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जम्मू-कश्मीर के नेताओं को चुनाव के आश्वासन के साथ पीएम की सर्वदलीय बैठक समाप्त - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारा दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, सज्जाद लोन समेत कई नेता शामिल हुए. बैठक करीब तीन घंटे तक चली. बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने बताया कि पीएम ने कहा है कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.

पीएम के साथ बैठक आज
पीएम के साथ बैठक
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Published : Jun 24, 2021, 2:36 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 10:45 PM IST

नई दिल्ली/श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक सात, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर आज अपराह्न करीब 3.40 बजे शुरू हुई बैठक लगभग तीन घंटे तक चली.

इस बैठक में आठ दलों के 14 नेता आमंत्रित किए घए. इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद प्रमुख चेहरे रहे.

सर्वदलीय बैठक

बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि आज वार्ता अच्छे माहौल में हुई. प्रधानमंत्री ने हमारे सभी नेताओं के मुद्दे सुने. पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.उन्होंने कहा कि पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा. हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है. पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

गुलाम नबी आजाद का बयान

पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर नेताओं की मुलाकात पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमने बैठक में 5 मांगें रखीं- राज्य का दर्जा जल्द दें, लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियमों पर भी बात की गई.उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है. सभी नेताओं ने की पूर्ण राज्य की मांग.'

वहीं बैठक के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने मीडिया को बताया कि बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई. हम काफी सकारात्मक हैं.

रविंदर रैना का बयान

जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि सभी जम्मू-कश्मीर के भविष्य और बेहतरी के लिए मिलकर काम करेंगे. पीएम मोदी ने सबकी सुनी और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे, जबकि मुजफ्फर हुसैन बेग ने बताया कि सभी नेताओं ने राज्य का दर्जा देने की मांग की, जिस पर पीएम ने कहा, पहले परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए और फिर अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा. यह एक संतोषजनक बैठक थी, जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए सभी पूरी तरह से एकमत थे.

इससे पहले भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे.

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सहित पीएमओ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की.

फारूक अब्दुल्ला का बयान

पीएम से मिलने के पहले फारूक अब्दुल्ला
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था. पीएम से मुलाकात से पहले फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि मैं बैठक में जा रहा हूं. मैं वहां अपनी मांगों को रखूंगा और फिर आपसे बात करूंगा. महबूबा मुफ्ती अपनी पार्टी की अध्यक्ष हैं, उन्होंने जो कहा उस पर मैं क्यों बोलूं?

अनुच्छेद 370 पर बात नहीं
बैठक से पहले जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर से जब यह पूछा गया कि क्या वह अनुच्छेद 370 की बहाली के खिलाफ हैं, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल हम इस बारे में बात नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त, 2019 को राज्य को छीनने और विभाजित करने के फैसले के बाद से संकट में हैं. सर्वदलीय बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि, होने जा रही इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है और जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने कहा कि वे खुले मन से इसमें शामिल होंगे.

जम्मू-कश्मीर के ये नेता भी बैठक में हुए शामिल
बता दें कि बैठक में आमंत्रित लोगों में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद,कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग, भाजपा नेता निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) प्रमुख अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर, भाजपा के रवींद्र रैना और पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह शामिल है.

यह भी पढ़ें- कितनी सफल होगी जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की बैठक ?

गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) (People's Alliance for Gupkar Declaration) के प्रवक्ता एवं माकपा नेता यूसुफ तारिगामी ने कहा, हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है. हम बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र क्या पेशकश कर रहा है. कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि पीएजीडी वहां जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए होगा.

नई दिल्ली/श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक सात, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर आज अपराह्न करीब 3.40 बजे शुरू हुई बैठक लगभग तीन घंटे तक चली.

इस बैठक में आठ दलों के 14 नेता आमंत्रित किए घए. इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद प्रमुख चेहरे रहे.

सर्वदलीय बैठक

बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि आज वार्ता अच्छे माहौल में हुई. प्रधानमंत्री ने हमारे सभी नेताओं के मुद्दे सुने. पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.उन्होंने कहा कि पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा. हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है. पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

गुलाम नबी आजाद का बयान

पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर नेताओं की मुलाकात पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमने बैठक में 5 मांगें रखीं- राज्य का दर्जा जल्द दें, लोकतंत्र बहाल करने के लिए विधानसभा चुनाव कराएं, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियमों पर भी बात की गई.उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है. सभी नेताओं ने की पूर्ण राज्य की मांग.'

वहीं बैठक के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने मीडिया को बताया कि बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई. हम काफी सकारात्मक हैं.

रविंदर रैना का बयान

जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को पीएम नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि सभी जम्मू-कश्मीर के भविष्य और बेहतरी के लिए मिलकर काम करेंगे. पीएम मोदी ने सबकी सुनी और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे, जबकि मुजफ्फर हुसैन बेग ने बताया कि सभी नेताओं ने राज्य का दर्जा देने की मांग की, जिस पर पीएम ने कहा, पहले परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए और फिर अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा. यह एक संतोषजनक बैठक थी, जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए सभी पूरी तरह से एकमत थे.

इससे पहले भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे.

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सहित पीएमओ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की.

फारूक अब्दुल्ला का बयान

पीएम से मिलने के पहले फारूक अब्दुल्ला
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था. पीएम से मुलाकात से पहले फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि मैं बैठक में जा रहा हूं. मैं वहां अपनी मांगों को रखूंगा और फिर आपसे बात करूंगा. महबूबा मुफ्ती अपनी पार्टी की अध्यक्ष हैं, उन्होंने जो कहा उस पर मैं क्यों बोलूं?

अनुच्छेद 370 पर बात नहीं
बैठक से पहले जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर से जब यह पूछा गया कि क्या वह अनुच्छेद 370 की बहाली के खिलाफ हैं, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल हम इस बारे में बात नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त, 2019 को राज्य को छीनने और विभाजित करने के फैसले के बाद से संकट में हैं. सर्वदलीय बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि, होने जा रही इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है और जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने कहा कि वे खुले मन से इसमें शामिल होंगे.

जम्मू-कश्मीर के ये नेता भी बैठक में हुए शामिल
बता दें कि बैठक में आमंत्रित लोगों में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद,कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग, भाजपा नेता निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) प्रमुख अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर, भाजपा के रवींद्र रैना और पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह शामिल है.

यह भी पढ़ें- कितनी सफल होगी जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की बैठक ?

गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) (People's Alliance for Gupkar Declaration) के प्रवक्ता एवं माकपा नेता यूसुफ तारिगामी ने कहा, हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है. हम बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र क्या पेशकश कर रहा है. कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि पीएजीडी वहां जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए होगा.

Last Updated : Jun 24, 2021, 10:45 PM IST
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