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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात की है. बातचीत का एक वीडियो सामने आया है. अपने छात्र जीवन से राजनीति में प्रवेश करने वाले सत्यपाल मलिक से राहुल गांधी कई अहम मुद्दों पर बात की. इन मुद्दों में पुलवामा हमले, अडाणी मुद्दे, किसान आंदोलन, एमएसपी, आदि शामिल हैं. राहुल गांधी ने उनसे मणिपुर के मुद्दे पर भी सरकार के रवैये को लेकर भी बातचीत की. पुलवामा हमले और अन्य मुद्दों को लेकर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार के खिलाफ पहले से मोर्चा खोले हुए हैं. उन्होंने अलग-अलग मंचों से सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस नेता राहुल भी अब इन मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की. कहा जा रहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर इन मुद्दों को फिर से हवा देने की कोशिश की जा रही है.
'नॉर्थ ईस्ट को सरकार ने डिस्टर्व किया': सत्यपाल मलिक ने मणिपुर हिंसा मुद्दे को लेकर यह तक कहा कि नॉर्थ ईस्ट तो सेटल्ड था, सरकार ने ही डिस्टर्व कर दिया. उन्होंने दावे के साथ कहा, "छह महीने की बात है...लिखकर देता हूं, बिल्कुल नहीं आएंगे पावर में."
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क्या ये संवाद ED-CBI की भाग दौड़ बढ़ा देगा?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पुलवामा, किसान आंदोलन और अग्निवीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यपाल, पूर्व सांसद और किसान नेता, सत्यपाल मलिक जी के साथ दिलचस्प चर्चा!
पूरा वीडियो मेरे यूट्यूब चैनल पर देखिए। pic.twitter.com/tIGkXDRjzD
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 25, 2023
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पुलवामा, किसान आंदोलन और अग्निवीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यपाल, पूर्व सांसद और किसान नेता, सत्यपाल मलिक जी के साथ दिलचस्प चर्चा!
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जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा : सत्यपाल मलिक ने कहा, "जम्मू कश्मीर की स्थिति को फौज या जबरदस्ती से ठीक नहीं किया जा सकता है. वहां के लोगों मिलनसार हैं, असंभव नहीं. उनके दिलों को जीतकर आप कुछ भी कर सकते हैं. मैं उनके साथ रहा और उन्हें अपने साथ लेकर आगे भी चला." वहां की समस्याओं के समाधान पर उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को लोगों को उन्हें राज्य का दर्जा तुरंत मिलना चाहिए. आर्टिकल 370 से उन्हें उतनी समस्या नहीं हुई, जितनी राज्य का दर्जा छिनने से हुई. उन्होंने बताया, "मेरे ख्याल से सरकार ने केंद्र शासित संघ इसे इसलिये बनाया क्योंकि उन्हें लगता था कि स्थानीय पुलिस विद्रोह करेगी. जबकि ऐसा कुछ नहीं था." उन्होंने ईद के महीने का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार से पुलिस हमेशा वफादार रही. ईद के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी पुलिस कर्मचारी ने छुट्टी नहीं ली और ड्यूटी पर बने रहे. यहां तक कि अमित शाह ने भी राज्य का दर्जा वापस करने का वादा किया और चुनाव कराने की बात कही. सत्यपाल मलिक ने कहा, "इस बारे में सरकार से मेरी बात हुई, लेकिन उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा वापस करने की जरूरत किया है. सब सही तो है. लेकिन स्थिति सामान्य नहीं है. वहां सारे विद्रोही वापस आ रहे हैं, आतंकवादी सक्रिय हो गए हैं. आए दिन आतंकी घटनाएं हो रही हैं. रजौरी और कश्मीर घाटी में रोजाना कुछ न कुछ होते रहते हैं."
पुलवामा हमले को लेकर सरकार पर बड़ा आरोप : पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के मामले में केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह पर हमला किया था. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि इस मामले की जांच नहीं हुई. अगर जांच होती तो गृह मंत्री का इस्तीफा होता. कई अफसर जेल में होते. बता दें कि पुलवामा हमले में 40 सैनिक शहीद हो गए थे.
'पुलवामा मामले में चुप्पी रहने कहा गया' : मलिक ने कहा कि जिस समय यह घटना हुई उस दौरान वह जम्मू कश्मीर के गर्वनर थे. उन्होंने बताया, "आर्मी ने एयरक्राप्ट की मांग की थी और उनका एप्लिकेशन चार महीने तक गृह मंत्रालय में पड़ा रहा. आखिर में एप्लिकेशन खारिज भी कर दिया गया. चार महीने तक आर्मी के जवान सड़क पर चले ही नहीं क्योंकि उनके जान को खतरा था. उन्होंने पांच एयरक्राफ्ट मांगे थे. ये बात मेरे सामने नहीं आई, ये केवल सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय के बीच की बात हुई थी." उन्होंने कहा, "जब सीआरपीएफ के जवानों की मूवमेंट होती थी तो वो हमें खबर न देकर गृह मंत्रालय को खबर देते थे. जिस गाड़ी से जवानों की ट्रक टकरायी थी, वो भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर वहां दस दिन से घुम रही थी. यहां तक कि जिस रास्ते पर ये घटना हुई, वहां सिस्टम भी खराब थी. घटना वाले दिन वहां सिवील ट्रैफिक भी नहीं रोकी गई, जिसके कारण विस्फोटक से भरी गाड़ी से जवानों का ट्रक टकराया और ब्लास्ट हुआ." सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलवामा मामले में मुंह बंद रखने के लिए कहा गया था. सत्तारूढ़ दल ने जांच नहीं कराई. सत्यपाल मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया था.
मणिपुर मुद्दे पर सत्यपाल : सत्यपाल मलिक ने बताया, "मेघालय में उनकी पोस्टिंग गोवा के बाद हुई थी और यह एक तरह से यह सजा के तौर पर मिली थी. दरअसल, मैंने गोवा में भ्रष्टाचार पर बहुत कुछ बोला था. मेरी पांच पोस्टिंग हुई, जैसे सरकारी कर्मचारी की होती है." मणिपुर की स्थिति पर उन्होंने कहा, "मणिपुर की सरकार पूरी तरह से नाकाम है. वहां की सरकार अपने ही राज्य में कहीं जा नहीं सकता है और न ही कुछ कर सकता है. इसके बावजूद उसे हटाया नहीं जा रहा है."
'जनता सब समझती है' : सत्यपाल मलिक ने कहा, "सरकार को कुछ करना नहीं है...केवल उन्हें राज करना है. मैं जमीनी स्तर पर गया हूं...जनता सब समझती है." उन्होंने यह भी कहा, "मैने कई शिकायतें की, तो सीबीआई का छापा मेरे और मेरे स्टाफ के घरों में पड़ा. लेकिन अंत में वे भी कहते हैं, हमारी मजबूरी है."