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Bageshwar Dham: धीरेंद्र शास्त्री के 'चमत्कार' का राज खोल दिया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने - अविमुक्तेश्वरनंद का धीरेंद्र शास्त्री पर बयान

बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के 'चमत्कार' को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती (Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चमत्कार से रोग ठीक होते तो अस्पतालों व डॉक्टरों की क्या जरूरत है. इसके साथ ही शंकराचार्य ने भारत के विश्वगुरु बनने को लेकर भी करारा तंज कसा है.

revealed secret miracle of Bageshwar Dham
धीरेंद्र शास्त्री के 'चमत्कार' का राज खोल दिया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने
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Published : Jul 1, 2023, 1:46 PM IST

धीरेंद्र शास्त्री के 'चमत्कार' का राज खोल दिया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने

ग्वालियर। ग्वालियर पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा "धीरेंद्र शास्त्री को उन्होंने मिलने के लिए बुलाया था. वह उनके चमत्कार के बारे में जानना चाहते थे. लेकिन वह नहीं आए. चमत्कार से काम नहीं चलता. अगर सब कुछ चमत्कार से होने लगेगा तो प्रयास की क्या जरूरत है. अगर चमत्कार से रोग दूर हो जाते तो धीरेंद्र शास्त्री 100 करोड़ रुपए का अस्पताल क्यों बनवा रहे हैं. अगर चमत्कार से मरीज ठीक होने लगें तो डॉक्टरों की क्या जरूरत है."

विश्वगुरु की बात करते हैं लेकिन हैं विश्वचेला : इसके अलावा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने मोदी सरकार पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया. उन्होंने कहा "विश्वगुरु की बात किस आधार पर करते हो. नए सांसद भवन का प्रारूप विदेश से ले आए तो कहां से हम विश्वगुरु बन गए. हम आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं. जब हम विदेश की नकल करेंगे तो कैसे आत्मनिर्भर होंगे. अभी तो कह सकते हैं कि हम विश्वचेले ही हैं." वहीं राम मंदिर निर्माण की प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा "अभी आधा अधूरा मंदिर है. अभी मंदिर बन रहा है तो अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कैसे हो सकती है."

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हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर भी बोले : अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा "हिंदू राष्ट्र कैसा होगा, कोई उसका प्रारूप तो बताओ. देश में हल्ला करने से कुछ नही होगा. आज की परिस्थिति से जो व्यक्ति दुखी है, वह हिंदू राष्ट्र बनने से क्या सुखी हो जाएगा." धर्मांतरण पर शंकराचार्य कहा "धर्मांतरण का विरोध कोई धर्म का व्यक्ति नहीं कर रहा है, बल्कि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं." वहीं UCC को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा कि समान नागरिक संहिता बनाने के नाम पर हिंदुओ के धर्म शास्त्रों की बहुत सारी बातों को हटाकर उनके स्थान पर क़ानून बना दिया गया है. पहले हिन्दू कोड बिल के नाम पर तत्कालीन सरकार लेकर आई थी,जिसका व्यापक विरोध हुआ. उसके बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में उसको पास कराया.

धीरेंद्र शास्त्री के 'चमत्कार' का राज खोल दिया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने

ग्वालियर। ग्वालियर पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा "धीरेंद्र शास्त्री को उन्होंने मिलने के लिए बुलाया था. वह उनके चमत्कार के बारे में जानना चाहते थे. लेकिन वह नहीं आए. चमत्कार से काम नहीं चलता. अगर सब कुछ चमत्कार से होने लगेगा तो प्रयास की क्या जरूरत है. अगर चमत्कार से रोग दूर हो जाते तो धीरेंद्र शास्त्री 100 करोड़ रुपए का अस्पताल क्यों बनवा रहे हैं. अगर चमत्कार से मरीज ठीक होने लगें तो डॉक्टरों की क्या जरूरत है."

विश्वगुरु की बात करते हैं लेकिन हैं विश्वचेला : इसके अलावा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने मोदी सरकार पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया. उन्होंने कहा "विश्वगुरु की बात किस आधार पर करते हो. नए सांसद भवन का प्रारूप विदेश से ले आए तो कहां से हम विश्वगुरु बन गए. हम आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं. जब हम विदेश की नकल करेंगे तो कैसे आत्मनिर्भर होंगे. अभी तो कह सकते हैं कि हम विश्वचेले ही हैं." वहीं राम मंदिर निर्माण की प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा "अभी आधा अधूरा मंदिर है. अभी मंदिर बन रहा है तो अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कैसे हो सकती है."

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हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर भी बोले : अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा "हिंदू राष्ट्र कैसा होगा, कोई उसका प्रारूप तो बताओ. देश में हल्ला करने से कुछ नही होगा. आज की परिस्थिति से जो व्यक्ति दुखी है, वह हिंदू राष्ट्र बनने से क्या सुखी हो जाएगा." धर्मांतरण पर शंकराचार्य कहा "धर्मांतरण का विरोध कोई धर्म का व्यक्ति नहीं कर रहा है, बल्कि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं." वहीं UCC को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा कि समान नागरिक संहिता बनाने के नाम पर हिंदुओ के धर्म शास्त्रों की बहुत सारी बातों को हटाकर उनके स्थान पर क़ानून बना दिया गया है. पहले हिन्दू कोड बिल के नाम पर तत्कालीन सरकार लेकर आई थी,जिसका व्यापक विरोध हुआ. उसके बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में उसको पास कराया.

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