नई दिल्ली : देश में गरीबी-अमीरी का असंतुलन अभी लंबे समय तक रहने वाला है लेकिन किसानों को लोग दीन हीन के नजरिये से ना देखें. उक्त बातें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने 'भारतीय कृषि का स्वदेश व वैश्विक समृद्धि में योगदान' विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने किसानों के साथ सम्मान शब्द को जोड़ा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये वार्षिक देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि आज देश के 11.5 करोड़ किसानों के खाते में अब तक 2 लाख करोड़ रुपये सीधे पहुंच चुके हैं.
बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव पर भारतीय किसान संघ, इंडियन एग्रो-इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान आजादी के 75 वर्ष बाद भारतीय कृषि की उपलब्धियां, बदलाव और आगे की योजनाओं पर चर्चा की जा रही है. इसमें देश भर से विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, किसान और छात्रों के अलावा विदेश से भी लोग शामिल हो रहे हैं. इसी कड़ी में मॉरीशस के कृषि मंत्री भी शामिल हुए, जिन्होंने भारत और मॉरीशस के बीच खाद्य सुरक्षा रणनीतिक साझेदारी पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए दोनों देशों के बीच जानकारी और तकनीक साझा करना आवश्यक होगा.
सम्मेलन के पहले सत्र में सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किस तरह से युवाओं को खेती के कार्य में वापस जोड़ा जाए. इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि युवा वर्ग खेती की ओर आकर्षित हो इसके लिए महत्वपूर्ण है कि कृषि मुनाफे का काम बने और इसके लिए उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता केंद्रित और आय केंद्रित होने पर भी जोर देना जरूरी है. साथ ही खेती के कार्य में बचत होना भी जरूरी है. वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश है और यहां 85-86% किसान 2 एकड़ से कम खेत वाले हैं. ऐसे में छोटे किसानों के लिए भी खेती किस तरह से मुनाफे वाली हो इसके लिए ही सरकार ने दस हजार नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य तय किया है जिस पर 6865 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं.
इस अवसर पर कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योजना बनाई गई है. तोमर ने बताया कि देश में 28000 हेक्टेयर जमीन पाम ऑयल की खेती के लिए उपर्युक्त है और इसे बढ़ावा देने के लिए अलग से 11 हजार करोड़ की योजना बनाई गई है. जैविक खेती भी आज देश में 38000 हेक्टेयर जमीन पर हो रही है और देश से निर्यात हुए 3.75 लाख के खाद्यान में ऑर्गेनिक का भी बड़ा योगदान है.
ये भी पढ़ें - न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पूर्व कृषि सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन