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सैनिकों की वीरता, वीरगाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा

सैनिकों की वीरगाथा को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उक्त बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने वीर गाथा प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहीं.

Union Education Minister Dharmendra Pradhan honored the participants
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया
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Published : Aug 12, 2022, 8:49 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को कहा कि कम आयु से ही 'राष्ट्र के प्रति दायित्व' की भावना को प्रबल करने के लिए रक्षा मंत्रालय से परामर्श करके शिक्षा मंत्रालय पिछले 75 वर्षों के दौरान सैनिकों की वीरता एवं वीर गाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए काम करेगा.

वीर गाथा प्रतियोगिता (सुपर-25) के 25 विजेताओं को सम्मानित करने के बाद प्रधान ने कहा कि भारत के वीरों को सम्मानित करने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' से बेहतर कोई उत्सव नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता ने सबसे रचनात्मक तरीकों से युवा भारत की देशभक्ति और बहादुरों के लिए सम्मान को सामने प्रस्तुत किया है.

उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा मंत्रालय इस पहल के तहत प्राप्त प्रमाणपत्रों के लिए अकादमिक क्रेडिट देने के उद्देश्य से जल्द ही एक संस्थागत तंत्र विकसित करेगा. प्रधान ने कहा कि कम आयु से ही 'राष्ट्र के प्रति दायित्व' की भावना को प्रबल करने के लिए रक्षा मंत्रालय से परामर्श करके शिक्षा मंत्रालय पिछले 75 वर्षों के दौरान सैनिकों की वीरता एवं वीर गाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए काम करेगा.

उन्होंने सैनिकों के सम्मान में प्रतियोगिता का नाम बदलकर 'सेना सुपर 25' करने का सुझाव दिया. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Shri Rajnath Singh) ने कहा कि देशभक्ति की भावना सभी बच्चों में समान है, न कि केवल सुपर-25 के बच्चों में, जिन्होंने विभिन्न धर्मों और स्थानों से होने के बावजूद पूरे मन से 'वीर गाथा' प्रतियोगिता में भागीदारी की और इसे एक शानदार सफलता दिलाई.

मंत्रालय के बयान के अनुसार, 21 अक्टूबर से 20 नवंबर, 2021 की अवधि में आयोजित इस राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता में 4,788 विद्यालयों के 8.04 लाख से अधिक छात्रों को निबंध, कविता, चित्र और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रेरणादायक कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. इस प्रतियोगिता में कई दौर के मूल्यांकन के बाद 25 छात्रों का चयन किया गया और उन्हें 'सुपर-25' घोषित किया गया.

ये भी पढ़ें - केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समग्र शिक्षा अभियान-2.0 को मंजूरी प्रदान की

नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को कहा कि कम आयु से ही 'राष्ट्र के प्रति दायित्व' की भावना को प्रबल करने के लिए रक्षा मंत्रालय से परामर्श करके शिक्षा मंत्रालय पिछले 75 वर्षों के दौरान सैनिकों की वीरता एवं वीर गाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए काम करेगा.

वीर गाथा प्रतियोगिता (सुपर-25) के 25 विजेताओं को सम्मानित करने के बाद प्रधान ने कहा कि भारत के वीरों को सम्मानित करने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' से बेहतर कोई उत्सव नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता ने सबसे रचनात्मक तरीकों से युवा भारत की देशभक्ति और बहादुरों के लिए सम्मान को सामने प्रस्तुत किया है.

उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा मंत्रालय इस पहल के तहत प्राप्त प्रमाणपत्रों के लिए अकादमिक क्रेडिट देने के उद्देश्य से जल्द ही एक संस्थागत तंत्र विकसित करेगा. प्रधान ने कहा कि कम आयु से ही 'राष्ट्र के प्रति दायित्व' की भावना को प्रबल करने के लिए रक्षा मंत्रालय से परामर्श करके शिक्षा मंत्रालय पिछले 75 वर्षों के दौरान सैनिकों की वीरता एवं वीर गाथा को विद्यालय के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए काम करेगा.

उन्होंने सैनिकों के सम्मान में प्रतियोगिता का नाम बदलकर 'सेना सुपर 25' करने का सुझाव दिया. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Shri Rajnath Singh) ने कहा कि देशभक्ति की भावना सभी बच्चों में समान है, न कि केवल सुपर-25 के बच्चों में, जिन्होंने विभिन्न धर्मों और स्थानों से होने के बावजूद पूरे मन से 'वीर गाथा' प्रतियोगिता में भागीदारी की और इसे एक शानदार सफलता दिलाई.

मंत्रालय के बयान के अनुसार, 21 अक्टूबर से 20 नवंबर, 2021 की अवधि में आयोजित इस राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता में 4,788 विद्यालयों के 8.04 लाख से अधिक छात्रों को निबंध, कविता, चित्र और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रेरणादायक कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. इस प्रतियोगिता में कई दौर के मूल्यांकन के बाद 25 छात्रों का चयन किया गया और उन्हें 'सुपर-25' घोषित किया गया.

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