श्योपुर/शिवपुरी। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क का चीता ओवान एक बार फिर चर्चा में आ गया है, एक ही महीने में अबतक ये चीता दूसरी बार पार्क की सीमा से बाहर निकला है. रविवार को शिवपुरी के बैराड़ क्षेत्र के जोरोई गांव में खेतों में लोगों को चीता घूमता दिखाई दिया, जिसकी सूचना तुरंत ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. जानकारी मिलते ही वन अमला अलर्ट हो गया है और चीता ओवान के मूवमेंट पर नजर रखने लगा, हालांकि वन विभाग ने चीता ओवान के रेस्क्यू करने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि इतने कम समय में दोबारा से चीते को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू नहीं किया जा सकता है.
चीते को देखकर ग्रामीणों में दहशत, युवाओं में उत्साह: बताया जा रहा है कि श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया नर चीता ओवान शनिवार रात में एक बार फिर से नेशनल पार्क एरिया को जंप कर शिवपुरी जिले की रिहायशी इलाके में पहुंच गया है. भागा चीता ओवान रविवार को पूरे दिन शिवपुरी जिले की बैराड़ तहसील क्षेत्र के रिहायशी इलाके के आसपास खेतों में घूमता नजर आया. चीते के रिहायशी इलाके के आसपास घूमने से जहां एक ओर ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर युवाओं में चीते को देखने की उत्सुकता नजर आई. यही कारण रहा कि बड़ी संख्या में मौजूद गांव के युवा अपने मोबाइल से चीते का वीडियो बनाते नजर आए.
ओवान चीते की मूवमेंट पर वन विभाग की नजर: कूनो नेशनल पार्क से भागा चीता ओवान सबसे पहले बैराड़ तहसील क्षेत्र के जौराई गांव में देखा गया, जिसके बाद चीता कैमई रैय्यान और देवपुरा गांव के खेतों में चहलकदमी करता नजर आया. इस मामले की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने रेडियो कॉलर के जरिए चीता ओवान की खोज की और अब उसपर नजर बनाए हुए है. रविवार की देर शाम चीते की लोकेशन देवपुरा गांव में देखी गई. फिलहाल चीता देवपुरा गांव से बैराड़ कस्बे के रिहायशी इलाके की ओर बढ़ रहा है. वन विभाग की एक टीम लगातार चीते की सुरक्षा और उसकी हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है.
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चीते को ट्रेंकुलाइज कर नहीं किया जाता रेस्क्यू: शिवपुरी जिले की बैराड़ तहसील क्षेत्र का जंगल कूनो नेशनल पार्क की सीमा से लगा हुआ है. यही कारण है कि चीता बार-बार नेशनल पार्क की सीमा को फांदकर शिवपुरी जिले के जंगल में प्रवेश कर जाता है. बीते 6 अप्रैल को भी कूनो नेशनल पार्क से भागे चीते ओवान को दक्षिण अफ्रीका से आई टीम डॉक्टरों की मौजूदगी में बैराड़ तहसील क्षेत्र के डाबरपुरा रामपुरा गांव से ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया था. इसके बाद ओवान चीते को वापस कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. वन विभाग और पशु चिकित्सा विशेषज्ञोंं का कहना है कि "इतने कम समय में दोबारा से चीते को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू नहीं किया जा सकता है, इसलिए वन विभाग फिलहाल चीते की सुरक्षा में उसके आसपास लगा हुआ है. इसके लिए वन विभाग स्थानीय पुलिस प्रशासन की मदद भी ले रहा है."