भोपाल। अरे भैया बहुत परेशान हैं कोई आके भी नहीं देख रहा है यहां तो, गेंहू आड़े (नीचे जमीन से टिक गए) हो गए हैं, प्याज जमीन में घुस गए, गेंहू की बाली जमीन से लग गई, सरकार तो सुन नही रही. पहले कुछ कह रहे थे और अब कुछ और, सर्वे करने कोई नहीं आया, हाल जानने भी नहीं आया, हम तो जा उम्मीद में बैठे थे कि कछु रुपया मिल जा तो कम से कम डीजल खाद को खर्चा ही निकल जागो. यह कहना है रायसेन जिले के रामखेड़ी गांव के किसान विष्ण प्रसाद का.
न केवल विष्णु, बल्कि भोपाल के आसपास बैरसिया, सीहोर, विदिशा, राजगढ़ और एमपी के अन्य जिलों के ऐसे ही हाल हैं. यहां फसल बारिश और आंधी के कारण जमीन से टिक गई है. ETV Bharat ने भोपाल के बैरसिया और रायसेन जिले में पूरा मुआयना किया. किसानों से बात की तो जमीनी हकीकत सरकार के दावाें से एकदम अलग थी. किसानाें ने बताया कि बीते एक सप्ताह से लगातार बारिश, ओले और आंधी के कारण पकी हुई फसल बर्बाद हो चुकी है लेकिन सर्वे करने कोई नहीं आया. रायसेन मे 8 एकड़ में लगी फसल बर्बाद होने के बाद किसान हरप्रसाद लोधी की सदमें में ही मौत हो गई.
फसल निकल भी आई तो दाम नहीं मिलेगा: किसानों ने बताया कि एक बार फसल गिरने के बाद जैसे तैसे मजदूरों से हम कटाई करवा लेंगे, लेकिन हमें दाम नहीं मिलेगा क्योंकि दाने की चमक चली जाती है. खुद सरकार के अफसर इसके दाम अधिक नहीं दिला पाते हैं. गेंहू के अलावा रायसेन में चना अधिक मात्रा में बोया जाता है. यह भी खराब हो गया है. सीहोर में गेंहू की फसल बर्बाद हो गई है. रायसेन जिले में करीब 200 एकड़ में प्याज की फसल नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिन फसल की कटाई हो गई और गेहूं की फसल यदि भीगी है तो गेहूं की चमक फीकी पड़ने का अंदेशा रहेगा. बारिश और ओला वृष्टि से बिगड़े हालात के बाद सीएम शिवराज ने निर्देश दिए हैं कि 25 मार्च तक हर हाल में सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा .पशु हानि की भी भरपाई होगी. सभी जिले के कलेक्टरों ने सर्वे के निर्देश दे दिए हैं.
![mp farmers demand compensation](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bho-bemousambarsatfasalhuikharab-7211590_20032023113947_2003f_1679292587_962.png)
इन खबरों पर भी एक नजर: |
फसलें बर्बाद, मुआवजे की दरकार: मौसम ने ऐसे बदली मारी कि किसानों में हाहाकार मच गया और फसल नष्ट होने के कारण अब वह मुआवजे की दरकार लगाएं बैठे हैं. किसान सरकार से गुहार लगा रहे कि उनकी मदद की जाए. मौसम बदलने के कारणव एमपी के खरगोन और विंध्य क्षेत्र रीवा और आस पास के जिलों के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. वहीं कुछ विशेष हिस्सों में ओले भी पड़े जिसके कारण किसानों के अरहर, चना, गेंहू, मसूर और राई जैसी अन्य कई फसलें बर्बाद हो गई हैं. अब वह किसान अपनी फसलों के नुकसान की भरपाई कराने को लेकर सरकार से मदद की आस लिए बैठे हुए हैं.
![mp farmers demand compensation](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bho-bemousambarsatfasalhuikharab-7211590_20032023113947_2003f_1679292587_692.png)
ज्यादातर जिले प्रभावित: सरकारी आंकलन के मुताबिक ओला और बारिश से प्रभावित प्रदेश के 20 से ज्यादा जिले हैं. इन जिलों की 51 तहसीलों के 520 गांव से जो प्रारंभिक सूचना मिली है. उसमें 38 हजार 900 किसानों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल नष्ट होने की प्रारंभिक सूचना है. बेमौसम की बरसात में प्रदेश के 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु हुई हैं. प्रदेश भर में दो फेज में की गई शुरुआती सर्वे रिपोर्ट के हिसाब से प्रदेश के तीन हजार से ज्यादा गांव में डेढ़ लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल तबाह हुई है.