नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी की रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या की खबर मिलते ही सुनील मान उर्फ टिल्लू खुश हो गया. सूत्रों के अनुसार वह सोनीपत जेल में बंद है, जहां उसे यह खबर मिली. इस घटना में भले ही उसके दो साथी मारे गए, लेकिन विरोधी गैंग का सरगना गोगी भी खत्म हो गया. गोगी की मौत उसके लिए इसलिए भी खुशखबरी है क्योंकि वह कभी भी टिल्लू को मरवा सकता था.
पुलिस के अनुसार रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट की घटना को टिल्लू के शूटरों ने अंजाम दिया है. इसलिए इस मामले में उसे रिमांड पर लाया जाएगा और हत्याकांड को लेकर पूछताछ की जाएगी. उन्हें यकीन है कि जेल में बैठकर ही उसने हत्या की पूरी साजिश रची और इसे अंजाम दिलवाया. इस हत्या के लिए उसने जिस राहुल और मॉरिस को चुना, वह दोनों ही उसके खास शूटर थे.
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सूत्रों का कहना है कि टिल्लू को अपने दो साथियों के मारे जाने का अफसोस है, लेकिन गोगी की हत्या के लिए वह पहले भी कोई कीमत चुकाने को तैयार था. उसके लिए इस रंजिश में सबसे बड़ी उपलब्धि गोगी का खात्मा है. सूत्रों के अनुसार इन हमलावरों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वहां पर स्पेशल सेल की टीम भी मौजूद रहेगी. उन्हें लगा था कि वह कोर्ट के भीतर हत्या को अंजाम देंगे और जब भगदड़ मचेगी तो आसानी से वहां से फरार हो जाएंगे. गोगी को जब अदालत में पेश किया गया तो उसके साथ स्पेशल सेल की टीम मौजूद थी, लेकिन यह मौका वह गंवाना नहीं चाहते थे. इसलिए उन्होंने अपनी जान को दांव पर लगाकर गोगी को गोली मारी और बदले में स्पेशल सेल के हाथों मारे गए. यह दोनों ही बदमाश हत्या के मामले में वांछित चल रहे थे. फिलहाल तीनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
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पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपियों में से एक के पास .30 बोर जबकि दूसरे के पास .38 बोर की पिस्टल थी. दोनों ने यहां पर 5 से 6 गोलियां चलाई हैं. पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि यह हथियार उनके पास कहां से आये. इस मामले में फिलहाल पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज हो रहे हैं जो अदालत में मौजूद थे. इस घटना की जांच भी क्राइम ब्रांच को सौंपी जा सकती है.