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Published : Jun 14, 2023, 3:43 PM IST

विंध्याचल भवन में पहुंचा ईटीवी

भोपाल। विंध्याचल भवन ठीक सतपुड़ा भवन के सामने बना हुआ है. कुल 8 मंजिला (बेसमेंट मिलाकर) इस भवन के हर फ्लोर की छत पर कबाड़ रखा आसानी से दिखाई दे जाएगा. सतपुड़ा में हुए हादसे के बाद विंध्याचल की सुरक्षा का एकमात्र इंतजाम ये किया कि भीतर कैमरा जाने से रोक दिया कि कहीं यह तस्वीरें बाहर नहीं आ जाए. लेकिन ETV Bharat ने भीतर जाकर हर फ्लोर का स्कैन किया. सबसे पहले बेसमेंट तो यहां रखा फर्नीचर देखकर आंखे फटी की फटी रह गई. पुराने फर्नीचर का पूरा का पूरा ढेर रखा हुआ था. वहीं पास ही में बिजली का पूरा सिस्टम लगा हुआ है यानी जलाने के लिए आग और जलने के लिए लकड़ी का पूरा इंतजाम.

Vindhyachal Bhawan bhopal
अस्त व्यस्त पड़ी फाईलें

कबाड़ और कागजों ढेर: इसके बाद लिफ्ट की मदद से पहुंचे सीधे 7वी मंजिल पर और यहां से छत पर तो देखा कि गैलेरी से लेकर छत तक फर्नीचर ही फर्नीचर भरा हुआ है. छठवी मंजिल पर गए तो यहां अलमारियां रखी हुई थी और उन पर पुराने दस्तावेज कबाड़ में लपेटकर रखे गए. इससे और नीचे गए तो यहां भी खाली बॉक्स में ढेरों कागज, प्लास्टिक और फर्नीचर रखा मिला. इनमें पुराने कंप्यूटर, हार्डवेयर पार्टस भी थे. एक फ्लोर और नीचे आए तो पुरानी लकड़ी की अलमारियों में कागज ही कागज भरे थे.

Vindhyachal Bhawan bhopal
आग के लिए भवन में भरपूर इंतजाम

3rd फ्लोर में भी भरा कबाड़: थर्ड फ्लोर की पीछे वाली बालकनी में भी यही हाल था निकलने की जगह तक नहीं थी. आश्चर्य तो तब हुआ कि मप्र नीति आयोग के सामने भी कबाड़ फर्नीचर रखा हुआ था और हर दिन यहां से अफसर, कर्मचारी गुजरते हैं, लेकिन कभी किसी को दिखाई नहीं देता. इस लापरवाही को जब PWD के अफसरों से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि अभी हम कुछ नहीं बता सकते. तब सामन्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री से बात की तो वे बोले कि संज्ञान में आया है तो कार्रवाई करेंगे.

Vindhyachal Bhawan bhopal
विंध्याचल भवन में कबाड़ और कागजों ढेर

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फायर सिस्टम के भी हाल खराब: विंध्याचल भवन में कुल 4 विंग हैं. सभी तरफ 7 मंजिल में दफ्तर बने हुए हैं और जगह-जगह रेनोवेशन का काम चल रहा है. दूसरी तरफ बिल्डिंग को आग से बचाने के लिए फायर सिस्टम भी लगाए गए थे, लेकिन सतपुड़ा भवन की तरह यहां भी इनकी टेस्टिंग नहीं हुई. पानी ऊपर तक पहुंचाने के लिए हौज तो बने हैं, लेकिन यह सभी जाम हैं. सभी 7 मंजिलों पर यदि आप जाएंगे तो फायर एक्सटिंग्विशर ढूंढते रह जाएंगे. रेत से भरी बाल्टियां तो हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गुटखा थूकने के लिए किया जाता है.

Vindhyachal Bhawan bhopal
विंध्याचल भवन में तीसरी मंजिल पर पड़े फर्नीचर

चार साल पहले भी लग चुकी है आग: विंध्याचल भवन परिसर में चार साल पहले सीवेज के पास आग लग गई थी. वहां मौजूद लाेगाें की सूचना पर नगर निगम की दमकलों ने आग बुझाई थी. इसके अलावा कई बार दस्तावेज जलने के मामले सामने आ चुके हैं. इन सभी की जांच के लिए कमेटियां बनाई, लेकिन कभी अमल नहीं हुआ.

विंध्याचल भवन में पहुंचा ईटीवी

भोपाल। विंध्याचल भवन ठीक सतपुड़ा भवन के सामने बना हुआ है. कुल 8 मंजिला (बेसमेंट मिलाकर) इस भवन के हर फ्लोर की छत पर कबाड़ रखा आसानी से दिखाई दे जाएगा. सतपुड़ा में हुए हादसे के बाद विंध्याचल की सुरक्षा का एकमात्र इंतजाम ये किया कि भीतर कैमरा जाने से रोक दिया कि कहीं यह तस्वीरें बाहर नहीं आ जाए. लेकिन ETV Bharat ने भीतर जाकर हर फ्लोर का स्कैन किया. सबसे पहले बेसमेंट तो यहां रखा फर्नीचर देखकर आंखे फटी की फटी रह गई. पुराने फर्नीचर का पूरा का पूरा ढेर रखा हुआ था. वहीं पास ही में बिजली का पूरा सिस्टम लगा हुआ है यानी जलाने के लिए आग और जलने के लिए लकड़ी का पूरा इंतजाम.

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अस्त व्यस्त पड़ी फाईलें

कबाड़ और कागजों ढेर: इसके बाद लिफ्ट की मदद से पहुंचे सीधे 7वी मंजिल पर और यहां से छत पर तो देखा कि गैलेरी से लेकर छत तक फर्नीचर ही फर्नीचर भरा हुआ है. छठवी मंजिल पर गए तो यहां अलमारियां रखी हुई थी और उन पर पुराने दस्तावेज कबाड़ में लपेटकर रखे गए. इससे और नीचे गए तो यहां भी खाली बॉक्स में ढेरों कागज, प्लास्टिक और फर्नीचर रखा मिला. इनमें पुराने कंप्यूटर, हार्डवेयर पार्टस भी थे. एक फ्लोर और नीचे आए तो पुरानी लकड़ी की अलमारियों में कागज ही कागज भरे थे.

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आग के लिए भवन में भरपूर इंतजाम

3rd फ्लोर में भी भरा कबाड़: थर्ड फ्लोर की पीछे वाली बालकनी में भी यही हाल था निकलने की जगह तक नहीं थी. आश्चर्य तो तब हुआ कि मप्र नीति आयोग के सामने भी कबाड़ फर्नीचर रखा हुआ था और हर दिन यहां से अफसर, कर्मचारी गुजरते हैं, लेकिन कभी किसी को दिखाई नहीं देता. इस लापरवाही को जब PWD के अफसरों से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि अभी हम कुछ नहीं बता सकते. तब सामन्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री से बात की तो वे बोले कि संज्ञान में आया है तो कार्रवाई करेंगे.

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विंध्याचल भवन में कबाड़ और कागजों ढेर

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फायर सिस्टम के भी हाल खराब: विंध्याचल भवन में कुल 4 विंग हैं. सभी तरफ 7 मंजिल में दफ्तर बने हुए हैं और जगह-जगह रेनोवेशन का काम चल रहा है. दूसरी तरफ बिल्डिंग को आग से बचाने के लिए फायर सिस्टम भी लगाए गए थे, लेकिन सतपुड़ा भवन की तरह यहां भी इनकी टेस्टिंग नहीं हुई. पानी ऊपर तक पहुंचाने के लिए हौज तो बने हैं, लेकिन यह सभी जाम हैं. सभी 7 मंजिलों पर यदि आप जाएंगे तो फायर एक्सटिंग्विशर ढूंढते रह जाएंगे. रेत से भरी बाल्टियां तो हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गुटखा थूकने के लिए किया जाता है.

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विंध्याचल भवन में तीसरी मंजिल पर पड़े फर्नीचर

चार साल पहले भी लग चुकी है आग: विंध्याचल भवन परिसर में चार साल पहले सीवेज के पास आग लग गई थी. वहां मौजूद लाेगाें की सूचना पर नगर निगम की दमकलों ने आग बुझाई थी. इसके अलावा कई बार दस्तावेज जलने के मामले सामने आ चुके हैं. इन सभी की जांच के लिए कमेटियां बनाई, लेकिन कभी अमल नहीं हुआ.

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