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MP में शिवराज सरकार ने पौधारोपण पर खर्चे 2 हजार करोड़ रुपए, सिर्फ 10 फीसदी बढ़ा जंगल

एमपी में CM शिवराज सिंह रोज तीन पेड़ लगाते हैं और लोगो से अपील भी करते हैं कि घर में कोई भी कार्यक्रम हो एक पेड़ जरूर लगाएं, लेकिन वन विभाग के आंकड़े आपको हैरान कर देंगे. विधानसभा की रिपोर्ट बता रही है किस तरह से जंगल लगातार कम हो रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण के साथ जंगलों में जमकर अवैध कटाई, एमपी के 13, 000 हेक्टेयर से ज्यादा की वन भूमि पर अतिक्रमण हो गया है.

forest area in mp
एमपी में वन क्षेत्र
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Published : Jun 6, 2023, 9:58 AM IST

कांग्रेस का आरोप

भोपाल। हर दिन एक पौधा लगाने का रिकार्ड बना चुके सीएम शिवराज के राज में पौधारोपण पर पांच साल में 2000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन हैरत की बात ये है कि अब तक इस प्लाटेंशन के बाद दस फीसदी पौधे ही बच पाए हैं. खास बात ये है कि सीएम शिवराज अपने हाथों से जो पौधा लगाते हैं उनमें 98 फीसदी पौधे भोपाल की स्मार्ट सिटी में हरिया गए हैं. लेकिन पूरे प्रदेश में जिसमें खासतौर पर नर्मदा किनारे किए गए पौधारोपण का ये हाल है कि पौधे ही नहीं बचे. 2000 करोड़ खर्च करने के भी दस फीसदी ही बढ़ पाया है.

2 हजार करोड़ खर्च, बढ़ा सिर्फ 10 वर्ग किमी फॉरेस्ट: एमपी सरकार ने मार्च में पौधारोपण को लेकर विधानसभा में रिपोर्ट पेश की, यह रिपोर्ट सरकार द्वारा कराए गए पौधारोपण की स्थिति को बताती है. पौधारोपण की स्थिति पर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने सवाल पूछा था इस सवाल के जवाब में सरकार ने पौधारोपण की स्थिति बताई थी. रिपोर्ट में सरकार के वन मंत्री विजय शाह ने पौधारोपण से संबंधित आंकड़े पेश किए. रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक सरकार ने पौधारोपण पर 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इतनी राशि खर्च करने के बाद मात्र 10 फीसदी का फॉरेस्ट बढ़ सका है.

forest area in mp
पौधारोपण पर सरकार का बजट

विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश के वनों को हरा रखने और पौधारोपण के बाद उनके संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने बीते चार साल में 16 सौ करोड़ रुपए खर्च कर डाले. पौधारोपण पर बीते चार साल में 1510 करोड़ खर्च किए गए. इनके रखरखाव पर करीब 90 करोड़ खर्च हुए. इतना खर्च करने के बाद भी हरियाली भी नहीं बढ़ी और अवैध कटाई भी नहीं रुक पाई.

132 वर्ग किलो मीटर का मध्यम घना जंगल घटा: एमपी सरकार की ओर से विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2016 से 2021-22 तक पौधारोपण पर 2 हजार करोड खर्च किए हैं. इसके बाद भी मध्यम घना जंगल 132 वर्ग किमी तक घट गया है. वर्ष 2019 में मध्यम घना जंगल 34,341 वर्ग किमी था, जो वर्ष 2021-22 में घटकर 34,209 रह गया. इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश के जंगलों में जमकर अवैध कटाई हो रही है. प्रदेश के जंगल को हरा-भरा रखने हर साल चार से पांच करोड़ पौधे लगाए जाते हैं. इन पौधों की खरीदी और रखरखाव पर तकरीबन 400 करोड़ तक का खर्च आता है. पिछले पांच साल में वन विभाग ने 20 करोड़ से ज्यादा पौधे रोपे. पौधारोपण के छह महीने बाद इनकी मॉनीटरिंग और गणना भी हुई. यह गणना साल में दो बार होती है. इस तरह की गणना तीन साल तक लगातार चलती है.

forest area in mp
मप्र में वन क्षेत्र

दावों की खुली पोल: गणना में देखा जाता है कि लगाए गए पौधों में से कितने फीसदी जीवित बचे, लेकिन पौधारोपण के बाद की गणना और मानीटरिंग का रिकार्ड मौजूद नहीं है, वन अधिकारी दावा जरूर कर रहे हैं कि लगाए गए पौधों में से 50 फीसदी से ज्यादा जीवित हैं, लेकिन मैदानी हकीकत कुछ और है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वन मंत्री उमंग सिंघार ने पौधारोपण में होने वाली धांधली को रोकने एक सर्वे कराया था, उस सर्वे में पौधारोपण की हकीकत सामने आई थी. विभाग ने बैतूल उत्तर मंडल की शाहपुरा रेंज में 15 हजार 526 पौधे लगाने का दावा किया, लेकिन मौके पर नौ हजार गड्ढे ही मिले थे. इनमें भी दो से ढाई हजार पौधे ही पाए गए. गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने पांच मैदानी कर्मचारियों को निलंबित किया था.

सीएम शिवराज ने दिया पेड़ बचाओ का संदेश: सीएम शिवराज सिंह चौहान वृक्षारोपण का महत्व लोगों को बताते हैं, उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाइए तो बड़े वृक्ष किस तरह से पक्षियों को सुरक्षित रखते हैं, इससे ही इको सिस्टम में बैलेंस बनता है.

  • मेरे किसान भाइयों, हम धरती पुत्र हैं;

    इसलिए धरती को बचाने का सबसे ज्यादा दायित्व भी हमारा है। pic.twitter.com/3o4gSwfdko

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

CM के लगाए पेड़ सुरक्षित पर जंगलों में नहीं: एमपी में 4 सालों में 13, 000 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है और हजारों हेक्टेयर के बेशकीमती जंगल मैदान में तब्दील हो गए हैं. फॉरेस्ट सर्वे की रिपोर्ट में एमपी में हर साल 764 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण होना बताया गया है जो कि देश में सबसे ज्यादा अतिक्रमण का आंकड़ा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार बनने के बाद हर रोज पौधा लगाना शुरू किया. सीएम ने नर्मदा जयंती पर संकल्प लिया था 3 साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अलग-अलग प्रजातियों के 3200 ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुख्यमंत्री के लगाए गए 3200 में से 99.9% पौधे सुरक्षित हैं. मुख्यमंत्री चूंकि वी वीआईपी, इसलिए पौधों की सुरक्षा के लिए पूरा महकमा लग जाता है. मुख्यमंत्री के पेड़ों की सुरक्षा का आलम यह है कि ज्यादा गर्मी पड़े तो भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में पौधों के ऊपर कपड़ा लगाकर उन्हें सुरक्षित रखा जाता है लेकिन सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री के पौधे सुरक्षित रह सकते हैं तो वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर 50 फ़ीसदी पौधे क्यों सुरक्षित नहीं रख पाता.

कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने कहा ने आरोप लगाए कि जो भी पौधारोपण का बजट आता है उसमें शिवराज सरकार भ्रष्टाचार और घोटाला करती है. मंत्री और अधिकारी मिलकर भ्रष्टाचार कर पैसा खा जाते हैं, मध्य प्रदेश में 17% जंगल का रकबा घट गया है. वहीं पूर्व IFS का आरोप है कि जंगलों में जमकर अवैध कटाई हो रही है, जंगल माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, वन अमला यदि 1 कटाई रोकने जाता है तो उस पर हमले होते हैं सरकार ने उन्हें अभी तक बंदूक चलाने के अधिकार भी नहीं दिए हैं.

कांग्रेस का आरोप

भोपाल। हर दिन एक पौधा लगाने का रिकार्ड बना चुके सीएम शिवराज के राज में पौधारोपण पर पांच साल में 2000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन हैरत की बात ये है कि अब तक इस प्लाटेंशन के बाद दस फीसदी पौधे ही बच पाए हैं. खास बात ये है कि सीएम शिवराज अपने हाथों से जो पौधा लगाते हैं उनमें 98 फीसदी पौधे भोपाल की स्मार्ट सिटी में हरिया गए हैं. लेकिन पूरे प्रदेश में जिसमें खासतौर पर नर्मदा किनारे किए गए पौधारोपण का ये हाल है कि पौधे ही नहीं बचे. 2000 करोड़ खर्च करने के भी दस फीसदी ही बढ़ पाया है.

2 हजार करोड़ खर्च, बढ़ा सिर्फ 10 वर्ग किमी फॉरेस्ट: एमपी सरकार ने मार्च में पौधारोपण को लेकर विधानसभा में रिपोर्ट पेश की, यह रिपोर्ट सरकार द्वारा कराए गए पौधारोपण की स्थिति को बताती है. पौधारोपण की स्थिति पर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने सवाल पूछा था इस सवाल के जवाब में सरकार ने पौधारोपण की स्थिति बताई थी. रिपोर्ट में सरकार के वन मंत्री विजय शाह ने पौधारोपण से संबंधित आंकड़े पेश किए. रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक सरकार ने पौधारोपण पर 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इतनी राशि खर्च करने के बाद मात्र 10 फीसदी का फॉरेस्ट बढ़ सका है.

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पौधारोपण पर सरकार का बजट

विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश के वनों को हरा रखने और पौधारोपण के बाद उनके संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने बीते चार साल में 16 सौ करोड़ रुपए खर्च कर डाले. पौधारोपण पर बीते चार साल में 1510 करोड़ खर्च किए गए. इनके रखरखाव पर करीब 90 करोड़ खर्च हुए. इतना खर्च करने के बाद भी हरियाली भी नहीं बढ़ी और अवैध कटाई भी नहीं रुक पाई.

132 वर्ग किलो मीटर का मध्यम घना जंगल घटा: एमपी सरकार की ओर से विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2016 से 2021-22 तक पौधारोपण पर 2 हजार करोड खर्च किए हैं. इसके बाद भी मध्यम घना जंगल 132 वर्ग किमी तक घट गया है. वर्ष 2019 में मध्यम घना जंगल 34,341 वर्ग किमी था, जो वर्ष 2021-22 में घटकर 34,209 रह गया. इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश के जंगलों में जमकर अवैध कटाई हो रही है. प्रदेश के जंगल को हरा-भरा रखने हर साल चार से पांच करोड़ पौधे लगाए जाते हैं. इन पौधों की खरीदी और रखरखाव पर तकरीबन 400 करोड़ तक का खर्च आता है. पिछले पांच साल में वन विभाग ने 20 करोड़ से ज्यादा पौधे रोपे. पौधारोपण के छह महीने बाद इनकी मॉनीटरिंग और गणना भी हुई. यह गणना साल में दो बार होती है. इस तरह की गणना तीन साल तक लगातार चलती है.

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मप्र में वन क्षेत्र

दावों की खुली पोल: गणना में देखा जाता है कि लगाए गए पौधों में से कितने फीसदी जीवित बचे, लेकिन पौधारोपण के बाद की गणना और मानीटरिंग का रिकार्ड मौजूद नहीं है, वन अधिकारी दावा जरूर कर रहे हैं कि लगाए गए पौधों में से 50 फीसदी से ज्यादा जीवित हैं, लेकिन मैदानी हकीकत कुछ और है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वन मंत्री उमंग सिंघार ने पौधारोपण में होने वाली धांधली को रोकने एक सर्वे कराया था, उस सर्वे में पौधारोपण की हकीकत सामने आई थी. विभाग ने बैतूल उत्तर मंडल की शाहपुरा रेंज में 15 हजार 526 पौधे लगाने का दावा किया, लेकिन मौके पर नौ हजार गड्ढे ही मिले थे. इनमें भी दो से ढाई हजार पौधे ही पाए गए. गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने पांच मैदानी कर्मचारियों को निलंबित किया था.

सीएम शिवराज ने दिया पेड़ बचाओ का संदेश: सीएम शिवराज सिंह चौहान वृक्षारोपण का महत्व लोगों को बताते हैं, उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाइए तो बड़े वृक्ष किस तरह से पक्षियों को सुरक्षित रखते हैं, इससे ही इको सिस्टम में बैलेंस बनता है.

  • मेरे किसान भाइयों, हम धरती पुत्र हैं;

    इसलिए धरती को बचाने का सबसे ज्यादा दायित्व भी हमारा है। pic.twitter.com/3o4gSwfdko

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

CM के लगाए पेड़ सुरक्षित पर जंगलों में नहीं: एमपी में 4 सालों में 13, 000 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है और हजारों हेक्टेयर के बेशकीमती जंगल मैदान में तब्दील हो गए हैं. फॉरेस्ट सर्वे की रिपोर्ट में एमपी में हर साल 764 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण होना बताया गया है जो कि देश में सबसे ज्यादा अतिक्रमण का आंकड़ा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार बनने के बाद हर रोज पौधा लगाना शुरू किया. सीएम ने नर्मदा जयंती पर संकल्प लिया था 3 साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अलग-अलग प्रजातियों के 3200 ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मुख्यमंत्री के लगाए गए 3200 में से 99.9% पौधे सुरक्षित हैं. मुख्यमंत्री चूंकि वी वीआईपी, इसलिए पौधों की सुरक्षा के लिए पूरा महकमा लग जाता है. मुख्यमंत्री के पेड़ों की सुरक्षा का आलम यह है कि ज्यादा गर्मी पड़े तो भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में पौधों के ऊपर कपड़ा लगाकर उन्हें सुरक्षित रखा जाता है लेकिन सवाल उठता है कि जब मुख्यमंत्री के पौधे सुरक्षित रह सकते हैं तो वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर 50 फ़ीसदी पौधे क्यों सुरक्षित नहीं रख पाता.

कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने कहा ने आरोप लगाए कि जो भी पौधारोपण का बजट आता है उसमें शिवराज सरकार भ्रष्टाचार और घोटाला करती है. मंत्री और अधिकारी मिलकर भ्रष्टाचार कर पैसा खा जाते हैं, मध्य प्रदेश में 17% जंगल का रकबा घट गया है. वहीं पूर्व IFS का आरोप है कि जंगलों में जमकर अवैध कटाई हो रही है, जंगल माफिया को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, वन अमला यदि 1 कटाई रोकने जाता है तो उस पर हमले होते हैं सरकार ने उन्हें अभी तक बंदूक चलाने के अधिकार भी नहीं दिए हैं.

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