भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर मध्यप्रदेश आए. जहां मिशन 2024 को लेकर पीएम मोदी ने एमपी से शंखनाद कर दिया है. उन्होंने 10 लाख बूथों के कार्यकर्ताओं को समझाया कि वोट लेना है तो तुष्टिकरण से नहीं, बल्कि संतुष्टिकरण से लेना होगा. ये पहली बार है कि मोदी ने मिशन 2024 का शंखनाद तो कर दिया, लेकिन संदेश भी स्पष्ट कर दिया है कि जो विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है, वो उसमें सफल नहीं होगा. पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कांग्रेस के साथ विपक्षी दल को भी निशाने पर लिया.
विपक्षी दल करती है तुष्टीकरण की राजनीति: पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. उन्होंने छोटे-छोटे कुनबे खड़े कर दिए हैं.पीएम ने कहा कि कुछ लोग अपने दल के लिए ही काम करते हैं. तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं, गरीबों को गरीब बनाए रखना चाहते हैं. यह देश के लिए महाविनाशक होता है. यह देश में विकास को रोकता है. समाज में दीवार खड़ी करता है. एक तरफ इस तरह के लोग अपने स्वार्थ के लिए छोटे-छोटे कुनबे दूसरों के खिलाफ खड़े कर देते हैं. दूसरी तरफ हम भाजपा के लोगों के संस्कार और संकल्प बड़े हैं.
हमने तुष्टीकरण नहीं संतुष्टीकरण का रास्ता चुना: प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता देश के लिए है. हम मानते है कि देश का भला होगा, तो सबका भला होगा. इसलिए हमने तय किया है कि हमें तुष्टीकरण और वोटबैंक के रास्ते पर नहीं चलना है. हम मानते हैं कि देश का भला करने का रास्ता तुष्टीकरण नहीं है. सच्चा रास्ता संतुष्टीकरण का है. हम देख रहे हैं कि तुष्टीकरण की राजनीति ने लोगों के बीच में खाई पैदा कर दी है. पीएम ने कहा कि हमने देखा कि यूपी में हमारे पासी, कोरी, खटीक भाई बहन राजनीति के शिकार हुए और विकास से वंचित रह गए. बिहार में दलित, महादलित और उसमें भी नई राजनीती. इस कारण एक दूसरे को लोग संशय से देखने लगे.
दक्षिण भारत में कई समाजों को बर्बाद करके रखा: दक्षिण भारत में भी राजनेताओं ने कई समाजों को बर्बाद करके रखा है. वहीं केरल में अदीयन, काट्टूनायकन, कोचुवेलन, जेनुकुरुवन जैसी जातियों को विकास के क्रम में पीछे छोड़ दिया गया. कर्नाटक में मलाईपूरी, कोटवालिया, बरोडिया जैसे समाज की उपेक्षा हुई. अनुसूचित जाति वर्ग की भी उपेक्षा हुई. वोट बैंक की राजनीति में घूमन्तू जातियों की परवाह नहीं की गई. गड़रिया, लोहार जैसी जातियों को भी सरकार की योजना के लाभ से वंचित किया गया. पिछले 9 वर्षों में हमने छोटे-छोटे परिवारों की सुध ली, जिनकी पहले किसी ने सुध नहीं ली थी. पीएम ने स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पहली बार बैंक के दरवाजे खोल दिये. इस बार के बजट में पीएम विश्वकर्मा योजना लाए हैं. हमारे विश्वकर्मा साथी जो हाथ और औजार से काम करते हैं, लोहार, सोनार, सुथार, मिस्त्री जैसे साथियों को मदद मिलने वाली है. भाजपा सरकार ने हमारे बंजारा समाज के लिए वेल्फेयर बोर्ड गठित किया. ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया. भाजपा सरकार ही है, जिसने पहली बार गरीब परिवार को आरक्षण का लाभ दिया. तुष्टीकरण और संतुष्टीकरण में इतना ही फर्क होता है. हमारा लक्ष्य 100% सेचुरेशन है.